महिला और दो बेटियों के बाद अब आग हादसे में झुलसी भतीजी ने भी तोड़ा दम
गांव भेरी अकबरपुर में शॉटसर्किट के कारण आग लगने से एक ही परिवार के झुलसे सात लाेगों में से शनिवार को तीन लोगों की मौत हुई तो वहीं रविवार की सुबह चौथे शख्स ने भी दम तोड़ दिया
हिसार, जेएनएन। गांव भेरी अकबरपुर गांव की एक ढाणी में शॉटसर्किट के कारण आग लगने से एक ही परिवार के झुलसे सात लाेगों में से शनिवार को तीन लोगों की मौत हुई तो वहीं रविवार की सुबह चौथे शख्स ने भी दम तोड़ दिया। एक महिला और उसकी दो बेटियां और भतीजी पूजा भी अब इस दुनिया में नहीं रही। जबकि परिवार के तीन सदस्य झुलसे हुए हैं। घायलों को हिसार के निजी अस्पतालों में इलाज चल रहा है। जहां पर उनकी हालत चिंताजनक बनी हुई है।
बता दें कि गांव भेरी अकबरपुर निवासी सुरेश जांगड़ा अपने परिवार के साथ खेतों में बनी ढाणियों में रहता है। शुक्रवर रात को सुरेश, उसकी पत्नी सुमन(38), बेटी रजनी(11), निशा(13) व कविता और भतीजी पूजा व आरती मकान में सो रहे थे। आधी रात के बाद शॉर्ट सर्किट के कारण मकान में आग लग गई। वहीं बिजली के तार टूटने से मकान में करंट आ गया। आग लगने से मकान में सो रहे सदस्य चीखने-चिल्लाने लगे। पास के खेत में काम कर रहे किसान जगदीश चीख-पुकार सुनकर बचाने के लिए दौड़ा, लेकिन करंट लगने के कारण वह पीछे हट गया। इसके बाद उसने ग्रामीणों को फोन पर हादसे की सूचना दी, जिसके बाद बिजली का कनेक्शन काटा गया। साथ ही दमकल केंद्र और पुलिस को सूचना दी गई। घटनास्थल पर पहुंच रही दमकल गाड़ी बीच रास्ते में ही फंस गई। ग्रामीणों से कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक सुमन, निशा और रजनी की मौत हो चुकी थी। ग्रामीणों ने सुरेश, उसकी बेटी कविता और भतीजी पूजा व आरती को बाहर निकाला। दमकल गाड़ी के कच्चे रास्ते में फंसी होने के कारण एंबुलेंस आगे नहीं जा पाई। ग्रामीणों ने ट्रैक्टर की सहायता से रास्ता बनाकर एंबुलेंस को निकाला। झुलसे लोगों को हिसार के दो निजी अस्पतालों में दाखिल कराया है। भतीजी पूजा की तौत के बाद अभी भी एक की हालत गंभीर बनी हुई है। मृतक सुमन, निशा और रजनी के शव का पोस्टमार्टम अग्रोहा मेडिकल कालेज अस्पताल में किया गया।
एडीसी ने की सरकारी खर्च पर इलाज की घोषणा, ग्रामीणों का अरोप पैसे के लिए बनाया जा रहा दबाव
आग से जलने के मामले में ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की की थी कि अस्पताल में घायलों का इलाज सरकारी खर्चे पर करवाया जाए। जिसके बाद ही तीन मृतकों का दाह संस्कार किया जाएगा। जिसके बाद एडीसी मान ने घोषणा की थी कि घायलों का इलाज रेडक्रास की तरफ से सरकारी खर्चे पर करवाया जाएगा। लेकिन अब ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जिस अस्पताल में सुरेश जांगड़ा व उनकी बेटी का इलाज चल रहा है उस अस्पताल प्रशासन द्वारा उनके ऊपर पैसे जमा कराने को लेकर लगातार दबाव बनाया जा रहा है। जबकि सरकार द्वारा सरकारी खर्चे पर उनका इलाज करवाने की बात कही गई थी। अस्पताल प्रशासन द्वारा पैसे मांगने की बात से अब ग्रामीणों में रोष बढ़ता जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि या तो प्रशासन घायलों का सरकारी खर्चे पर इलाज करवाये नहीं तो उन्हें विरोध करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। अस्पताल प्रशासन द्वारा पैसे के लिए दबाव देने से नाराज ग्रामीण आज अस्पताल में दम तोड़ने वाली पूजा के शव का दाह संस्कार न करने पर अड़ सकते हैं। जिससे प्रशासन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।