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अग्निकांड में झुलसे एक परिवार के सात लोगों में से पांचवी बच्‍ची की मौत, पिता-पुत्र, भतीजी बचे

आठ फरवरी को सुरेश, उसकी पत्नी सुमन(38), बेटी रजनी(11), निशा(13) व गीता और भतीजी पूजा व आरती शॉर्ट सर्किट से लगी आम में झुलस गए थे। मां दो बेटी, व भतीजी की पहले ही मौत हो गई थी

By manoj kumarEdited By: Published: Sun, 17 Feb 2019 05:42 PM (IST)Updated: Sun, 17 Feb 2019 05:42 PM (IST)
अग्निकांड में झुलसे एक परिवार के सात लोगों में से पांचवी बच्‍ची की मौत, पिता-पुत्र, भतीजी बचे
अग्निकांड में झुलसे एक परिवार के सात लोगों में से पांचवी बच्‍ची की मौत, पिता-पुत्र, भतीजी बचे

हिसार, जेएनएन। गांव भेरी अकबरपुर गांव की एक ढाणी में शॉटसर्किट के कारण आग लगने से एक ही परिवार के झुलसे सात लाेगों में से पांचवी बच्‍ची गीता ने भी रविवार की सुबह दम तोड़ दिया। इससे पहले बीते शनिवार को एक महिला और उसकी दो बेटियां और रविवार को भतीजी पूजा की मौत हुई थी वहीं अब पांचवी बच्‍ची भी दुनिया में नहीं रही। पूरे परिवार में पत्‍नी समेत तीनों बच्चियां इस दुनिया में नहीं रहीं। गनीमत रही कि सुरेश का पुत्र घटना के दौरान वहां मौजूद नहीं था, ऐसे में पत्‍नी और तीन बच्च्यिों की मौत होने के बाद परिवान में सुरेश, बेटा और उनकी एक अन्‍य भतीजी आरती बच गई हैं। गांव में शोक की लहर है।

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बता दें कि गांव भेरी अकबरपुर निवासी सुरेश जांगड़ा अपने परिवार के साथ खेतों में बनी ढाणियों में रहता है। आठ फरवरी शुक्रवार की रात को सुरेश, उसकी पत्नी सुमन(38), बेटी रजनी(11), निशा(13) व गीता और भतीजी पूजा व आरती मकान में सो रहे थे। आधी रात के बाद शॉर्ट सर्किट के कारण मकान में आग लग गई। वहीं बिजली के तार टूटने से मकान में करंट आ गया। आग लगने से मकान में सो रहे सदस्य चीखने-चिल्लाने लगे। पास के खेत में काम कर रहे किसान जगदीश चीख-पुकार सुनकर बचाने के लिए दौड़ा, लेकिन करंट लगने के कारण वह पीछे हट गया।

इसके बाद उसने ग्रामीणों को फोन पर हादसे की सूचना दी, जिसके बाद बिजली का कनेक्शन काटा गया। साथ ही दमकल केंद्र और पुलिस को सूचना दी गई। घटनास्थल पर पहुंच रही दमकल गाड़ी बीच रास्ते में ही फंस गई। ग्रामीणों से कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक सुमन, निशा और रजनी की मौत हो चुकी थी। ग्रामीणों ने सुरेश, उसकी बेटी गीता और भतीजी पूजा व आरती को बाहर निकाला। दमकल गाड़ी के कच्चे रास्ते में फंसी होने के कारण एंबुलेंस आगे नहीं जा पाई। ग्रामीणों ने ट्रैक्टर की सहायता से रास्ता बनाकर एंबुलेंस को निकाला। झुलसे लोगों को हिसार के दो निजी अस्पतालों में दाखिल कराया। भतीजी पूजा की मौत के बाद गीता हालत गंभीर बनी हुई थी। मृतक सुमन, निशा और रजनी के शव का पोस्टमार्टम अग्रोहा मेडिकल कालेज अस्पताल में किया गया।

एडीसी ने की सरकारी खर्च पर इलाज की घोषणा की

जलने के मामले में ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की की थी कि अस्पताल में घायलों का इलाज सरकारी खर्चे पर करवाया जाए। जिसके बाद ही तीन मृतकों का दाह संस्कार किया जाएगा। जिसके बाद एडीसी मान ने घोषणा की थी कि घायलों का इलाज रेडक्रास की तरफ से सरकारी खर्चे पर करवाया जाएगा।


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