किसान आंदोलन : जगमग योजना से जुड़े गांव से आंदोलनकारियों ने जोड़ा बिजली कनेक्शन, ग्रामीणों लोड से परेशान
बालौर गांव के पास बिजली ट्रांसफार्मर से आंदोलनकारियों द्वारा जोड़े गए कनेक्शन का मसला निगम के उच्चाधिकारियों तक भी पहुंच गया है। बालौर गांव के लोग इस पर आपत्ति जता रहे हैं। उनका तर्क है कि आंदोलनकारियों द्वारा यहां से तार जोड़कर आंदोलन में दूर तक सप्लाई पहुंचाई गई है।
बहादुरगढ, जेएनएन। कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन के बीच बिजली की खपत बढ़ती जा रही है। बाईपास पर बालौर गांव के पास बिजली ट्रांसफार्मर से आंदोलनकारियों द्वारा जोड़े गए कनेक्शन का मसला निगम के उच्चाधिकारियों तक भी पहुंच गया है। बालौर गांव के लोग इस पर आपत्ति जता रहे हैं। उनका तर्क है कि आंदोलनकारियों द्वारा यहां से तार जोड़कर आंदोलन में दूर तक सप्लाई पहुंचाई गई है। इससे आंदोलन स्थल पर कूलर और पंखे ही नहीं बल्कि एसी भी चल रहे हैं।
ऐसे में ट्रांसफार्मर पर लोड बढ़ रहा है। इसके कारण गांव में सप्लाई प्रभावित हो रही है। अब गर्मी आ चुकी है। ऐसे में बिजली की जरूरत सभी जगहों पर है। बालौर गांव ने म्हारा गांव-जगमग गांव योजना को अपना रखा है। सभी घरों से बाहर मीटर लगवाए गए हैंं। ताकि पर्याप्त बिजली मिल सके। मगर गांव की फिरनी के पास लगे ट्रांसफार्मर से तार जोड़कर बांस-बल्लियों के सहारे आंदोलनकारियों द्वारा लगभग 500 मीटर तक तंबुओं में सप्लाई ली गई है। इससे ट्रांसफार्मर पर दबाव बढ़ रहा है।
गर्मी में बढ़ता यह लोड गांव के लिए किसी भी समय मुसीबत बन सकता है। ग्रामीणों की मांग है कि बिजली निगम को इस तरफ ध्यान देना चाहिए और इस तरह की व्यवस्था करनी चाहिए कि जिससे गांव की बिजली सप्लाई प्रभावित न हो। गौरतलब है कि इस गांव के एक रिटायर्ड अधिकारी द्वारा आंदोलन स्थल के पास अपनी दो एकड़ जमीन पंजाब के किसानों को सब्जी उगाने के लिए सौंपी गई है। मगर अब बिजली व्यवस्था के मामले में ग्रामीण चिंतित भी हो रहे हैं।