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पिता की पहले ही हो चुकी मौत, अब बेटे की हत्या कर फंदे पर लटकाया शव

रोहतक जिले में कलानौर के युवक को दो दोस्‍त घर से बुलाकर ले गए थे। वह देर रात तक नहीं लौटा। रात करीब डेढ़ आंगन में उसका शव लटका मिला। पुलिस आत्‍महत्‍या के एंगल पर भी जांच कर रही है

By Manoj KumarEdited By: Published: Sun, 20 Sep 2020 02:34 PM (IST)Updated: Sun, 20 Sep 2020 02:34 PM (IST)
पिता की पहले ही हो चुकी मौत, अब बेटे की हत्या कर फंदे पर लटकाया शव
पिता की पहले ही हो चुकी मौत, अब बेटे की हत्या कर फंदे पर लटकाया शव

कलानौर(रोहतक) जेएनएन। दो दोस्तों पर युवक को घर से बुलाकर उसकी हत्या करने का आरोप है। शव घर में ही फंदे पर लटका मिला है। मृतका की मां की शिकायत पर दो आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। जांच में आत्महत्या का भी मामला आ रहा है। शुक्रवार शाम करीब साढ़े पांच बजे मोहित और पवन उर्फ पोना प्रदीप को अपने साथ लेकर चले गए। रात नौ बजे प्रदीप को ड्यूटी पर जाना था, लेकिन वह घर नहीं पहुंचा। रात करीब डेढ़ बजे प्रदीप की मां विजय कुमारी कमरे से बाहर निकली। आंगन में रखी सीढ़ी पर प्रदीप का शव गमछे से लटका हुआ था। प्रदीप को परिजन अस्पताल लेकर गए। जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

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पुलिस और एफएसएल इंचार्ज डा. सरोज दहिया मलिक मौके पर पहुंचीं। जांच के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। मृतक की मां ने आरोप लगाया कि मोहित और पवन उर्फ पोना ने प्रदीप की हत्या कर शव को उनके घर में लटका दिया। कलानौर सिटी चौकी प्रभारी सत्यवान नैन ने बताया कि स्वजनों की शिकायत पर दो आरोपितों पर मामला दर्ज किया गया है। मामले की जांच की जा रही है। 

उठ रहे कई सवाल

जिस तरीके से प्रदीप के शव को लटकाया गया है उससे कई सवाल खड़े हो रहे हैं। आरोपितों ने यदि किसी अन्य स्थान पर प्रदीप की हत्या की तो वह शव को उसके घर क्यों लेकर आए। वह कहीं बाहर भी शव को फेंक सकते थे। यदि उसके घर में लाकर ही हत्या की गई और फिर शव को फंदे पर लटका दिया तो परिवार के लोगों को कोई आवाज सुनाई क्यों नहीं दी। जिस सीढ़ी पर गमछे से शव को लटकाया गया, वह भी कुछ खास मजबूत नहीं थी।

पिता की पहले ही हो चुकी मौत

प्रदीप के पिता राजेंद्र की पहले ही मौत हो चुकी थी। प्रदीप तीन भाइयों में दूसरे नंबर पर था। सबसे बड़ा भाई अजय मजदूरी करता है। सबसे छोटा संजय 10वीं कक्षा का छात्र है। उनकी मां घर पर रहती है। पिता की मौत के बाद प्रदीप ही घर चलाता था।


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