जगह-जगह लग रही आग, मगर सिरसा में होटल व निजी अस्पतालों में फायर सेफ्टी के नियमों की अनदेखी
शहर में तीन से चार मंजिल पर अस्पताल व होटल चल रहे है। शहर में 90 से अधिक अस्पताल व होटल हैं और अधिकतर ऐसे हैं जहां अग्निशमन से संबंधित आवश्यक उपकरण तक नहीं हैं। विभाग की भी लापरवाही है कि इन्हें चैक तक नहीं किया जा रहा।
जागरण संवाददाता, सिरसा : शहर में जगह-जगह पर निजी अस्पताल व होटल खुले हुए हैं। इनमें कई अस्पताल व होटल फायर नियमों को अनदेखा किया हुआ है। शहर में तीन से चार मंजिल पर अस्पताल व होटल चल रहे है। शहर में 90 से अधिक अस्पताल व होटल हैं और अधिकतर ऐसे हैं जहां अग्निशमन से संबंधित आवश्यक उपकरण तक नहीं हैं। विभाग की भी लापरवाही है कि इन्हें चैक तक नहीं किया जा रहा।
-- जगह जगह अस्पताल व होटल
शहर में अनेकों जगह पर निजी अस्पताल व होटल बने हुए हैं। इनमें सबसे ज्यादा निजी अस्पताल डबवाली रोड, हिसार रोड, सरकुलर रोड व अन्य रोड पर है। वहीं होटल भी जगह जगह खोले हुए हैं। निजी अस्पताल व होटलों के एक ही रास्ता बना हुआ है। यहां तक कि आपात स्थिति में बाहर निकालने के लिए दूसरा प्रबंध भी नहीं है। कई व्यवसायिक बिल्डिंग ऐसी हैं जिनके बाहर बिजली की तारें गुजर रही हैं। यहां आसानी से फायरब्रिगेड का अग्निशमन दस्ता भी तीन मंजिला बिल्डिंग में नहीं पहुंच सकता। सबसे अधिक खतरा तो बेसमेंट में है। बेसमेंट में बिजली की स्पार्किंग से आग का अधिक खतरा रहता है।
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एनओसी लेना जरूरी
भवन निर्माण से पहले एनओसी लेना जरूरी है। आवासीय के नाम पर की जाने वाली एनओसी पर व्यवसायिक निर्माण कर नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। शहर में जगह-जगह दुकान एवं मकानों का निर्माण बिना एनओसी किया जा रहा है वहीं व्यवसायिक भवनों में एक मंजिला इमारत की एनओसी लेकर बहुमंजिला इमारत तैयार कर दी जाती है। जबकि नियमों के अनुसार ऐसा नहीं किया जा सकता है। बिल्डिंग प्लान के अनुसार अग्निशमन से संबंधित कई प्रबंध बिल्डिंगों में किए जाने चाहिए जिसकी अनुपालना नहीं की जा रही।
---- डबवाली अग्निकांड से भी नहीं लिया सबक
23 दिसंबर 1995 को डबवाली के स्कूल कार्यक्रम के दौरान आग लग गई थी। इससे स्कूली बच्चों समेत 442 लोगों की मौत हो गई थी। डबवाली के डीएवी स्कूल में वार्शिक समारोह मनाया जा रहा था। इस दौरान शार्ट सर्किट से आग लग गई। यह देश की ही नहीं विश्व की सबसे बड़ी घटनाओं में शामिल है लेकिन अभी अग्निशमन के मामले में कोई सबक नहीं लिया गया है। फायर विभाग के अधिकारियों को भी समय-समय पर जांच की जानी थी जबकि ऐसी कोई जांच नहीं जा रही।
----भूकंपरोधी व फायर से निपटने के मानकों का होना जरूरी
फायर अधिकारी सुखदेव सिंह ने बताया कि निजी अस्पताल व होटलों में भूकंपरोधी व फायर से निपटने के मानकों का होना जरूरी है। भवन में बड़ा दरवाजा हो, सीढ़ियां हो, जगह-जगह अग्निशमन यंत्र लगे होने चाहिए। एनबीसी 2016 पार्ट-4 लाइफ सेफ्टी एंड फायर गाइड लाइन के अनुसार होना चाहिए। सबसे पहले फायर फाइटिंग स्कीम अप्रूव होनी चाहिए।