हुड्डा के खास और पूर्व राज्यमंत्री पकड़ सकते हैं अलग राह, 15 को लेंगे फैसला
टिकट पाने की कतार में थे बताया जा रहा है कि टिकट देने से इन्कार। अब झज्जर रोड स्थित अपने आवास पर 15 को लेकर कोई बड़ा फैसला। 11 साल भाजपा में भी रहे हैं।
रोहतक, जेएनएन। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खास माने जाते रहे पूर्व राज्य मंत्री कृष्णमूर्ति हुड्डा अलग राह पर चल सकते हैं। कृष्णमूर्ति विधानसभा चुनाव में टिकट के लिए तैयारी कर रहे थे और बताया जा रहा है कि टिकट देने से इन्कार हो चुका है। इसलिए पार्टी और पूर्व मुख्यमंत्री से नाराजगी सामने आ रही है। यही कारण है कि 15 सितंबर को झज्जर रोड स्थित अपने समर्थकों की आपातकालीन बैठक बुलाई है। इसी बैठक में आगामी राजनीति की रूपरेखा तय कर सकते हैं।
वर्ष 1991 में किलोई से विधानसभा चुनाव जीतने वाले कृष्णमूर्ति को राज्यमंत्री बनने का मौका मिला था। वे 1991 से 1996 तक श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री रहे। पिछले 10 साल से पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा के साथ हैं। पांच साल से टिकट की तैयारी कर रहे थे, हालांकि टिकट कहीं से भी मिल जाएगा, इसको लेकर संतुष्ट थे।
11 माह भाजपा में रहे, हजका में भी रह चुके हैं
कृष्णमूर्ति का ज्यादातर समय कांग्रेस में बीता है। पूर्व मंत्री वर्ष 2006 में करीब 11 माह के लिए भाजपा में रह चुके हैं। इसके अलावा हरियाण जनहित कांग्रेस में भी रह चुके हैं। बाद में फिर से कांग्रेस में ही लौट आए। लोकसभा चुनाव से पहले भी चर्चाएं चल रही थीं कि कृष्णमूर्ति कोई नया फैसला ले सकते हैं।
--मेरी किसी से कोई नाराजगी नहीं है। टिकट का मैं आज भी दावेदार हूं, भले ही कहीं से भी टिकट मिले। मैंने अपने समर्थकों की 15 सितंबर को अपने आवास पर बैठक बुलाई है।
कृष्णमूर्ति हुड्डा, पूर्व राज्यमंत्री