Move to Jagran APP

पूर्व सैनिकों ने भी कृषि कानूनों के समर्थन में रखा उपवास

दिल्ली में वही पूर्व सैनिक किसानों के पक्ष में बैठे हैं जो किसी न किसी तरीके से राजनीतिक पार्टियों से जुड़े हुए हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 Dec 2020 06:57 AM (IST)Updated: Sun, 20 Dec 2020 06:57 AM (IST)
पूर्व सैनिकों ने भी कृषि कानूनों के समर्थन में रखा उपवास
पूर्व सैनिकों ने भी कृषि कानूनों के समर्थन में रखा उपवास

जागरण संवाददाता, हिसार : एसवाईएल नहर का पानी हरियाणा को मिले, इस मुद्दे को लेकर जिले के किसानों व भाजपा कार्यकर्ताओं ने शनिवार को रेड स्क्वेयर मार्केट में एकत्रित होकर उपवास रखा। उपवास कार्यक्रम में पूर्व सैनिक भी समर्थन देने पहुंचे। इन सैनिकों में सूबेदार और कैप्टन रैंक के रिटायर्ड अधिकारी भी थे। सभी ने कृषि कानूनों का पुरजोर तरीके से समर्थन किया।

loksabha election banner

सूबेदार जीएल चाहर ने कहा कि वह भी किसान के बेटे हैं। देश की रक्षा के लिए उन्होंने युद्ध लड़े हैं। यह कृषि कानून पूरे तरीके से किसानों के हक में हैं। उन्होंने कहा कि कुछ अफवाहें फैलाई जा रही हैं कि दिल्ली बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों का पूर्व सैनिकों ने समर्थन किया है, यह एकदम गलत है। दिल्ली में वही पूर्व सैनिक किसानों के पक्ष में बैठे हैं, जो किसी न किसी तरीके से राजनीतिक पार्टियों से जुड़े हुए हैं।

पूर्व सैनिकों ने कहा कि उन्होंने कृषि कानून बारीकी से पढ़ा है। किसानों को भ्रमित किया जा रहा है। किसान इस कानून को परखें, अगर लगे कि यह उनके पक्ष में नहीं है तो अगली बार केंद्र सरकार को वोट ना देकर सबक भी सिखा सकते हैं। लेकिन कानून को बिना जाने विरोध करना ठीक नहीं है। सूबेदार धर्मपाल चाहर के साथ कैप्टन फकीरचंद, कैप्टन ओमप्रकाश, सूबेदार जीएल चाहर सहित कई पूर्व सैनिक उपवास कार्यक्रम में पहुंचे।

इधर एसवाईएल के लिए रखे गए उपवास का किसान आंदोलन का समर्थन कर रहे लोगों व किसान संगठनों ने विरोध करना शुरू कर दिया। विरोध की भनक खुफिया तंत्र को पहले ही लग गई। जिसके बाद एकाएक उपवास कार्यक्रम की सुरक्षा बढ़ा दी गई और मुख्य रास्ते पर बैरिकेड लगा दिए गए। वहीं दूसरी ओर अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति, बालसमंद तहसील के सचिव बलराज बिजला की अध्यक्षता में पुराने गवर्नमेंट कॉलेज के सामने धरना दिया। धरने पर बैठे लोगों ने भाजपा सरकार के विरुद्ध नारेबाजी की। धरने का संचालन राजीव पातड़ ने किया।

पंजाब नहीं दे रहा हरियाणा के हिस्से का पानी : भाजपा

उपवास को संबोधित करते हुए भाजपा नेताओं ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एसवाईएल पर हरियाणा के पक्ष में निर्णय दिया हुआ है। साथ ही पंजाब सरकार को हरियाणा के हिस्से का पानी देने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2004 में पंजाब विधानसभा में पारित पंजाब टर्मिनेशन ऑफ एग्रीमेंट एक्ट 2004 को असंवैधानिक करार देते हुए खारिज कर दिया। इसके अलावा कोर्ट ने पंजाब सरकार द्वारा एसवाईएल के लिए अधिग्रहीत की गई जमीन किसानों को वापस लौटाने के फैसले को भी अमान्य घोषित कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि 31 दिसंबर 1981 के जल समझौते से पंजाब खुद का अलग नहीं कर सकता है। जल बंटवारे पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2002 और 2004 में दिए गए फैसले को तत्काल लागू किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब को अपने हिस्से में एसवाईएल नहर का निर्माण जल्द से जल्द करने का आदेश दिया है। इसके बावजूद पंजाब हरियाणा को उसके हिस्से का एसवाईएल नहर का पानी नहीं दे रहा है। इसके कारण प्रदेश को पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है। यदि एसवाईएल नहर का उसके हिस्से का पानी मिल जाए तो प्रदेश में पानी का संकट लगभग खत्म हो जाएगा।

उपवास कार्यक्रम की अध्यक्षता पार्टी के जिलाध्यक्ष कै. भूपेंद्र, वीरचक्र ने की। वहीं मंच संचालन जिला महामंत्री प्रवीण पोपली व एडवोकेट धर्मवीर रतेरिया ने किया।

इस अवसर पर विधायक डा. कमल गुप्ता, राज्यसभा सदस्य डा. डीपी वत्स, हांसी के विधायक विनोद भयाना, पूर्व जिलाध्यक्ष सुरेंद्र पूनिया, वरिष्ठ नेता श्रीनिवास गोयल, पूर्व विधायक वेद नारंग व कर्ण सिंह रानौलिया विशेष रूप से उपस्थित रहे। उपवास में सतबीर वर्मा, सीनियर डिप्टी मेयर अनिल सैनी मानी, अशोक कन्नौजिया, एडवोकेट कृष्ण खटाना, आशा खेदड़, रणधीर सिंह धीरू, संजीव रेवड़ी, हेमंत शर्मा, अरुणदत्त शर्मा, कपूर सिंह, कृष्ण बिश्नोई, रामफल बूरा, नरेश नैन आदि मौजूद रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.