मंगल सेन के साथी रहे फतेहाबाद के भाजपा से पूर्व विधायक रहे बलबीर चौधरी का निधन
पूर्व विधायक बलबीर चौधरी का रविवार देर रात निधन हो गया। वे 88 वर्ष के थे। करीब 70 वर्ष से राजनीति में थे। हरियाणा में भाजपा के प्रमुख नेता मंगलसेन के बलबीर चौधरी साथी रहे। फतेहाबाद विधानसभा से सबसे अधिक वोटों से जीतने का रिकार्ड अभी भी उनके नाम है।
फतेहाबाद, जेएनएन। पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे पूर्व विधायक बलबीर चौधरी का रविवार देर रात को निधन हो गया। वे 88 वर्ष के थे। करीब 70 वर्ष से राजनीति में थे। हरियाणा में भाजपा के प्रमुख नेता मंगलसेन के बलबीर चौधरी साथी रहे थे। फतेहाबाद विधानसभा से सबसे अधिक वोटों से जीतने का रिकार्ड अभी भी उनके नाम है। इतना ही नहीं वे हिंदी आंदोलन के सत्याग्रही बने तो जब देश में आपातकाल लागू हुआ तो वे सबसे आगे विरोध करने वालों में थे। इसके लिए वे जेल भी गए।
फतेहाबाद शहर में जवाहर चौक पर रहने वाले बलबीर चौधरी हमेशा से राष्ट्रीय स्वयं संघ से जुड़े रहे। उनके साथी बताते है कि वे बाल्यावस्था में संघ से जुड़े गए। जब पहले जनसंघ पार्टी में कार्य किया। बाद में भाजपा का गठन हुआ तो भाजपा से जुड़े गए। फतेहाबाद विधानसभा सीट से तीन बार चुनाव लड़ने का मौका मिला। जिनमें से एक बार जीते। हालांकि उनकी जीत का रिकार्ड अभी भी बना हुआ।
उनके निधन पर विभिन्न संगठनों ने शोक जताया है। भाजपा के विधायक दुड़ाराम, रतिया विधायक लक्ष्मण नापा, जिलाध्यक्ष बलदेव ग्रोहा, पूर्व जिलाध्यक्ष बलदेव ग्रोहा, पूर्व विधायक बलवान सिंह दौलतपुरिया, वेद फुलां, स्वतंत्र बाला चौधरी, जपपा नेता डा. विरेंद्र सिवाच, सुरेंद्र लेगा, कांग्रेस पूर्व विधायक प्रहलाद सिंह गिल्लाखेड़ा, व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने उनकी देहांत पर शोक व्यक्त किया है।
मातृभाषा सत्याग्रही में रहे थे बलबीर चौधरी
बलबीर चौधरी 1952 से राजनीति में सक्रिय रहे थे। बलबीर चौधरी के परिजन बताते हैं कि वे जब हरियाणा को अलग राज्य बनाने के लिए आंदोलन हुआ था उसमें वे शामिल नहीं हुए थे। हालांकि वे हिंदी के लिए हुए आंदोलन में खूब सक्रिय रहे। वैसे भी अलग हरियाणा भी हिंदी आंदोलन के गर्भ से ही निकला हुआ माना जाता है। चिल्ली झील को विकसित करवाने के लिए वे प्रयास कर रहे थे। जब मुख्यमंत्री मनोहर उनके घर गए थे तो उन्होंने चिल्ली झील को विकसित करने का उनके आग्रह किया।
आपातकाल में कांग्रेस के कार्यक्रम में घूस कर दिखाए काले झंडे
कांग्रेस शासनकाल में लगी एमरजेंसी का उन्होंने मुखर विरोध किया था। आपातकाल के दौर में जब राजनीतिक विरोधियों का सरकार जमकर उत्पीड़न करके उन्हें जेलों में ठूंस रही थी उन्होंने फतेहाबाद के साथ साथ हिसार में अपनी गतिविधियां जारी रखी। तब हिसार में मधुबन पार्क के निकट हुई कांग्रेस की रैली में घुसकर काले झंडे लहराए और आपातकाल का विरोध किया। इसी विरोध के चलते उन्हें जेल भी जाना पड़ा।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल आते थे जब जरूर उनके मिलते थे
जीवन पर्यंत ईमानदारी के प्रतीक, दंबग, बेदाग छवि के मालिक रहे बलबीर सिंह चौधरी प्रदेश के भाजपा के चंद चुनिंदा नेताओं में से एक थे। जिन्होंने पार्टी को प्रदेश में आगे बढ़ाया। प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर मुख्यमंत्री बनने से पहले उनसे मिलते थे। वहीं जब मुख्यमंत्री बन गए तो उनके मिलने उनके आवास पर भी गए। करीब 4 वर्ष पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल फतेहाबाद में नाइट स्टे किया। इस 8 दिसंबर की रात को फतेहाबाद में ठहरे। 9 दिसंबर 2017 को वे सुबह ही बलबीर चौधरी से मिलने पहुंच गए। इस दौरान उनके साथ भाजपा के भारत भूषण मिढ्ढा थे।
फतेहाबाद से 28 हजार वोटों से जीते थे बलबीर चौधरी
हरियाणा विधानसभा गठन के बाद अब तक हुए फतेहाबाद विधानसभा सीट पर चुनाव में सबसे अधिक वोट लेकर जीतने का रिकार्ड बलबीर चौधरी के नाम पर है। वे 1987 में हुए चुनाव में 28 हजार 615 वोट लेकर विजयी हुई। जो अब तक का रिकार्ड रहा है। बलबीर चौधरी को 43 हजार 479 वोट मिले। जो 52 फीसद थे। उन्होंने सीपीएम के नेता पिरथी सिंह गोरखपुरिया को हराया। गोरखपुरिया को 14 हजार 800 वोट मिले। वहीं तीसरे नंबर पर कांग्रेस के लीला कृष्ण चौधरी रहे। उन्हें 9 हजार 679 पर रही। वहीं मुख्यत्यार सिंह सदर को उनके सामने महज 2494 वोट ही मिले।