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किसान के बेटे ने बाइक के इंजन से बनाया उड़नखटोला

कुलदीप टाक ने देसी जुगाड़ से उड़ने वाली एक अनोखी फ्लाइंग मशीन बनाई है। यह पांच लीटर पेट्रोल में एक व्यक्ति के साथ एक घंटे तक उड़ान भरने में सक्षम है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sun, 22 Oct 2017 11:39 AM (IST)Updated: Sun, 22 Oct 2017 04:22 PM (IST)
किसान के बेटे ने बाइक के इंजन से बनाया उड़नखटोला
किसान के बेटे ने बाइक के इंजन से बनाया उड़नखटोला

जेएनएन, मंडी आदमपुर (हिसार)। आदमपुर कस्बे के गांव ढाणी मोहब्बतपुर निवासी बीटेक पास कुलदीप टाक ने देसी जुगाड़ से उड़ने वाली एक अनोखी फ्लाइंग मशीन तैयार की है। ये मशीन एक लीटर पेट्रोल में करीब 12 मिनट तक आसमान में उड़ती है। कुलदीप ने इसे पैराग्लाइडिंग फ्लाइंग मशीन या मिनी हेलिकॉप्टर का नाम दिया गया है। कुलदीप ने तीन साल की कड़ी मेहनत के बाद पैराग्लाइडिंग फ्लाइंग मशीन को आसमान में उड़ाने में सफलता पाई है।

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कुलदीप के पिता प्रहलाद सिंह टाक गांव में खेतीबाड़ी करते हैं। चंडीगढ़ से बीटेक की पढ़ाई पूरी करने के बाद अब कुलदीप इसी प्रोजेक्ट पर कार्य कर रहा है। कुलदीप ने बताया कि फ्लाइंग मशीन को बनाने में गांव आर्यनगर निवासी सतीश कुमार का भी अहम योगदान रहा। 

फ्लाइंग मशीन से साथ कुलदीप।

लगा है बाइक का 200 सीसी का इंजन

कुलदीप ने बताया कि मशीन को तैयार करने में करीब ढाई लाख रुपये का खर्च आया है। मशीन में बाइक का 200 सीसी इंजन लगाया गया है। इसके अलावा लकड़ी का पंखा और छोटे टायर लगाए हैं। ऊपर पैराग्लाइडर लगाया गया है, जो उड़ान भरने और सेफ्टी के साथ लैंडिंग  करवाने में सहायक है। कुलदीप ने बताया कि यह मशीन 10 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भरने में सक्षम है।

उसने अब तक करीब दो हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भरी है। मशीन पेट्रोल से उड़ती है जिसमें 5 लीटर का टैंक है। पूरी फ्लाइंग मशीन में स्थानीय स्तर के सामान का प्रयोग किया गया है। इस मशीन की टंकी फुल होने के बाद एक घंटे तक आसमान में उड़ान भरी जा सकती है।

कुलदीप व सतीश कुमार।

पहले भी बनाया था एयरक्राफ्ट, ट्रायल में हो गया था क्षतिग्रस्त

कुलदीप ने इससे पहले भी उसने एक एयरक्राफ्ट तैयार किया था, लेकिन वो ट्रायल के दौरान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। उसने फिर से पैराग्लाडिंग फ्लाइंग मशीन बनाने का निर्णय लिया और आज वो इसमें कामयाब हो गया। फिलहाल इस मशीन में केवल एक ही व्यक्ति बैठ सकता है। कुलदीप का कहना है कि इस मशीन को लगातार बेहतर बनाने का प्रयास कर रहा है। कुछ ही माह में यह मशीन दो लोगों को लेकर उड़ेगी। कुलदीप ने बताया कि करीब 6 माह पहले गोवा में उसने पायलट की तीन माह की ट्रेनिंग ली थी।

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