Move to Jagran APP

किसानों का बदला रुख, दो हजार हेक्टेयर रकबा में धान छोड़ कपास बोई, सीएम ने किया था अनुरोध

जमीन की सेहत सुधारने के लिए फसल विविधिकरण योजना को किसान हाथों-हाथ ले रहे हैं। वह इसलिए भी इस योजना के तहत कृषि विभाग किसानों को प्रति एकड़ सात हजार रुपये जो दे रहा है।

By Manoj KumarEdited By: Published: Fri, 12 Jun 2020 01:22 PM (IST)Updated: Fri, 12 Jun 2020 01:22 PM (IST)
किसानों का बदला रुख, दो हजार हेक्टेयर रकबा में धान छोड़ कपास बोई, सीएम ने किया था अनुरोध
किसानों का बदला रुख, दो हजार हेक्टेयर रकबा में धान छोड़ कपास बोई, सीएम ने किया था अनुरोध

भिवानी [सुरेश मेहरा] जमीन की सेहत सुधारने के लिए फसल विविधिकरण योजना को किसान हाथों-हाथ ले रहे हैं। वह इसलिए भी इस योजना के तहत कृषि विभाग किसानों को प्रति एकड़ सात हजार रुपये जो दे रहा है। भिवानी दादरी जिला की बात करें तो अब तक एक हजार किसानों ने दो हजार हेक्टेयर रकबा में धान को छोड़ को कपास की बिजाई की है। उन्होंने इसकी जानकारी पोर्टल पर दी है।

loksabha election banner

कृषि विभाग ने इसके लिए ढाई हजार हेक्टेयर से अधिक का लक्ष्य रखा है। जिन किसानों ने पोर्टल पर धान छोड़ कर कपास की बिजाई की बात कही है उनको विभाग बाकायदा चेक करेगा। इसके बाद ही उनके खातों में निर्धारित राशि डाली जाएगी। यह राशि दो किश्तों में किसानों को खाते में डाली जाएगी। पहली किश्त दो हजार रुपये और दूसरी किश्त पांच हजार रूपये किसानों के खातों में सीधे जाएगी। सीएम मनोहर लाल ने किसानों से आग्रह किया था कि वे पानी के बचाव व भूमि सुधार के लिए धान छोड़कर अन्‍य फसल बोएं।

कपास में किसान देख रहे उज्जवल भविष्य

किसान धर्मबीर ङ्क्षसह और अशोक का कहना है कि फसल विविधिकरण योजना अच्छी योजना है। जमीन की सेहत सुधारने में यह कारगार साबित होगी। किसानों के लिए इसमें दोहरा फायदा है। एक तो जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी और दूसरा किसानों को प्रति एकड़ सात हजार रुपये भी मिलेंगे।

धान का ढाई हजार और कपास का पांच हजार रकबा बढ़ाने का है लक्ष्य

कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि भिवानी और दादरी जिला में कपास का रकबा आमतौर पर 90 हजार हेक्टेयर रहता है। इस रकबे को बढ़ा कर 95 हजार हेक्टेयर करने का लक्ष्य रखा गया है। वहीं दूसरी और धान का रकबा 26 हजार हेक्टेयर के आस पास रहता है। इसे कम से कम ढाई हजार हेक्टेयर कम करने का लक्ष्य रखा गया है।

अब तक 85 हजार हेक्टेयर में हो चुकी है कपास की बिजाई

जिला में अब तक 85 हजार हेक्टेयर से ज्यादा कृषि क्षेत्र में कपास की बिजाई हो चुकी है। इसमें दो हजार हेक्टेयर धान के किसान धान को छोड़ कर कपास को अपना चुके हैं। किसानों की दिलचस्पी धान छोड़ कर कपास को अपनाने में ज्यादा नजर आ रही है।

इस योजना से ये होगा फायदा

* सबसे पहले पानी की बचत हो सकेगी।

* किसानों को प्रति एकड़ सात हजार रुपये मिलेंगे।

* जमीन की सेहत बढ़ेगी, किसानों को फायदा होगा

* किसानों के खाद पानी पर होने वाला खर्च भी बहुत हद तक बचेगा।

* फसलों की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।

किसानों और जमीन की सुधारने में अच्छी है फसल विविधिकरण योजना

फसल विविधिकरण योजना जमीन के लिए ही किसानों की भी सेहत सुधारने में बेहतर रहेगी। इसे किसान अब हाथों हाथ अपना भी रहे हैं। भिवानी में अब तक एक हजार से ज्यादा किसान इस येाजना को अपना चुके हैं। किसानों को इसके लिए जागरूक भी किया जा रहा है। किसानों के लिए यह योजना नकद राशि प्रति एकड़ सात हजार रुपये भी लेकर आ रही है।

- बलबीर शर्मा, कृषि अधिकारी, भिवानी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.