फर्जी आरसी मामले की जांच कर रहे STF इंस्पेक्टर मिले कोरोना पॉजिटिव, टीम क्वारंटाइन
चोरी की लग्जरी गाड़ियों की फर्जी तरीके से आरसी तैयार कराने के मामले में बड़ा पर्दाफाश हुआ है। इसमें इंस्पेक्टर जांच कर रहे हैं। आरोपित पकड़े भी गए हैं।
रोहतक, जेएनएन। चोरी की लग्जरी गाडिय़ों की फर्जी तरीके से रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी) बनाने के मामले में जांच कर रहे एसटीएफ इंस्पेक्टर की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। एसटीएफ टीम को क्वारंटाइन किया गया है। गिरोह के मुख्य आरोपित कल 3 जुलाई को प्रोडक्शन वारंट पर लाये जाने थे। अब कल पेश किए जाने पर संशय की स्थिति बन गई है। वहीं उनके संपर्क में और कौन कौन आया है इसका भी पता लगाया जा रहा है।
बता दें कि चोरी की लग्जरी गाड़ियों की फर्जी तरीके से आरसी तैयार कराने के मामले में बड़ा पर्दाफाश हुआ है। रिमांड पर लिए गए आरोपित टाइपिस्ट से पूछताछ में पता चला है कि लग्जरी गाड़ियों के इंजन और चेसिस नंबर बदल देते थे। एसटीएफ एसआइटी इंस्पेक्टर सतीश बामल के अनुसार, गाड़ी को चोरी करने के बाद आरोपित अपने खास मैकेनिक के पास लेकर जाते थे, जिसके बाद चेसिस और इंजन पर डाले गए असली नंबरों में छेड़छाड़ कर जीरो का आठ और आइ से एल, पी, के आदि अक्षर बना देते थे।
इसी तरह आरोपित एक नंबर से चार, पांच से छह और यू आदि बना देते थे। नंबरों की पूरी सीरिज में दो से तीन अक्षरों के साथ छेड़छाड़ की जाती थी, फिर उन्हीं नंबरों के आधार पर फर्जी दस्तावेज तैयार किए जाते थे और गाड़ी की असली आरसी बनवा देते थे। दरअसल, लग्जरी गाड़ियों के मामले में एसटीएफ एसआइटी ने महम एसडीएम कार्यालय के बाहर बैठने वाले टाइपिस्ट सैमाण गांव निवासी रमेश बामल को रिमांड पर लिया है।
फर्जी आरसी के इस खेल में टाइपिस्ट की महत्वपूर्ण भूमिका रहती थी। मुख्य आरोपित उसे गाड़ी के चेसिस और इंजन नंबर आदि बताते थे, जिसके बाद वह उसी तरीके से फाइल तैयार कर कार्यालय के अंदर कर्मचारियों से सांठगांठ करता था। एसटीएफ एसआइटी इंस्पेक्टर ने बताया था कि मुख्य आरोपित अमित और सीसरखास निवासी रमेश उससे संपर्क करते थे। उसकी जिम्मेदारी यह थी कि वह आरसी तैयार कराने के लिए सभी दस्तावेज पूरे करेगा और अंदर कार्यालय में कर्मचारियों से सांठगांठ कर जल्दी से जल्दी आरसी तैयार कराएगा।
एक गाड़ी की आरसी तैयार करने के एवज में वह 40 हजार रुपये लेता था, जिसमें से 25 हजार रुपये अंदर कर्मचारियों को देता था और बाकी अपने पास रखता था। आरोपितों ने इस कदर पकड़ बना रखी थी कि अगर किसी व्यक्ति का गाड़ी लेने का बजट नहीं है तो वह उसका लोन भी पास करा देते थे। मामले में अभी कई आरोपित फरार चल रहे हैं, जिन्हें पकडऩे के लिए दबिश दी जा रही है।
बता दें कि गुरुग्राम एसटीएफ ने 3 जून को चरखी दादरी जिले के प्रेम नगर निवासी प्रवीण को स्कार्पियो गाड़ी के साथ गिरफ्तार किया था। जांच में पता चला कि वह गाड़ी चोरी की है, जिसका महम एसडीएम कार्यालय में फर्जी तरीके से रजिस्ट्रेशन कर आरसी बनवाई गई थी। इस खेल में महम एसडीएम कार्यालय के कर्मचारी रोहतक के रेवेन्यू कालोनी निवासी अनिल कुमार, कंप्यूटर ऑपरेटर कृष्ण कुमार और ऑपरेटर सोमबीर को गिरफ्तार किया था। इनके अलावा महम निवासी मुख्य आरोपित अमित, सीसरखास गांव निवासी रमेश, सूबे, सैमाण गांव निवासी टाइपिस्ट रमेश बामल और जसवंत उर्फ काला समेत कई अज्ञात के खिलाफ महम थाने में मामला दर्ज हुआ था।