कर्मचारियों को हटाने के विरोध में सड़क पर कर्मचारी, किया रोष प्रदर्शन
विभिन्न विभागों से हटाए गए कच्चे कर्मचारियों के समर्थन में कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन शुरु कर दिया है। अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी फैडरेशन के आह्वान पर सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ब्लॉक हिसार के सभी विभागों के कर्मचारियों ने शिक्षा विभाग से हटाए गए 19
जागरण संवाददाता, हिसार : विभिन्न विभागों से हटाए गए कच्चे कर्मचारियों के समर्थन में कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी फेडरेशन के आह्वान पर सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ब्लॉक हिसार के सभी विभागों के कर्मचारियों ने शिक्षा विभाग से हटाए गए 1983 पीटीआइ सहित अन्य कच्चे कर्मचारियों को निकालने को लेकर सरकार के खिलाफ उपायुक्त कार्यालय हिसार पर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। उपायुक्त को प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री हरियाणा के नाम ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शन की अध्यक्षता ब्लॉक प्रधान सुरेन्द्र मान ने की व संचालन सचिव सुभाष गुर्जर ने किया। प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि कोरोना महामारी के खिलाफ जंग में जहां सरकारी विभागों के कर्मचारी तन-मन-धन से अपनी सेवा देने मे लगे हुए हैं। वहीं देश व प्रदेश की भाजपा सरकार इन कर्मचारियों के हितों से खिलवाड़ कर रही है। इसी का परिणाम है कि केंद्र व प्रदेश सरकार ने पहले कर्मचारियों व पेंशनरों के डीए व एलटीसी पर रोक लगा दी और वहीं पीटीआइ सहित अन्य कच्चे कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का काम कर दिखाया। सर्व कर्मचारी संघ के ब्लॉक प्रधान सुरेंद्रमान ने कहा कि सर्व कर्मचारी संघ की मांगों से अफसरों को अवगत करवाया है। प्रदर्शनकारियों में जिला सहसचिव अशोक सैनी, परमजीत मावलिया, प्रभु सिंह, रमेश शर्मा, अलका सिवाच, रमेश आहुजा, राजेन्द्र ढांडा, दीनानाथ, जगमिन्दर पूनिया, विनोद प्रभाकर, नकुल सिंह, ओमप्रकाश माल, मनुज बामनिया, अरूण यादव, प्रवीण कुमार, बिशन सिंह, सुरेन्द्र फौजी, अनिल बागड़ी, रमेश शर्मा, मंगल सिंह वर्मा व अभय राम फौजी शामिल रहे।
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ये हैं मांगें
- कोरोना महामारी में काम कर रहे स्वास्थ्य विभाग सहित सभी विभागों के कर्मचारियों को कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपकरण दिए जाएं।
- सभी को एक समान 50 लाख एक्सग्रेसिया बीमा योजना में शामिल किया जाए, स्वास्थ्य विभाग में सिक्योरिटी गार्ड सहित अन्य पदों पर कार्यरत ठेका कर्मचारियों की प्रस्तावित छंटनी पर रोक लगाई जाए।
- कार्यमुक्त किए गए 1983 पीटीआइ शिक्षकों को सेवा सुरक्षा प्रदान की जाए, लॉकडाउन से पहले व बाद में छंटनी किए गए सभी कर्मचारियों को वापस काम पर लिया जाए।
- कर्मचारियों व पेंशनर्ज के महंगाई भत्ते व एलटीसी पर लगाई गई रोक को हटाया जाए, एनपीएस को रद कर जनवरी 2006 से सेवा में आए कर्मचारियों को पुरानी पेंशन नीति में शामिल किया जाए।
- ठेकेदारी प्रथा खत्म की जाए व ठेक कर्मियों को विभाग की पे-रोल पर लिया जाए, श्रम कानूनों में पूंजीपतियों के हक में किए गए मजदूर विरोधी बदलावों को रद किया जाए।
- काम के घंटे 8 से बढ़ाकर 12 घंटे करने के फैसले को रद किया जाए।
- शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं का राष्ट्रीयकरण किया जाए, बिजली व परिवहन सहित सभी सार्वजनिक क्षेत्र के विभागों के निजीकरण पर रोक लगाई जाए।
- चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को गेहूं खरीदने के लिए मिलने वाले ब्याज मुक्त ऋण का पत्र अविलंब जारी किया जाए।
- वर्ष 2015 में 1035 टीजीटी, अंग्रेजी सहित 1538 विज्ञापित पदों के परिणाम जल्द से जल्द घोषित किए जाएं व उन्हें ज्वाइन करवाया जाए।
- नई भर्ती पर लगाई गई रोक को हटाकर सभी रिक्त पदों को नियमित भर्ती से भरा जाए और लोकतांत्रिक गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए बनाए गए यूएपीए जैसे काले कानून को समाप्त किया जाए।
- झूठे मुकदमों में गिरफ्तार किए गए सोशल एक्टिविस्ट को बिना शर्त रिहा किया जाए व धारा 311(2एबीसी) खत्म की जाए आदि मांगें शामिल हैं।