चरखी दादरी में खाकी पर लगे दाग, चार पुलिसकर्मी निलंबित, दो किए बर्खास्त
दादरी में युवक को पुलिस ने जबरन पीसीआर में बैठा लिया था। हत्या के मामले को लेकर राजीनामा करने को कहा। मना करने पर पिटाई की। परिवार को भी थाने में बुलाय लिया। मुकदमे का भय दिखाते हुए जबरदस्त राजीनामा लिखवा लिया।
चरखी दादरी, जेएनएन। दादरी के गोशाला मोहल्ला निवासी एक युवक के साथ करीब एक सप्ताह पहले दादरी सिटी पुलिस स्टेशन में पुलिसकर्मियों द्वारा दुर्व्यवहार करने के मामले में पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार ने कड़ा संज्ञान लिया है। पुलिस अधीक्षक ने इस मामले में दादरी सिटी थाना प्रबंधक के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने, चार पुलिसकर्मियों को निलंबित करने तथा दो स्पेशल पुलिस आफिसर, एसपीओ को बर्खास्त करने के आदेश दिए हैं।
पुलिस प्रवक्ता पवन कुमार ने बताया कि बीती 13 मार्च को दादरी के वार्ड 19 निवासी सोमबीर ने गोशाला मोहल्ला निवासी राहुल के खिलाफ मारपीट करने व गाली-गलौच करने की शिकायत दादरी सिटी पुलिस स्टेशन में दी थी। इस शिकायत के संबंध में दादरी सिटी पुलिस स्टेशन के कर्मचारी उक्त राहुल को पीसीआर में रोजगार्डन के समीप से थाने में लेकर आए थे। उन्होंने बताया कि पुलिस कर्मचारियों द्वारा उक्त राहुल के साथ दुर्व्यवहार करने का मामला पुलिस अधीक्षक के संज्ञान में आते ही उन्होंने तुरंत कड़ा संज्ञान लिया है। जिसके तहत उन्होंने दादरी सिटी थाना प्रबंधक वीर सिंह के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने तथा इएएसआइ भीम सिंह, प्रधान सिपाही अशोक कुमार, सिपाही सुरेंद्र, सिपाही संजय को निलंबित करने तथा एसपीओ रणधीर व एसपीओ अनिल को बर्खास्त करने के आदेश दिए हैं।
यह था मामला
दादरी के गोशाला मोहल्ला निवासी राहुल ने दादरी सिटी पुलिस स्टेशन में दी शिकायत में बताया था कि बीती 13 मार्च की रात करीब नौ बजे वह रोज गार्डन के सामने बूथ पर खड़ा था। इसी बीच एक पीसीआर वहां आकर रूकी। जिसके बाद पुलिस कर्मचारियों ने राहुल को जबरन पीसीआर में बैठा लिया तथा दादरी सिटी थाने में ले गए। युवक ने आरोप लगाते हुए कहा था कि उक्त पुलिस कर्मियों ने उससे कहा कि वह मृतक बिंदर का भाई है और उसकी हत्या मामले को लेकर राजीनामा करवा दे। जिस पर राहुल ने असमर्थता जताई। उसी समय पुलिस कर्मियों ने उसकी पिटाई की। जिसके कारण उसके शरीर पर काफी चोटें लगी। राहुल ने बताया कि पुलिस कर्मियों ने उसके परिवार के लोगों को थाने में बुला लिया था। घायल का आरोप था कि पुलिस कर्मियों ने उसे मुकदमे का भय दिखाते हुए जबरदस्ती राजीनामा लिखवाया। जिसके बाद उसे रोहतक पीजीआइ में भर्ती करवाया गया था।
मानवाधिकार आयोग में भेजा था पत्र
पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता संजीव तक्षक ने बताया कि मामले में कार्रवाई न होने पर पीड़ित राहुल ने 18 मार्च को ही मानवाधिकार आयोग, पुलिस महानिदेशक हरियाणा, लोकायुक्त हरियाणा तथा पुलिस शिकायत प्राधिकरण हरियाणा को पत्र भेजा था। जिसमें उसने बताया कि बीती 14 मार्च को दादरी सिटी थाने तथा पुलिस के अन्य उच्च अधिकारियों को शिकायत देने के बावजूद अभी तक कोई ठोस कार्रवाई अमल में लाई गई है। राहुल ने पत्र के माध्यम से बताया कि पुलिसकर्मियों द्वारा उस पर समझौता करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। उसने संबंधित पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने तथा ड्यूटी में कथित तौर पर लापरवाही बरत रहे जांच अधिकारी व पुलिस के अन्य अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की थी।