किसानों को नैना यूरिया के बारे में किया जागरूक
इफको हांसी द्वारा 25 जगह नारनौंद हांसी सोरखी ढाणी अनीपुरा सिधर रामायण ढाणी राजू सैनीपुरा काजल खेरा खरखरा उमरा कुंवारी माढा माजरा पाली राजपुरा थुराना कुम्भा डाटा मसूदपुर मोहला पेटवाड़ बांस राखी शाहपुर लोहारी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा इफको कलोल इकाई में विश्व के पहले नैनो यूरिया तरल संयंत्र के लोकार्पण कार्यक्रम का सीधा प्रसारण के तहत किसान सभा का आयोजन किया गया।
संवाद सहयोगी, हांसी : इफको हांसी द्वारा 25 जगह नारनौंद, हांसी, सोरखी, ढाणी अनीपुरा, सिधर, रामायण, ढाणी राजू, सैनीपुरा, काजल खेरा, खरखरा, उमरा, कुंवारी, माढा, माजरा, पाली, राजपुरा, थुराना, कुम्भा, डाटा, मसूदपुर, मोहला, पेटवाड़, बांस, राखी शाहपुर, लोहारी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा इफको कलोल इकाई में विश्व के पहले नैनो यूरिया तरल संयंत्र के लोकार्पण कार्यक्रम का सीधा प्रसारण के तहत किसान सभा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है के उद्देश्य पर चलते हुए इफको द्वारा की गई पहल इफको नैनो यूरिया तरल के फायदे किसान साथियों के साथ साझा किए तथा बताया कि नैनो यूरिया तरल, परंपरागत यूरिया से क्यों बेहतर है और इसका इस्तेमाल क्यों करना चाहिए। इफको नैनो यूरिया तरल आत्मनिर्भर भारत में आत्मनिर्भर कृषि को बढ़ावा देने के लिए इफको की देन है जिसका 11000 किसानों के खेतों में इस्तेमाल करने के बाद यह पाया गया है कि 500 एमएल की बोतल एक कट्टा यूरिया से ज्यादा पैदावार करने में सक्षम है। उन्होंने बताया जहा परंपरागत यूरिया जिसकी कीमत 266.50 रुपये प्रति थैला है जो किसान अदा करता हैं उसके अलावा उस पर भारी रकम की सब्सिडी होती है जो कि भारत सरकार द्वारा अदा की जाती है लेकिन नैनो यूरिया तरल बिना किसी अनुदान के परंपरागत यूरिया से 10 प्रतिशत सस्ता है जिसकी कीमत 240 रुपए प्रति 500 एमएल बोतल है तथा फसल में इसकी उपयोग दक्षता 85 से 90 प्रतिशत है जो परंपरागत यूरिया से अधिक कारगर है।