खुशखबरी, हरियाणा में किसानों को धान की खेती न करने पर मिलेंगे 7 हजार रुपये, ऐसे करें आवेदन
किसानों के लिए खुशखबरी। हरियाणा में किसानों को मेरा पानी मेरी विरासत योजना के तहत 7 हजार रुपये दिए जाएंगे। किसान धान की खेती नहीं करता है और उसकी जगह कोई और फसल बोएगा या खेत को खाली छोड़ देगा तो भी उसे पैसे दिए जाएंगे।
फतेहाबाद, जागरण संवाददाता। जो किसान मेरा पानी मेरी विरासत योजना के तहत धान की फसल छोड़कर कुछ भी खरीफ की फसल बोएगा यदि व कुछ भी नहीं बोता और खेत खाली छोड़ता है तो भी उसे 7 हजार रुपये प्रति एकड़ मिलेंगे। बस सरकार का कहना है कि किसान धान की खेती छोड़ दे।
सरकार के अनुसार धान की खेती से जल का दोहन अधिक होता है। इसके लिए पिछले तीन साल से योजना शुरू की है। तब से अब दो योजना के अनुसार रकबा भी दोगुना हो गया। लेकिन किसान को खरीफ में सिर्फ धान की फसल की मुनाफा देने वाली लग रही है। ऐसे में सरकार व किसान दोनों आमने-सामने है। हकीकत तो यह है कि किसान योजना का लाभ भी ले रहे है और धान का रकबा वर्ष दर बढ़ता ही जा रहा है।
1 लाख एकड़ में धान की जगह दूसरी फसल करवाने का लक्ष्य
गत तीन वर्षों में रकबा 20 हजार हेक्टेयर बढ़ गया। वैसे इस बार तो फसल को केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य पर खरीदने की सरकार गारंटी भी शामिल है। प्रदेश सरकार ने 1 लाख एकड़ में धान की जगह दूसरी फसल करवाने का लक्ष्य रखा है। जिसमें से 10 हजार 796 का रकबा अकेले फतेहाबाद जिले का शामिल किया गया है। जो गत वर्ष 7 हजार 112 एकड़ था। एक वर्ष में सरकार ने 3684 एकड़ रकबा बढ़ा दिया।
एक किश्त में जारी होंगे रुपये
गत वर्ष इस योजना के लाभार्थी किसानों को दो किश्तों में रुपये जारी किए गए थे, लेकिन इस बार एक किश्त में रुपये जारी होंगे। ये रुपये 15 अगस्त को एडीए व एचडीओ की देखरेख में गठित कमेटी जिसमें पटवारी, नंबरदार व संबंधित किसान को शामिल किया गया है। इस कमेटी की रिपोर्ट के बाद तत्काल रुपये जारी किए जाएंगे।
30 जून तक चलेगी योजना
मेरा पानी मेरी विरासत योजना का लाभ लेने के लिए किसान को मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा। इस योजना का लाभ लेने के लिए वहां पर विकल्प मिलेगा। फसल पंजीकरण का पोर्टल गत सप्ताह से शुरू हुआ। जो आगामी 30 जून तक चलेगा। इस दौरान जो भी किसान धान की फसल छोड़कर कपास, मक्का, मूंग, मोठ, उड़द, अरहर, ग्वार, सोयाबीन, तिल, अरंडी, मूंगफली, खरीफ प्याज के अलावा खरीफ की सब्जियों के साथ चारा की बुवाई करने पर भी योजना का लाभ मिलेगा। यहां तक की गत वर्ष धान की खेती की थी। इस बार खेत को खाली रखना चाहता है तो भी किसान को इस योजना का लाभ मिलेगा। बस इसके लिए जरूरी पंजीकरण करवाना होगा।
ये है फसल के टारगेट :
फसल का नाम टारगेट
मक्का 258
कपास 9000
दलहन 50
तिलहन 50
हरा चारा व अन्य 500
खरीफ प्याज व सब्जियां 938
कुल 10796
निरीक्षण के बाद जारी होंगे पैसे
सरकार की बेहतरीन योजना है। जिले में इस बार 10 हजार 796 एकड़ का टारगेट दिया गया है। जो भी किसान इस योजना के तहत लाभ लेना चाहते है, वे किसान 30 जून तक अपना पंजीकरण मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर दर्ज करें। इसके बाद गठित टीम निरीक्षण करेगी। उसके उपरांत किसान के खाते में रुपये जारी कर दिए जाएंगे।
- डा. राजेश सिहाग, उपनिदेशक कृषि एवं किसान कल्याण विभाग।