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अब हरियाणा में होगी सेब की खेती, रोहतक के गांव भैणी मातो में किसान ने लगाया अनोखा जुगाड़

रोहतक के भैणी मातो गांव के किसान ने जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए खेत में गोबर गैस प्लांट लगाया है। किसान फूल कुमार ने बताया कि गोबर गैस प्लांट से निकलने वाली खाद से लगभग एक एकड़ में सेब की खेती शुरू करने की योजना है।

By Manoj KumarEdited By: Published: Mon, 30 Nov 2020 12:26 PM (IST)Updated: Mon, 30 Nov 2020 12:26 PM (IST)
अब हरियाणा में होगी सेब की खेती, रोहतक के गांव भैणी मातो में किसान ने लगाया अनोखा जुगाड़
रोहतक के भैणी मातो गांव के किसान जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए गोबर गैस प्लांट लगाते हुए।

महम/रोहतक [अनीता सिंहमार] सेब की खेती आमतौर पर ठंडे स्‍थानों पर होती है, लेकिन अब हरियाणा में भी इसकी खेती होगी। इसकी शुरुआत हो चुकी है। रोहतक के भैणी मातो गांव के किसान ने जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए खेत में गोबर गैस प्लांट लगाया है। इससे फसल के लिए खेत में ही खाद उपलब्ध होगी। खेत में खरपतवार को नष्ट करने के लिए धान की पराली का इस्तेमाल कर नया प्रयोग भी किसानों के लिए बेहतर विकल्प दिया है। कृषि विभाग भी किसान के प्रयासों की सराहना कर रहा है।

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किसान फूलकुमार जैविक खेती करते हैं। 2009 में तीन एकड़ में जैविक खेती शुरू की, जो अब सात एकड़ तक पहुंच चुकी है। फूलकुमार ने बताया कि वे जैविक खेती के लिए गोबर की खाद डालते रहे हैं। उस खाद से कई प्रकार की बीमारियों का सामना भी करना पड़ा है। क्योंकि कुरड़ी की खाद में कहीं अधिक व कहीं कम ताकत होने से अनाज, फ्रुट व सब्जी की खेती में अलग-अलग बीमारी लगने का भय बना रहता था।

उन्होंने हरियाणा, उप्र व पंजाब में जैविक खेती करने वालों से इसके समाधान के लिए जाना तो उन्होंने गोबर गैस प्लांट लगाने की सलाह दी। अब उन्होंने अपने खेतों में अच्छी खाद डालने के लिए गोबर गैस प्लांट लगाना शुरू किया है। लगभग एक सप्ताह में यह बनकर तैयार हो जाएगा। लगभग तीन सप्ताह इसमें गोबर डाला जाएगा उसके बाद प्रतिदिन गोबर डालकर खाद निकाली जा सकती है। उन्होंने बताया कि इस प्लांट को लगाने के लिए 35 से 40  हजार की लागत आएगी।

पराली पर किया नया प्रयोग

फूल कुमार ने बताया कि देशी खाद के लिए प्लांट लगाने की योजना के साथ-साथ उन्होंने फसलों में होने वाली खरपतवार को नष्ट करने के लिए धान की पराली को छोटे-छोटे टुकड़ों में कटवाकर लहसून, आलू व  प्याज के खेत में बिछवाया है। इससे जमीन की उपजाऊ शक्ति तो बढ़ेगी ही साथ ही फसलों में होने वाली खरपतवार बिल्कुल नष्ट हो जाएगी। उन्होंने बताया कि एक एकड़ में दो से तीन एकड की पराली बिछाई जा सकती है। किसान पराली को जलाने के बजाय खेतों में प्रयोग करें तो खरपतवार नियंत्रण पर होने वाले खर्चे से कम खर्च पर इसे बिछाया जा सकता है। साथ ही जमीन की उपजाऊ शक्ति को बढ़ाया जा सकता है।

प्लांट शुरू होते ही होगी सेब की खेती शुरू

फूल कुमार ने बताया कि अगले माह उनके द्वारा शुरू किया गोबर गैस प्लांट से निकलने वाली खाद से लगभग एक एकड़ में सेब की खेती शुरू करने की योजना है। उन्होंने बताया कि वे 2017 से केले, अमरूद, मौसमी, अनार व पपीते की खेती करते आ रहे हैं। देशी खाद उत्तम क्वालिटी का नहीं होने के कारण कुछ परेशानी आती रही हैं। गोबर गैस प्लांट लगने के बाद अब वे सेब की खेती करने की तैयारी में हैं। उन्होंने कहा कि जैविक खेती से आमदनी साधारण खेती के अलावा डबल होती है।


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