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बहादुरगढ़ में उद्यमियों ने जताई निराशा, उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा आम बजट

बहादुरगढ़ में फुटवियर में ईवा के इंपोर्ट पर कस्टम ड्यूटी कम की गई है। पहले यह 10 प्रतिशत थी। अब साढ़े सात प्रतिशत की गई है। हालांकि यह काफी कम है। सरकार दावा तो कर रही है कि जूते चप्पल का रेट कम हो जाएगा।

By Naveen DalalEdited By: Published: Tue, 01 Feb 2022 07:00 PM (IST)Updated: Tue, 01 Feb 2022 07:00 PM (IST)
बहादुरगढ़ में उद्यमियों ने जताई निराशा, उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा आम बजट
केंद्रीय बजट से आमजन तक लाभ पहुंचना मुश्किल।

बहादुरगढ़, जागरण संवाददाता। देश के आम बजट में जूते व चप्पल को सस्ता होने का दावा केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने किया है, मगर इसका लाभ आमजन तक पहुंचना मुश्किल है। बहादुरगढ़ में नान लैदर फुटवियर का देश में सबसे बड़ा फुटवियर पार्क है। यहां के फुटवियर उद्यमियों ने इसे आमजन के हित में नहीं बताया है। फुटवियर उद्यमियों ने बताया कि ईवा व मशीनरी पर इंपोर्ट ड्यूटी कम की गई है। यह काफी कम की गई है। इससे उद्यमियों को आंशिक राहत मिलेगी, मगर जूते का रेट आमजन के लिए कम होने की संभावना न के बराबर हैं। ऐसे में उद्यमियों ने इस बजट को लेकर निराशा जताई है। उद्यमियों का कहना है कि यह बजट उनकी उम्मीदों के अनुरूप नहीं रहा।

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इंपोर्ट में कस्टम ड्यूटी घटने से सस्ता होगा जूता व चप्पल

फुटवियर में ईवा के इंपोर्ट पर कस्टम ड्यूटी कम की गई है। पहले यह 10 प्रतिशत थी। अब साढ़े सात प्रतिशत की गई है। हालांकि यह काफी कम है। सरकार दावा तो कर रही है कि जूते चप्पल का रेट कम हो जाएगा लेकिन मुझे नहीं लगता कि इससे कुछ खास फर्क पड़ेगा।

-- -- सुनील गर्ग, फुटवियर उद्यमी।

नहीं मिल पाएगा अधिक फायदा

फुटवियर की मशीनरी पर इंपोर्ट ड्यूटी घटाकर कम की गई है। इससे उद्यमियों को कुछ फायदा होगा। इसकी मांग काफी समय से की जा रही थी। मगर ज्यादा असर पड़ने वाला नहीं है। आम लोगों तक जूते व चप्पल की कीमतें कम होने का फायदा इससे होने वाला नहीं है।

-- -- नरेंद्र छिकारा, वरिष्ठ उपप्रधान, बहादुरगढ़ फुटवियर पार्क एसोसिएशन।

निराशाजनक रहा बजट

बजट से कार्पोरेट को ही फायदा हुआ है। व्यक्तिगत को फायदा नहीं है। बजट में हमने आस लगाई थी कि इनकम टैक्स के अंदर रिबेट मिलेगी। मगर वह नहीं मिली। साथ में किसी भी तरीके का इंपोर्ट के अंदर या प्राइसिंग के अंदर कोई चेंज आया नहीं। ऐसे में उद्यमियों के लिए यह बजट निराशाजनक है।

-- -- -- नवीन मल्होत्रा, उद्यमी।

नियमों में सरलीकरण की अति आवश्यकता

जीएसटी इनपुट टैक्स क्रेडिट का क्लेम लेने के लिए करदाता पूरी तरह से सप्लायर के टैक्स कंप्लायंस पर निर्भर है, जो कि गलत है। इस बारे में बजट में कोई भी सुझाव नहीं दिया गया है। इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने के नियमों में सरलीकरण की अति आवश्यकता है।

-- -- अशोक मित्तल, पदाधिकारी, कानफेडरेशन आफ बहादुरगढ़ इंडस्ट्रीज।

करदाता को इसका फायदा होगा

कर में कोई रियायत नहीं दी गई है। मगर सरकार ने रिटर्न भरते समय गलती रहने पर दो साल तक दुरुस्त करने की स्वीकृति देकर अच्छा किया है। ऐसे में आइटीआर भरने वाले हर करदाता को इसका फायदा होगा।

-- -आरबी यादव, कानूनी सलाहकार, बहादुरगढ़।


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