अनोखी शादी : न बैंडबाजा, न बरात, और न रिस्मों रिवाज, इस अंदाज में हो गए एक-दूजे के
इस शादी की चर्चा आसपास के क्षेत्र में है। दूल्हा बने पवन कुमार ने कहा अगर हम इस तरह की पहल करेंगे तो फिर किसी की बेटी दहेज के लिए न तो फांसी पर झूलेगी और न ही जहर पीकर जान देगी।
आदमपुर/हिसार, जेएनएन। आमतौर पर दहेज की बात को लेकर रिश्ते टूटने के कई किस्से सामने आते रहते हैं। अगर दहेज न भी दिया और लिया जाए तो भी शादी में चकाचौंध देखने को जरूर मिलती है। मगर हरियाणा में हिसार जिले के आदमपुर क्षेत्र में सभी रस्मों को दर-किनार कर बिना किसी दिखावे के शादी संपन्न हुई है।
गांव चूली खुर्द निवासी सतबीर सिंह व शिमला देवी के बेटे पवन कुमार शादी गांव सदलपुर निवासी रामस्वरूप व चावली देवी की बेटी रिंकू से संपन्न हुई। दूल्हा पवन कुमार और उनके परिजनों ने कोई बड़ा दान-दहेज लेने की बजाए रस्म अदायगी के तौर पर महज एक रुपया व नारियल स्वीकार किया और बिना बैंडबाजे व डीजे के सादगीपूर्ण तरीके से दुल्हन को अपने घर लाए।
इस शादी की चर्चा आसपास के क्षेत्र में है। दूल्हा बने पवन कुमार ने बताया कि पिछले साल गांव चूली खुर्द के बलेंद्र शास्त्री और कांता की शादी से प्रभावित होकर उन्होंने भी बिना किसी दहेज व दिखावे के शादी की है। उन्होंने कहा अगर हम इस तरह की पहल करेंगे तो फिर किसी की बेटी दहेज के लिए न तो फांसी पर झूलेगी और न ही जहर पीकर जान देगी।
दूल्हा बने पवन ने कहा कि दहेज के कारण किसी बेटी के मां बाप को किस तरह से परेशानी उठानी पड़ती है यह समझ लेना जरूरी है। वहीं रिंकू ने कहा कि उनके पति पवन पेशे से किसान हैं मगर उनके विचार किसी उच्च शिक्षित व्यक्ति से भी महान हैं। जब यह बात एक किसान को समझ आ गई कि दहेज लेना गलत बात है तो पढ़े लिखे लोगों को क्यों समझ नहीं आती।
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