दुष्कर्म पीडि़त पत्नी की हत्या कर पसीजा पिता का दिल, बख्शी सात साल के बेटे की जान, खुद झूला
हिसार के गांव में पत्नी के साथ दुष्कर्म होने पर पति ने पत्नी की हत्या कर दी। बंद कमरे में सात साल का बेटा भी था। सुसाइड नोट में बेटे की मारने का भी जिक्र है मगर उसे नहीं मारा।
बरवाला(हिसार) जेएनएन। पत्नी के साथ बरवाला खंड में गांव के ही दो युवकों द्वारा दुष्कर्म की घटना से आहत होकर 28 वर्षीय पति ने 26 वर्षीय पत्नी की गला रेतकर हत्या कर दी और खुद फांसी लगा ली। मौके पर पहुंची पुलिस को एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है, जिसमें यह खुलासा हुआ। वारदात की सूचना मिलने पर डीएसपी बरवाला रोहतास सिहाग, थाना प्रभारी इंस्पेक्टर कुलदीप सिंह, सीन ऑफ क्राइम की टीम मौके पर पहुंची। टीम ने मौके का निरीक्षण किया और मौके से साक्ष्य जुटाए। इस संदर्भ में बरवाला पुलिस ने मृतका के भाई के बयान पर गांव के दो किशोर के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने, दुष्कर्म सहित विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है। मृतक पति-पत्नी का हिसार के नागरिक अस्पताल में मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाया गया है। पोस्टमार्टम के बाद शवों को स्वजनों के हवाले कर दिया गया।
पुलिस को दर्ज कराए अभियोग में मृतका के भाई ने कहा कि बहन की हत्या की सूचना पाकर वह अपने परिवार के सदस्यों के साथ गांव में पहुंचा। वहां पर उसकी बहन अपने रिहायशी मकान के ऊपर बने चौबारे में फर्श पर लहूलुहान मृत अवस्था में पड़ी थी। उसकी गर्दन पर तेजधार हथियार से कटने के निशान थे। उसका बहनोई भी उसी चौबारे में फांसी पर लटका हुआ था। उसे संदेह है कि उसके जीजा ने पहले उसकी बहन की हत्या की फिर खुद ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। भाई के आरोप के अनुसार उसे पता चला है कि 15 अगस्त को उसकी बहन के साथ गांव के ही दो किशोरों ने दुष्कर्म किया। इसी कारण उसके जीजा ने खुद को अपमानित महसूस करते हुए पहले अपनी पत्नी की हत्या की और फिर खुद भी फंदा लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।
वारदात के समय छोटा लड़का भी उसी कमरे में था
मृतक दंपती के दो बच्चे हैं। इनमें एक 7 वर्षीय और दूसरा 9 वर्षीय है। मृतक व्यक्ति मजदूरी करता था। गांव से मिली जानकारी के अनुसार रात के समय इस वारदात को अंजाम दिया गया। वारदात के समय दंपती का छोटा लड़का भी उसी कमरे में था। जबकि बड़ा पुत्र दादा-दादी के पास दूसरे घर में सोया हुआ था। जानकारी के अनुसार उसी कमरे में डरा सहमा बालक सुबह कुर्सी के सहारे भीतर से कुंडी खोलकर बाहर निकला और उसने अपने दादा-दादी के पास जाकर इस वारदात की जानकारी दी। परिवार ऊपर चौबारे में रहता था। जबकि नीचे वाले हिस्से में बने मकान में उसने मंदिर बना रखा था। वह यहीं पूजा-पाठ करता था।
सुसाइड नोट में बेटे का भी नाम शामिल
जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर जय भगवान ने बताया कि इस मामले में अभी कोई गिरफ्तारी नहीं की गई है, जांच की जा रही है। सुसाइड नोट की आखिरी लाइन में मृतक ने अपने बेटे का नाम भी लिख रखा है। उसने अपनी पत्नी और बेटे की मौत के लिए जिम्मेदार दो शैतानों को बताया है। जिससे यह पता चलता है कि शायद उसने बेटे की भी कथित रूप से हत्या करनी थी। परंतु बेटा सकुशल है और अपने स्वजनों के पास है। उसी ने ही बाहर निकल कर इस वारदात की जानकारी दी। जबकि बड़ा लड़का दादा-दादी के घर में सोया हुआ था।
सुसाइड नोट में यह लिखा
मौके पर पुलिस को जो सुसाइड नोट मिला है, उसमें मृतक ने लिखा है कि दो शैतान, तीन जिंदगी, 15 अगस्त की रात को मैं घर से कहीं बाहर गया हुआ था। जब मैं घर पर आया तो मुझे मेरी पत्नी रोती हुई मिली। मैंने पूछा तो वह बोली कि दो शैतानों ने उसके साथ जबरदस्ती की। वह बोली कि अब जीने का कोई फायदा नहीं। अब इससे बेहतर अच्छी है मौत। मैं बोला कि पुलिस में दरखास्त करें तो वह बोली दरखास्त का कोई फायदा नहीं है। वह बोली कि मेरी जान ले ले। मैं बोला कि तेरी जान लेने से मैं गुनाहगार हो जाऊंगा। वह दोषी तो आराम से रहेंगे। फिर वो बोली कि तेरा क्या इरादा है। मैं बोला कि मेरी जान भी तेरे साथ ही जाएगी। अब मरने का हमारे पास कोई भी उपाय नहीं था। हमारी फांसी और बाकी की मौत के जिम्मेदार दो शैतान हैं। मर तो हम दो सकते थे लेकिन हमारा बच्चा साथ में लेना पड़ा। गुड बाय पढऩे वाले को आखरी राम-राम। दूसरे बेटे को मां-बाप की कमी ना होने दियो।
----दोनों मृतकों के शवों का पोस्टमार्टम करवाकर स्वजनों के हवाले कर दिया है। पुलिस इस मामले की हर पहलू से गंभीरता से जांच कर रही है।
- इंस्पेक्टर कुलदीप सिंह, थाना प्रभारी बरवाला।