ऐतिहासिक इमारतें देख परदेसी सैलानी बोले, कितनी खूबसूरत है धरोहर
करीब 60 लोगों की टीम ने सुबह से दोपहर तक शहर के विभिन्न इलाकों में स्थित ऐतिहासिक विरासतों का भ्रमण कर उनके बारे में जानकारी प्राप्त की।
जेएनएन, हिसार : अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी ऐतिहासिक इमारतों के लिए पहचान स्थापित कर चुके हांसी शहर के भ्रमण के लिए रविवार को विभिन्न प्रदेशों के हेरिटेज प्रेमियों की टीम पहुंची। करीब 60 लोगों की टीम ने सुबह से दोपहर तक शहर के विभिन्न इलाकों में स्थित ऐतिहासिक विरासतों का भ्रमण कर उनके बारे में जानकारी प्राप्त की। टीम में शामिल सभी हेरिटेज प्रेमी हांसी जैसे छोटे से शहर में स्थित अनगिनत धरोहरों को देखकर स्तंभ थे। हेरिटेज प्रेमी सबसे ज्यादा प्रभावित पृथ्वीराज चौहान के किले को देखकर हुए।
इंडियन नेशनल ट्रस्ट फार आर्ट एंड कल्चरल (इंटेक) संस्था लोगों को देश की ऐतिहासिक धरोहरों के प्रति जागरूक करने के लिए काम कर रही है। इसी संस्था द्वारा दिल्ली, हरियाणा, बैंगलुरू व कई अन्य प्रदेशों से करीब 60 लोगों की टीम को हांसी शहर के ऐतिहासिक किले व बडसी गेट के भ्रमण के लिए हांसी शहर लाया गया था। सबसे पहले हेरिटेज प्रेमियों ने बडसी गेट का भ्रमण किया और सदियों पुराने बुलंद दरवाजे के इतिहास से मुखातिब हुए।
इसके बाद सैलानी ऐतिहासिक किले पर पहुंचे। हेरिटेज प्रेमियों ने सबसे अधिक समय ऐतिहासिक किले के भ्रमण में लगाया व किले के ऊपर स्थिति भवनों में लगे पत्थरों पर हुई शिल्पकारी के बारे में जाना। हेरिटेज प्रेमियों ने किले पर स्थित भवनों, मजार, कुंड, बारादरी के बारे में जानकार अचंभित हो गए कि इतना छोटा शहर इस प्रकार की विरासत को अपने अंदर संजोए हुए है। इंटेक की तरफ से टीम के बतौर गाईड के रूप में शामिल मंजू व तपस्या ने सौलानियों को शहर के इतिहास के बारे विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भविष्य में हांसी के इतिहास से देश व विदेश के लोगों को अवगत करवाने के लिए और हेरिटेज वॉक का आयोजन किया जाएगा।
सबकी जुबां पर एक ही मलाल ऐतिहासिक धरोहरों की नहीं हो रही संभाल
हेरिटेज प्रेमियों की टीम में शामिल स्मिता राठौर, पीयूष, सुमिता तायल, कीर्ती, पूनम परिणिता, विक्रम राठौर, अजीत ¨सह आदि सैलानियों ने शहर की ऐतिहासिक इमारतों को देखकर कहा कि शहर को हेरिटेज सिटी के रूप में स्थापित करने की पूरी संभावनाएं है। शहर की ये विरासत संरक्षण के अभाव में दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। सभी सैलानी ऐतिहासिक किले की दुर्दशा को देखकर काफी मायूस दिखे। इंटेक की और से आई तपस्या व पीयूष ने कहा कि हांसी में इतनी ऐतिहासिक इमारतें हैं कि जिन पर काफी शोध हो सकता है। उन्होंने कहा कि पूरा शहर ही सदियों की विरासत को अपने अंदर समेटे हुए है व ऐतिहासिक किला तो वास्तव में कई सदियों के इतिहास का गवाह है। जिसके संरक्षण के लिए पुरातत्व विभाग को विशेष योजना तैयार करनी चाहिए।