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किसानों के पास मेरा पानी मेरी विरासत व फसल बीमा के आवेदन के लिए पांच दिन शेष

मेरी फसल मेरा ब्योरा व फसल बीमा करवाने के लिए अब केवल पांच दिन का समय शेष बचा हुआ है। सरकार ने मेरा पानी मेरी विरासत व फसल बीमा योजना के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई निर्धारित की हुई है

By Manoj KumarEdited By: Published: Tue, 27 Jul 2021 09:56 AM (IST)Updated: Tue, 27 Jul 2021 09:56 AM (IST)
किसानों के पास मेरा पानी मेरी विरासत व फसल बीमा के आवेदन के लिए पांच दिन शेष
31 जुलाई तक करवा सकते हैं फसलों का बीमा व मेरा पानी मेरी विरासत के तहत आवेदन

जागरण संवाददाता,झज्जर : किसानों के पास मेरी फसल मेरा ब्योरा व फसल बीमा करवाने के लिए अब केवल पांच दिन का समय शेष बचा हुआ है। इस अवधि में किसान इन स्कीम का फायदा ले सकते हैं। सरकार ने मेरा पानी मेरी विरासत व फसल बीमा योजना के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई निर्धारित की हुई है। जिन किसानों को इन दोनों स्कीम का लाभ लेना है वे 31 जुलाई तक आवेदन कर सकते हैं, इसके बाद पोर्टल बंद होने के कारण आनलाइन आवेदन नहीं कर पाएंगे।

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सरकार ने गिरते भू-जल स्तर को देखते हुए मेरा पानी मेरी विरासत योजना शुरू की। जिसके तहत किसान धान की खेती छोड़कर अन्य कपास, मंगू व मक्का आदि फसलों की बिजाई कर सकते हैं। धान की खेती छोड़ने वालों को सरकार 7 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में भी दे रही है। इसका लाभ लेने के लिए किसान धान बिजाई वाली जमीन को खाली रखकर भी प्रोत्साहन राशि ले सकते हैं। जिसके तहत अनेक किसान इस स्कीम का लाभ लेते हुए आवेदन कर रहे हैं। इसके लिए किसान को आनलाइन आवेदन करना होगा। सरकार ने मेरा पानी मेरी विरासत पोर्टल पर आवेदन करने की 31 जुलाई को अंतिम तिथि निर्धारित किया है।

इधर, जो प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना के तहत अपनी फसलों का बीमा करवाते हैं, उन्हें ही फसल खराब होने पर मुआवजा मिलेगा। प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना के तहत आवेदन करने के लिए 31 जुलाई को अंतिम तिथि निर्धारित किया गया है। इसलिए जिन किसानों को अपनी फसलों का बीमा करवाना है वे निर्धारित तिथि तक करवा सकते हैं। फसलों में नुकसान होने पर भी बीमा करवाने वाले किसानों को ही मुआवजे के रूप में सहायता मिलेगी। पिछली फसलों में जब भी नुकसान हुआ है तो केवल उन्हीं किसानों को मुआवजा मिला जिन्होंने फसलों का बीमा करवाया हुआ था। कई किसान तो ऐसे भी रहे हैं, जिन्होंने बीमा नहीं करवाया हुआ था और नुकसान हो गया। ऐसी स्थिति में उन किसानों का आवेदन भी स्वीकार नहीं किया गया।


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