पूर्व आर्मी चीफ बोले- दिल्ली दंगे और शाहीन बाग धरना देश की छवि को धूमिल करने का षड्यंत्र
वीके सिंह ने कहा कि 10 साल पूर्व पी. चिदंबरम ने इसी एनपीआर के तहत तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल को आई कार्ड दिया था तो उस समय इन लोगों ने प्रोटेस्ट क्यों नहीं किया।
बरवाला (हिसार) जेएनएन। पूर्व आर्मी चीफ एवं केंद्रीय सड़क परिवहन राष्ट्रीय राजमार्ग राज्यमंत्री रिटायर्ड जनरल वीके सिंह ने दिल्ली दंगों और शाहीन बाग धरने पर बोलते हुए कहा कि आज धर्म के नाम पर विपक्ष की बहुत सी पार्टियां और लोग सही चीजों को गलत तरीके से पेश करके लोगों को बहकाने का काम कर रही हैं। सबसे बड़े दुख की बात तो यह है कि इसमें पढ़े-लिखे लोग भी शामिल होकर यह दिखाने का प्रयास कर रहे हैं कि वह पढ़े-लिखे नहीं बल्कि बेवकूफ हैं। वे बरवाला में महर्षि दधीचि परमार्थ ट्रस्ट द्वारा संचालित फिजियोथेरेपी और योग केंद्र का शुभारंभ करने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
पूर्व आर्मी चीफ ने कहा कि आज देशविरोधी तत्वों द्वारा पूरे विश्व के अंदर देश की छवि को धूमिल करने का काम एक षड्यंत्र के तहत किया जा रहा है। जिस नागरिकता संशोधन अध्यादेश का जिक्र करके लोगों को बहकाया जा रहा है। उसमें किसी की नागरिकता लेने का कोई अधिकार नहीं है। उसके अंदर साफ है कि बाहर से प्रताडि़त होकर आए लोगों को नागरिकता प्रदान की जाए। इसीलिए यह कानून बनाया गया है।
फिर आखिर क्यों यह लोग धरने पर बैठे हैं और क्यों रास्तों को रोका जा रहा है। जब उन्होंने देखा कि नागरिकता संशोधन कानून में ऐसा कुछ नहीं, यह कानून तो नागरिकता देने का कानून है ना कि किसी की नागरिकता छीनने का कानून तो फिर देशविरोधी तत्वों ने एनपीआर का मुद्दा उठाया, जबकि एनपीआर तो पहले से ही है। 10 साल पूर्व पी. चिदंबरम ने इसी एनपीआर के तहत तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल को आई कार्ड दिया था तो उस समय इन लोगों ने प्रोटेस्ट क्यों नहीं किया। इसी प्रकार असम के अंदर एनआरसी सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर चल रहा है। जबकि देश के बाकी हिस्से में ऐसा कुछ भी अभी तक लागू नहीं है। इसके बावजूद फिजूल की बातें करके देश का माहौल बिगाडऩे का काम किया जा रहा है।