Future Maker Company की 261 करोड़ की संपत्ति अटैच, 252 करोड़ रुपये भी किए जब्त
कभी कपड़ सीलने वाले राधेश्याम सुथार ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर युवाओं को रातों-रात अमीर बनने का सपना दिखाकर फ्यूचर मेकर कंपनी बनाई थी। बाद में 2956 करोड़ रुपये फ्रॉड निकला था।
हिसार,जेएनएन। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हरियाणा के हिसार की फ्यूचर मेकर कंपनी के खिलाफ मनी लांड्रिंग मामले की जांच के तहत 261 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क कर ली हैं। समूह पर पोंजी स्कीम से निवेशकों को चूना लगाने का आरोप है।
ईडी ने कहा कि हिसार स्थित कंपनी फ्यूचर मेकर लाइफ केयर प्राइवेट लिमिटेड, उसके दो निदेशकों राधेश्याम और बंशीलाल तथा उनके परिजनों एवं सहयोगियों की संपत्तियां कुर्क करने का प्राथमिक आदेश दिया है। इन संपत्तियों में आवासीय भूखंड, खेती लायक जमीन तथा घर आदि शामिल हैं।
जिन 16 अचल संपत्तियों को कुर्क किया गया है वे हिसार, आदमपुर, कुलम, दिल्ली और चंडीगढ़ में स्थित हैं। इनके अलावा 34 बैंक खातों में जमा 252 करोड़ रुपये को भी कुर्क किया गया है। इनका कुल मूल्य 261 करोड़ रुपये है।
ईडी ने कहा कि तेलंगाना पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर उसने इस साल मार्च में मनी लांड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामला दायर किया। तेलंगाना पुलिस ने प्रति माह 20,000 से 10 लाख रुपये कमाई का सपना दिखाकर आम लोगों के साथ धोखाधड़ी के आरोप में मामला दर्ज किया था। समूह ने सीधे-सादे लोगों को अपने पोंजी पिरामिड स्कीम का सदस्य बनने के लिए आमंत्रित किया था।
फ्यूचर मेकर कंपनी ने किया था 2956 करोड़ रुपये का फ्रॉड
हिसार के सीसवाल गांव निवासी राधेश्याम सुथार ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर युवाओं को रातों-रात अमीर बनने का सपना दिखाकर फ्यूचर मेकर कंपनी बनाई थी और उसका ऑफिस हिसार शहर के रेड स्कवेयर मार्केट में बनाया था। राधेश्याम पहले कपड़े सिलने का काम करता था। उसकी कंपनी के लोग निवेशकों को अधिक मुनाफा देने का झांसा देते थे। तेलंगाना पुलिस ने सितंबर 2018 के पहले हफ्ते में गुरुग्राम में छापा मारकर सीएमडी राधेश्याम और एमडी सुंदर को गिरफ्तार कर फ्रॉड का पर्दाफाश किया था।
तेलंगाना में फ्यूचर मेकर कंपनी के खिलाफ फ्राड और पीडी एक्ट के चार अलग-अलग केस दर्ज किए गए हैं। इस बीच कंपनी के यहां के मेंबर और प्रमोटर सकते में आ गए थे। प्रमोटर भूमिगत हो गए थे। निवेशकों ने उन पर रकम वापस करने का दबाव बना दिया था। प्रमोटर पहले लग्जरी गाडिय़ों में चलते थे और ठाठ-बाट की जिंदगी जीते थे।
इससे ग्रामीण अंचल के लोग कंपनी के लोगों से प्रभावित हो जाते थे। सिटी थाना पुलिस ने 9 सितंबर 2018 को फतेहाबाद के सतबीर सिंह की शिकायत पर फ्यूचर मेकर कंपनी के खिलाफ फ्रॉड का केस दर्ज किया था। एसआइटी बाद में सीएमडी राधेश्याम सुथार और एमडी सुंदर को तेलंगाना जेल से प्रोडक्शन वारंट पर लाई थी। उनको तफ्तीश में शामिल किया था। पुलिस इस मामले में अब तक सीएमडी समेत 15 आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है। एसआइटी की जांच में फ्रॉड 2956 करोड़ रुपये का निकला। तेलंगाना के फ्रॉड की रकम अलग है। पुलिस ने आरोपितों से पांच से ज्यादा गाडिय़ां बरामद की हैं।
फ्यूचर मेकर के मालिक दस साल पहले सीलता था कपड़े
आदमपुर खण्ड के गांव सिसवाल के राधे श्याम सुथार की चर्चा इन दिनों पूरे हरियाणा ही नहीं देश के अलग-अलग कोनों में छाई हुई है। राधेश्याम वो शख्स है जो करीब दस साल पहले दर्जी का काम करता था और लोगों के कपड़े सिलता था, लेकिन उसने फ्यूचर मेकर कंपनी के जरिये हजारों करोड़ रुपये का सामाज्य खड़ा कर दिया।
फ्यूचर मेकर कंपनी के मालिक राधेश्याम हिसार के सीसवाल गांव के रहने वाले हैं। उन्होने करीब दस साल पहले दर्जी के काम से अपना जीवन का कामकाज शुरु किया था, उसके कुछ समय बाद जब प्रॉपर्टी में बूम आया तो प्रॉपर्टी के काम में जुट गए और हिसार में अपना दफ्तर खोल लिया। यहां पर राधेश्याम ने अच्छे पैसे कमाए लेकिन जब प्रॉपर्टी का बाजार कुछ ठंडा पड़ा तो राधेश्याम मोटिवेटर बन गया।
राधेश्याम ने आरसीएम जैसी कंपनियों में एज के मोटिवेटर के तौर पर काम किया और एक बैठक में मोटिवेटर के तौर पर दस हजार से लेकर 15 हजार रुपये तक की फीस लेता था, लेकिन इन कंपनियों में मुनाफे को देखकर राधेश्याम ने भी अपनी कंपनी बनाने की ठानी।करीब तीन साल पहले राधेश्याम ने अपनी कंपनी फ्यूचर मेकर लिमिटेड के नाम से बनाई। इस कंपनी में उन्होने चिटफंड के नाम पर लोगों को पैसे डबल से दस गुणा तक करने का वादा करके निवेशकों को अपनी तरफ लुभाया।
कंपनी ने अलग-अलग तरीके से लोगों को पैसे डबल से कई गुना करने के वायदे किये थे। कंपनी की तरफ से 7500 रुपये में मेंबरशिप मिलती थी और इस दौरान मेंबर्स को दो शूट और अन्य सामान व बाकी के पैसे खाते में जमा किये जाते थे। इसके बाद चैन सिस्टम के जरिये आगे से आगे जोडऩे का काम शुरु होता था। कंपनी के प्रमोटर्स भी नये जुडऩे वाले लोगों के साथ जाते थे और उन्हे भी इस कंपनी में जुडऩे के लिए प्रोत्साहित करते थे। बताते हैं कि पुराने जुड़े हुए लोगों ने तो अपने लगाए हुए पैसे डबल कर लिये लेकिन जो नये जुड़े थे उनके पैसे डूबते हुए दिखाई दे रहे हैं।