बहू बन संभाला घर, सरपंच बन कराया गांव का विकास, अब वैज्ञानिक बनी ज्योति
हिसार के गांव गामड़ा की सरपंच और बहू ज्योति हैं बीेटेक पास, पत्नी वैज्ञानिक बन सके इसके लिए पति ने एक साल के बच्चे को मां की तरह संभाला और ज्योति सरपंच से वैज्ञानिक बन गई।
नारनौंद [सुनील मान] महिला के कंधों पर जिम्मेवारी किसी भी तरह की क्यों न हो वो उसका निर्वहन सही तरीके से करती है। एक ऐसा ही उदाहरण है गामड़ा गांव की सरपंच ज्योति का। गांव का विकास करवाने के लिए गामड़ा गांव की पढ़ी-लिखी बहू ने सरपंच पद के लिए फार्म भरा और गांव के लोगों ने उन्हें चौधर भी सौंप दी। गांव की सेवा के साथ-साथ सरपंच ज्योति का सपना वैज्ञानिक बनने का भी था। उसका ये सपना भी करीब दो साल बाद ही अब पूरा हो गया। गांव की सरपंच अब नई दिल्ली में वैज्ञानिक के रूप में कार्य करेंगी।
इस कारण छह महीने के बाद गांव में उप चुनाव करवाया जाएगा। तब तक गांव के पंचों में से एक को कार्यवाहक सरपंच बनाया जाएगा। गामड़ा गांव में अबकी बार महिला सरपंच के लिए सीट आरक्षित थी और सरकार ने चुनाव में पढ़ाई की शर्त को भी लागू कर दिया था। ऐसे में ज्योति ने सोचा कि वो गांव की सरपंच बनकर समाज सेवा में अपना अहम योगदान देगी। इसके लिए उसने अपने पति नरेंद्र को विश्वास में लिया और सरपंची के लिए चुनावी दंगल में उतर गई। 10 जनवरी 2016 को नरेन्द्र की पत्नी ज्योति को गांव की सरपंच चुन लिया गया। उन्होंने अपने दो साल के कार्यकाल में अनेक विकास कार्य करवाए। वो दिन में गांव के विकास कार्य व लोगों के आपसी समझौते करवाने के लिए काम करतीं और रात को अपने टेस्ट की तैयारी में जुट जातीं।
प्रथम श्रेणी से बीटेक पास हैं ज्योति
ज्योति ने बीटेक की परीक्षा प्रथम श्रेणी से पास की थी। उन्होंने वैज्ञानिक तकनीकी सहायक पद के लिए 17 दिसंबर 2017 को एक टेस्ट दिया था। जिसके परिणाम में वो पूरे देश में 14वें रैक पर रहीं। सरपंच ज्योति को 30 अक्टूबर को दिल्ली में इस पद पर नियुक्त होना है। इस वजह से उन्होंने सोमवार को खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी को अपना त्याग पत्र सौंप दिया है।
जिसके पास ज्यादा पंच, वही बनेगा कार्यवाहक पंच
गामड़ा गांव में कुल दस पंच हैं और जब तक उपचुनाव नहीं होता, तब तक इन पंचों में से जिस पंच के पास बहुमत होगा। उस पंच को कार्यवाहक सरपंच चुन लिया जाएगा। बता दें कि वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने इस गांव को गोद लिया हुआ था।
पहले सरपंच बन किया अब वैज्ञानिक बन नाम करूंगी रोशन
सरपंच ज्योति ने बताया कि गांव के लोगों से जुड़कर बहुत कुछ सीखने को मिला। गांव में बहुत विकास कार्य करवाना चाहती थी। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। अब वैज्ञानिक बनकर गांव का नाम रोशन करूंगी। दोनों ही कामों के लिए मेरे पति नरेन्द्र का अहम योगदान मिला। उन्होंने दिन-रात मेरे एक साल के बेटे और चार साल की बेटी का मुझसे भी ज्यादा ख्याल रखा। अब मैंने सरपंच के पद से त्याग पत्र दे दिया है।
सरपंच ने दिया त्यागपत्र
बीडीपीओ बीडीपीओ रमेश कुमार ने बताया कि गामड़ा गांव की सरपंच ज्योति ने अपना त्याग पत्र दे दिया है। जिसको जिला उपायुक्त के पास भेज दिया जाएगा। गांव के पंचों में से ही किसी एक को कार्यवाहक सरपंच बना दिया जाएगा।