चार माह पहले भी सेंट्रल जेल टू में हुआ था बच्ची व गुर्जर गुट में गैंगवार
हिसार सेंट्रल जेल टू में कैदियों में घमासान पहले भी मचा है लेकिन गैंग
जागरण संवाददाता, हिसार : सेंट्रल जेल टू में कैदियों में घमासान पहले भी मचा है, लेकिन गैंगवार में हत्या पहली बार हुई है। बच्ची गुट और गुर्जर गुट में मार्च के महीने में टकराव हुआ था। तब पुलिस ने दोनों गुटों के लोगों पर केस दर्ज किया था।
मार्च महीने में भी दो गुटों के बदमाश भिड़ गए थे। दोनों गुटों के सदस्यों के बीच झगड़ा होने से आठ लोग घायल हुए थे। उसके बाद जेल प्रबंधन ने गैंगस्टर विनोद काणा को जेल टू से गुरुग्राम भिजवा दिया था। अब बृहस्पतिवार को रवींद्र की हत्या कर दी गई।
परिजनों ने जेल प्रबंधन पर जड़े गंभीर आरोप
फतेहाबाद के गांव सरदारेवाला निवासी राजेंद्र कुमार ने बताया कि उनके भांजे रवींद्र सिंह की हत्या जेल प्रबंधन के इशारे पर की गई है। यदि जेल में कोई सुरक्षित नहीं है तो कहां सुरक्षित हो सकता है। जेल प्रबंधन ने इस मामले में ढील बरती है, जिससे यह वारदात हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि वारदात करीब सात बजे हुई, मगर जेल के अधिकारी नौ बजे पहुंचे।
सिरसा जेल में शिफ्ट होना चाहता था रवींद्र
सरदारेवाला निवासी हरविद्र सिंह ने बताया कि उसका बड़ा भाई रवींद्र सिंह सिरसा की जेल में शिफ्ट होना चाहता था। वे 20 दिन पहले मुलाकात करने आए थे। तब उसने उनको यह बात बताई थी। उसने कहा था कि उसका मन हिसार की जेल में नहीं लग रहा है। वे उसको सिरसा की जेल में स्थानांतरित करा दें। परिजनों ने सोमवार को उसकी जमानत याचिका लगानी थी।
शरीर पर दिल समेत चोट के आठ निशान
आजाद नगर थाना पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम सिविल अस्पताल में कराया। मृतक के शरीर पर सुए की चोट के आठ निशान थे। एक चोट दिल के पास, एक कंधे के नीचे, एक चेहरे पर, एक सिर में, दो कोहनी में और दो पीठ के हिस्से पर थे। आजाद नगर थाना प्रभारी सुखजीत सिंह का कहना है कि शव का विसरा एफएसएल भेजा जा रहा है।
आइजी जेल जगजीत सिंह पहुंचे जांच करने
मामले की नजाकत को देखते हुए आइजी जेल जगजीत सिंह वारदात का चलने पर यहां पहुंचे। उन्होंने सेंट्रल जेल टू में पहुंचकर वारदातस्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने वहां तैनात सुरक्षाकर्मियों और बंदियों से पूछताछ की। आइजी ने मामले की जांच शुरू कर दी है। उन्होंने जेल के अधिकारियों से भी बात की।
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सुरक्षा में कोई ढिलाई नहीं : पातड़
जेल अधीक्षक संजीव पातड़ ने कहा है कि प्रबंधन पर किसी ने ड्यूटी में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है तो निराधार है। वह वारदात की सूचना मिलने पर फौरन जेल में पहुंच गए थे। बंदियों को सुबह छोड़ा तो कैंटीन के पास अचानक एक गुट ने दूसरे गुट पर हमला कर दिया। हमलावरों ने चम्मचों को घिसकर हथियार बनाया हुआ था। उन्होंने कहा कि सुरक्षा कर्मियों ने दोनों गुटों में बीचचाव कराया था।
इसी जेल में बंद है रामपाल
बरवाला थाना पुलिस ने नवंबर 2014 में सतलोक आश्रम प्रमुख रामपाल समेत 942 लोगों के खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज किया था। यह मामला अब अदालत में विचाराधीन है। आरोपित रामपाल सेंट्रल जेल टू में ही बंद है। मुकदमे की तारीख पर रामपाल के काफी समर्थक जेल के आसपास एकत्रित हो जाते हैं। इसलिए इस जेल में पहले से ही काफी सुरक्षा है। ऐसे में जेल में गैंगवार के दौरान हत्या होना सुरक्षा पर एक सवाल उठाता है।