फर्जी आरसी प्रकरण : रोहतक और सोनीपत के थे सरगना, फर्जी दस्तावेजों पर बनवाते थे पंजीकरण प्रमाणपत्र
एसडीएम कार्यालय में पकड़े गए फर्जी आरसी मामले में गिरोह से जुड़ गया है। लंबी जांच के बाद जिला पुलिस की इकोनोमिक सेल ने इस मामले में एक गाड़ी मालिक को गिरफ्तार किया जिससे पूछताछ के बाद दो ऐसे लोगों के नाम सामने आए हैं
विनीत तोमर, रोहतक : अक्टूबर माह में एसडीएम कार्यालय में पकड़े गए फर्जी आरसी मामले में गिरोह से जुड़ गया है। लंबी जांच के बाद जिला पुलिस की इकोनोमिक सेल ने इस मामले में एक गाड़ी मालिक को गिरफ्तार किया, जिससे पूछताछ के बाद दो ऐसे लोगों के नाम सामने आए हैं जो पहले भी इस तरह के फर्जीवाड़े में शामिल रह चुके हैं और फिलहाल यमुनानगर की जगाधरी जेल में बंद है। गिरोह से जुड़े इन दोनों आरोपितों ने ही एसडीएम कार्यालय के तत्कालीन मोटर रजिस्ट्रेशन क्लर्क सतविंद्र से सांठगांठ कर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर गाड़ियों की आरसी बनवाई थी। इसमें एक आरोपित रोहतक के सेक्टर तीन निवासी रामनिवास और दूसरा सोनीपत निवासी कृष्ण है। जिस तरह इस मामले में गिरोह से जुड़े दो लोगों के नाम खुले हैं उससे बड़े फर्जीवाड़े की आशंका जताई जा रही है। अब पुलिस दोनों आरोपितों को प्रोडक्शन वारंट पर लेकर पूछताछ करेगी।
यह था मामला
पिछले साल पांच अक्टूबर को सीएम फ्लाइंग की टीम ने रोहतक एसडीएम कार्यालय में छापेमारी की थी। जहां से कई गाड़ियों की आरसी का रिकार्ड खंगाला गया था। इसमें तीन गाड़ियां ऐसी मिली थी जिनकी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर आरसी बनाई गई थी। इसमें एक गाड़ी दिल्ली नंबर, दूसरी यूपी और तीसरी गाड़ी सिरसा जिले की थी। वहां से इन गाड़ियों की एनओसी लिए बिना ही रोहतक एसडीएम कार्यालय में इनका रजिस्ट्रेशन करा दिया गया। इस प्रकरण में एसडीएम कार्यालय के तत्कालीन मोटर रजिस्ट्रेशन क्लर्क सतविंद्र समेत कई के खिलाफ आर्य नगर थाने में केस दर्ज कराया गया था। बाद में मामले की जांच जिला पुलिस की इकोनोमिक सेल को दे दी गई थी।
पहली गिरफ्तारी के बाद खुलता गया मामला
जांच अधिकारी के अनुसार, जिन तीन गाड़ियों की आरसी फर्जी तरीके से बनाई गई थी उसमें वैगनआर एचआर12एएफ-9930 नंबर की गाड़ी भी शामिल थी, जो चुन्नीपुरा निवासी सत्यवान के नाम पर थी। कई दिन पहले सत्यवान को गिरफ्तार किया गया। जिससे पूछताछ में पता चला कि जो गाड़ी उसके नाम पर रजिस्ट्रड है वह इससे पहले दिल्ली में रजिस्ट्रड थी, लेकिन दिल्ली से उस गाड़ी की एनओसी नहीं ली गई और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उसे रोहतक में रजिस्ट्रड करा दिया गया। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर आरसी बनाने का पूरा जिम्मा रोहतक के सेक्टर-तीन निवासी रामनिवास और सोनीपत निवासी कृष्ण कुमार ने लिया था, जिन्होंने एसडीएम कार्यालय के क्लर्क सतविंद्र से सांठगांठ की थी। उधर, आरोपित क्लर्क अभी फरार चल रहा है।
इंश्योरेंस कंपनी का सेल लेटर भी लगाया फर्जी
गाड़ी की फर्जी अारसी के दस्तावेजों में दिल्ली की एक इंश्योरेंस का सेल लेटर भी लगाया गया था। आरोपित की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उस इंश्योरेंस कंपनी से भी संपर्क किया। खास बात यह है कि जिस इंश्योरेंस कंपनी का सेल लेटर लगाया गया था उस कंपनी ने भी साफ मना कर दिया कि उन्होंने ऐसी कोई गाड़ी नहीं बेची। यह सेल लेटर फर्जी है।