झज्जर में परिवार ने लगाया मौत को गले, पहले ट्रेन का इंतजार किया, फिर अंडरपास के आस-पास घूमे, खेतों में पिया जहर
हरियाणा के झज्जर में सोमवार को परिवार ने आत्महत्या कर ली थी। इसके पीछे कारणों का खुलासा नहीं हो सका है। पति ने कोल्ड ड्रिंक में जहरीला पदार्थ मिलाकर पूरे परिवार को पिलाया था। चारों को पीजीआइ रोहतक ले जाया गया। पर कोई न बचाया जा सका।
जागरण संवाददाता, झज्जर। झज्जर में हंसते-खेलते परिवार ने एकाएक जहर पीकर आत्महत्या कर ली। पति पत्नी और उनके दो बच्चों की मौत हो गई। इसके पीछे का अह्म कारण क्या रहा? अब यह हर किसी के लिए मुख्य सवाल बना हुआ है। हालांकि, हर कोई अपने अपने ढंग से स्थिति को लेकर बात जरूर रख रहा हैं। जबकि, स्पष्ट कुछ भी नहीं है।
घटना के पीछे का मूल कारण और किन परिस्थितियों में यह हुआ, यह तो चारों में से ही कोई स्पष्ट कर सकता था। पुलिस एवं स्वजनों के स्तर पर की गई पूछताछ एवं जांच में सामने आया है कि यह पूरा परिवार पहले तो काफी समय तक रेलवे लाइन के आस-पास ही घूमता रहा। शायद इन्होंने रेलगाड़ी के आने का इंतजार किया। इसके बाद ये रेलवे लाइन के नीचे वाले अंडरपास के आस-पास भी कुछ समय रहे। फिर, इन्होंने रेलवे लाइन के पास ही खेतों में जाकर जहर मिली कोल्ड ड्रिंक पी है।
गांव में हर जुबान पर घटना की चर्चा
घटना पूरे गांव में चर्चा का विषय बनी हुई है। सुबह से गांव में पुलिस की गाड़ियों के हॉर्न सुनाई दे रहे हैं। क्योंकि, यह रविवार मध्यरात्रि से सोमवार शाम तक की तलाव गांव की दूसरी ऐसी घटना रही, जब पुलिस को जांच के लिए गांव में पहुंचना पड़ा हो। बहरहाल, जिस गली में मृतक दीपक का घर है। वहां हर कोई एक-दूसरे से यह सवाल पूछ रहा है कि आखिर ऐसा क्या हुआ, जो पूरे परिवार ने इतना कठोर कदम उठा लिया। आस-पड़ोस के लोग दीपक उर्फ सोनू के स्वभाव को काफी अच्छा बताते हैं। करीब बीस साल पहले दीपक के पिता सतबीर की मौत हो गई थी। बड़े संघर्षों के साथ दीपक ने अपने छोटे भाई मोनू और बहन की जिम्मेदारी का निर्वाह किया। पत्नी एवं बच्चों के साथ भी वह काफी खुश था। हालांकि, इन दिनों में आमदनी को लेकर जरूर परेशान रहता था।
दुकान पर काम करते हुए सामान सप्लाई करता था
स्वजनों के मुताबिक पहले काफी समय तक दीपक ने किसी साथी के साथ मिलकर कपड़े आदि की दुकान की हुई थी। फिलहाल, वह झज्जर शहर के सिलानी गेट क्षेत्र में स्थित एक दुकान का सामान सप्लाई करने का काम करता था। दीपक की पत्नी निशा शहर के एक निजी अस्पताल में काम करते हुए परिवार की गुजर बसर चलाने में मदद कर रही थी। बड़ी बेटी करीब 14 वर्षीय अन्नू उर्फ बेबी तथा करीब 12 वर्षीय बेटा अनुज गांव के ही सरकारी स्कूल में पढ़ते थे। खास तौर पर कोविड का दौर आने के बाद परिवार आर्थिक तंगी जरूर महसूस कर रहा था। जिसे लेकर अब कलह का माहौल बनने लगा था। रविवार को भी निशा ने बेटे अनुज को किसी बात पर धमकाया था। इस वजह से पति-पत्नी में विवाद भी हुआ। विवाद का असर सोमवार को भी देखने को मिला। लेकिन, एक ही घर में रहने वाले अन्य परिवारों को यह अंदेशा नहीं था कि दीपक सभी के साथ मिलकर ऐसा कठोर कदम उठा लेगा।
एक ही मकान में रह रहा था पूरा कुनबा
शहर को अंडर पास वाले रास्ते से गांव तक जोड़ने वाली मुख्य सड़क से दीपक के घर का रास्ता जुड़ा हुआ है। इसी घर में उसका छोटा भाई मोनू और चाचा का परिवार भी रह रहा है। एक छोटे से घर में ही पूरा परिवार किसी तरह से गुजर बसर चलाते हुए बच्चों के कामयाब होने के सपने देख रहा था। एकाएक, परिवार को किसकी नजर लगी, यह तो पुलिस की जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।
हिसार की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
यह भी पढ़ेंः झज्जर में पत्नी से लड़ाई हुई तो कोल्ड ड्रिंक में जहर मिला सबको पिलाया, पति पत्नी समेत चार की मौत