अजब-गजब : रोहतक PGIMS से कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत के बाद फाइल ही गायब
गुरुग्राम निवासी मरीज की मौत के एक माह बाद भी नहीं दिया गया है मृत्यु प्रमाण पत्र। कई अन्य मरीजों की मौत के बाद फाइल हुई है गायब ट्रॉमा सेंटर में भर्ती थे मरीज।
रोहतक, जेएनएन। पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (पीजीआइएमएस) में प्रशासनिक और मरीजों की फाइलों का गायब होना आम बात हो चुकी है। अब संस्थान से कोरोना संक्रमित मरीजों की फाइल गायब हो गई है। बताया जा रहा है कि गुरुग्राम निवासी एक मरीज की मौत के एक माह बाद भी उसकी फाइल का अता पता नहीं है। इस कारण पीडि़त परिजनों को अभी तक मृत्यु प्रमाण पत्र भी नहीं दिया गया।
पीजीआइएमएस में कई मामलों की फाइलें गायब चल रहीं हैं। इसके बाद भी अधिकारियों ने मामले में न तो कोई एफआइआर दर्ज कराई है और न ही जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई की है। सबसे पहले करीब 1200 मरीजों की एमएलसी (मेडिको लीगल सर्टिफिकेट) विभिन्न विभागों से गायब हुए थे। कैंसर पीडि़त मरीज की फर्जी मौत दिखाकर क्लेम लेने के मामले का खुलासा हुआ तो फाइलों के गायब होने का पता चला। मामले में अधिकारियों ने पुलिस को शिकायत देकर इतिश्री कर ली थी।
इसके बाद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इसके बाद स्टाफ नर्स को फर्जीवाड़ा कर छुट्टी देने के मामले की पूरी फाइल ही निदेशक दफ्तर से गायब हो गई। अभी तक मामले में न तो पुलिस को शिकायत दी गई और न ही किसी जिम्मेदार कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई हुई। अधिकारियों ने गलती को छिपाने के लिए दूसरी फाइल तो तैयार करा ली, मगर कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। अब कोविड संक्रमित करीब चार मरीजों की मौत के बाद उनकी फाइल भी गायब होने की जानकारी मिली है।
मामले में संस्थान के अधिकारी एक-दूसरे पर फाइलों को गायब कराने और खुद की जिम्मेदारी न होने की बात कर रहे हैं। मृतकों की फाइलों के गायब होने के मामले में अधिकारियों ने अभी तक किसी भी कर्मचारी और अधिकारी की जिम्मेदारी न तो तय की है और न ही पीडि़त परिजनों को मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने की अनुमति ही दी है। बताया जा रहा है कि कोविड संक्रमित जिन मरीजों के उपचार में लापरवाही बरती गई है, अभी तक उन्हीं मरीजों की फाइलों को गायब किया गया है।
---मेडिकल सुपरीटेंडेंट कार्यालय की ओर से फाइलों के गायब होने को लेकर जिम्मेदारी तय की जा चुकी है। स्टाफ को 72 घंटे के अंदर मरीजों की फाइल मेडिकल रिकॉर्ड विभाग को जमा कराने के निर्देश हैं। किसी विभाग द्वारा मृत मरीजों की फाइल जमा नहीं कराई गई है, तो इसकी रिपोर्ट बनाकर निदेशक को भेजी जाएगी।
-डा. एमजी वशिष्ठ, मेडिकल सुपरीटेंडेंट पीजीआइएमएस