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बिजली निगम के एसडीओ और अन्य ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर किए अदालत में पेश, ऐसे हुआ खुलासा

हिसार पुलिस को दी शिकायत में उसने बताया कि डबल फाटक कार्यालय में तैनात तत्कालीन एसडीओ सतीश कुमार और तत्कालीन सीसी कृष्ण कुमार और अन्य ने 25 अगस्त 2014 को अपनी सरकारी पावर का दुरुपयोग किया। आरोपितों ने षड्यंत्र रच कर फ्राड करते हुए।

By Naveen DalalEdited By: Published: Thu, 10 Feb 2022 12:42 PM (IST)Updated: Thu, 10 Feb 2022 12:42 PM (IST)
बिजली निगम के एसडीओ और अन्य ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर किए अदालत में पेश, ऐसे हुआ खुलासा
बिजली मीटर के अकाउंट नंबर की फर्जी एंट्री दिखाकर फर्जी दस्तावेज तैयार किए।

हिसार, जागरण संवाददाता। हिसार के पारिजात चौक स्थित वलेचा भोजनालय के मालिक गुलशन वलेचा ने बिजली निगम के एक एसडीओ, सीसी और एक अन्य पर आपस में मिलीभगत कर षड्यंत्र रच कर नुकसान पहुंचाने की नीयत से फर्जी दस्तावेज तैयार कर उसके खिलाफ अदालत में पेश करने का आरोप लगाया है। मामले में गुलशन वलेचा ने सिविल लाइन थाना पुलिस को शिकायत दी है।

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आरटीआई में हुआ मामला उजागर

पुलिस को दी शिकायत में उसने बताया कि डबल फाटक कार्यालय में तैनात तत्कालीन एसडीओ सतीश कुमार और तत्कालीन सीसी कृष्ण कुमार और अन्य ने 25 अगस्त 2014 को अपनी सरकारी पावर का दुरुपयोग किया। आरोपितों ने षड्यंत्र रच कर फ्राड करते हुए राजकुमार को फायदा पहुंचाने की नीयत से और उसे नुकसान पहुंचाने की नीयत से 18 दिसंबर 1981 को राजकुमार के नाम से और उसके बिजली मीटर के अकाउंट नंबर की फर्जी एंट्री दिखाकर फर्जी दस्तावेज तैयार किया था।

ये तथ्य आए सामने

इस फर्जी दस्तावेज पर एसडीओ सतीश कुमार ने अपने हस्ताक्षर करके कृष्ण कुमार के द्वारा अदालत में गवाही के रूप में पेश करवाया था। पीड़ित ने बताया कि उसने इस मामले में बिजली बोर्ड डबल फाटक कार्यालय में 19 जनवरी को आरटीआइ लगाई थी। 20 जनवरी को बिजली मीटर के कनेक्शन की ओरिजिनल सर्विस रजिस्टर की कापी जो 17 दिसंबर 1981 से लेकर 21 दिसंबर 1981 तक की एक प्रति उसे आरटीआई के माध्यम से मिली। इसमें सामने आया कि सर्विस रजिस्टर के अंदर राजकुमार के नाम का और उसके अकाउंट नंबर की किसी प्रकार की कोई भी एंट्री नहीं है।

आरटीआई पर स्पष्ट हुआ मामला

इसके अलावा इस आरटीआइ की सूचना में यह भी सामने आया कि 17 दिसंबर 1981 से लेकर 21 दिसंबर 1981 तक इस कार्यालय में कोई भी सर्विस रजिस्टर किसी भी कैटेगरी का लगाया ही नहीं गया। आरटीआई से मिली सूचना पर यह स्पष्ट हो गया है कि तत्कालीन एसडीओ सतीश कुमार ने 25 अगस्त 2014 को फर्जी दस्तावेज तैयार करवाकर उस पर हस्ताक्षर करके उसे अदालत में पेश करवाया था। यह दस्तावेज पूरी तरह से जाली और फर्जी निकला है। पुलिस ने शिकायत पर केस दर्ज कर लिया है।


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