फतेहाबाद खाद्य आपूर्ति विभाग का दावा, फोर्टिफाइड चावल से सरकार दूर करेगी कुपोषण
अब पीडीएस यानी सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत बांटे जाने वाले चावल में फोर्टिफाइड चावल मिलाने से कुपोषणता दूर होगी। इसके लिए एक क्विंटल चावल में करीब 1 किलोग्राम फोर्टिफाइड चावल मिलाने का सरकार को आदेश है। इसकी सप्लाई भी सरकार सीधे मिलर तक करवा रही है।
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद : केंद्र सरकार के अधिकारियों का दावा है कि अब पीडीएस यानी सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत बांटे जाने वाले चावल में फोर्टिफाइड चावल मिलाने से कुपोषणता दूर होगी। इसके लिए एक क्विंटल चावल में करीब 1 किलोग्राम फोर्टिफाइड चावल मिलाने का सरकार को आदेश है। इसकी सप्लाई भी सरकार सीधे मिलर तक करवा रही है। निगरानी के लिए एफसीआई के साथ खाद्य आपूर्ति विभाग को लगाया गया है। पहले जिले में शैलर मालिकों को निर्देश दिया था कि 50 प्रतिशत चावल में ही फोर्टिफाइड चावल मिलाया जाएगा, लेकिन जिले में धान की खरीद कम हुई तो सरकार ने 55 प्रतिशत चावल में फोर्टिफाइड चावल मिलाने के निर्देश दे दिए। अब इस धान को लेकर एफसीआई के अधिकारी जागरूकता अभियान चला रहे है। उनका कहना है कि इसमें विटामिन सहित अनेक तत्व हैं। जो शरीर के स्वास्थ्यवर्धक रहेगा। सरकार ने इसके लिए दो बड़ी कंपनियों से करार किया हुआ है। ये ही मिलर्स को सप्लाई करेगी।
प्रदेश सरकार खाद्य आपूर्ति विभाग के मार्फत बांटे जाने वाले राशन में चावल नहीं देती। जबकि दूसरे प्रदेशों में चावल वितरित किया जाता है। अब सरकार से मांग की जा रही है कि यहां पर चावल वितरित किए जाए, ताकि सरकार द्वारा मिलाया गया फोर्टिफाइड चावल का लोग फायदा उठा सके। दरअसल, प्रदेश सरकार अलग-अलग वर्ग के लोगों को गेहूं, बाजरा, दाल व चीनी वितरित करती है।
जिले में 177 राइस मिल है। इनके पास गत खरीफ सीजन में 75 लाख 93 हजार क्विंटल धान आया। अब इनको 50 लाख 87 हजार क्विंटल चावल देना है। जिसमें से 27 लाख 98 हजार क्विंटल चावल में फोर्टिफाइड चावल मिलाया जाएगा। इसके लिए 27 हजार 900 क्विंटल फोर्टिफाइड चावल कंपनियां मिलर्स को सप्लाई करेंगी। जिसमें शुरूआत हो गई है।
फोर्टिफाइड राइस का मतलब है, पोषणयुक्त चावल। चावल को फोर्टिफाइड करने के लिए चावल को आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन ए और विटामिन बी12 का लेप चढ़ाया जाएगा। इसकी मात्रा इतनी होगी कि धोने और पकाने पर माइक्रो न्यूट्रियंट्स की पर्याप्त मात्रा चावल में मौजूद रहेगी। यानी इस चावल का सेवन करने वाले लोग कुपोषण का शिकार नहीं होंगे।
फोर्टिफाइड चावल में जरूरी सूक्ष्म पोषक तत्व, विटामिन और खनिज की मात्रा को कृत्रिम तरीके से बढ़ाया जाता है। जिस तरह साधारण समुद्री नमक में आयोडीन मिलाकर उसे आयोडाइज्ड बनाया जाता है। चावल को फोर्टिफाइड बनाना भी इसी तरह की एक प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया में चावल की पोषण गुणवत्ता में सुधार लाया जाता है। चावल का फोर्टिफिकेशन, चावल में आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ाने और चावल की पोषण गुणवत्ता में सुधार करने का बेहतरीन तरीका है।
जिले में इस बार 66 लाख 71 हजार क्विंटल धान की खरीद
जिले में इस बार 66 लाख 71 हजार क्विंटल धान की खरीद हुई। जो गत वर्ष से 6 लाख क्विंटल अधिक है। हालांकि जींद व हिसार जिले का धान भी फतेहाबाद के मिलर्स को छिलका उतारने के लिए आवंटित हुआ। ऐसे में मिलर्स के पास 75 लाख 93 हजार क्विंटल धान आया। इस बार चार मिलर्स भी अधिक हो गए। इस बार सबसे अधिक खरीद हरियाणा वेयर हाउस ने की जो करीब 30 लाख क्विंटल की थी, वहीं हैफेड ने 25 व खाद्य आपूर्ति विभाग ने 11 लाख क्विंटल धान खरीदा।
खाद्य आपूर्ति 21 11.97 लाख 7.30 लाख 4.42 लाख
हैफेड 72 31 लाख 20.77 लाख 11.42 लाख
हरियाणा वेयर हाउस 84 34.96 लाख 22.75 लाख 12.51 लाख
कुल 177 75.93 लाख 50.87 लाख 27.98 लाख
जिले के राइस मिलर्स के पास फोर्टिफाइड चावल पहुंचना शुरू हो गया। एक क्विंटल में करीब 1 किलोग्राम फोर्टिफाइड चावल मिलाया जाएगा। जिले में कुल चावल का 55 प्रतिशत में फोर्टिफाइड की मिलावट होगी। ऐसा होने से उसमें पोष्टिता बढ़ जाएगी। जो शरीर के लिए कई प्रकार की खनिज तत्व लाभदायक होंगे। इसलिए सरकार ने ये फैसला लिया है, गत वर्ष सरकार ने 10 प्रतिशत चावल में ही मिक्सिंग की थी।
- विनीत जैन, खाद्य आपूर्ति अधिकारी।