अब सिरसा से रेवाड़ी तक रेलवे ट्रैक पर नहीं होगा प्रदूषण, कम समय में दूरी तय करेंगी ट्रेनें
हिसार से सिरसा के बीच इलेक्ट्रिक ट्रेन चलाने के लिए लाइन का काम अब पूरा हो चुका है। रेलवे विभाग के अधिकारियों द्वारा जल्द ही इलेक्ट्रिक ट्रेन चलाने की अनुमति दी जाएगी।
महेंद्र ¨सह मेहरा, सिरसा :
हिसार से सिरसा के बीच इलेक्ट्रिक ट्रेन चलाने के लिए लाइन का काम अब पूरा हो चुका है। रेलवे विभाग के अधिकारियों द्वारा जल्द ही इलेक्ट्रिक ट्रेन चलाने की अनुमति दी जाएगी। अनुमति मिलने के बाद इलेक्ट्रिक ट्रेन चल पड़ेगी। रेलवे विभाग के अधिकारियों ने ट्रेन चलाने को लेकर सभी प्रकार की औपचारिकता पूरी कर ली है। गौरतलब है कि सिरसा से हिसार के बीच इलेक्ट्रिक ट्रेन चलाने के लिए 80 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई। रेलवे लाइन का कार्य पूरा होने के बाद इलेक्ट्रिक ईंजन से ट्रायल भी लिया जा चुका है। इसके बाद 31 अगस्त को रेलवे सुरक्षा आयुक्त सुशील चंद्रा व बीकानेर मंडल प्रबंधन अनिल दूबे ने निरीक्षण भी किया।
जल्द अनुमति मिलने की उम्मीद
रेलवे विभाग के सुरक्षा आयुक्त द्वारा निरीक्षण के बाद रेलवे लाइन में जो कमी रह गई थी। कर्मचारियों ने रेलवे लाइन, आरओबी, आरयूबी, स्टेशन पर सभी तकनीकी कमियों को दूर कर लिया है। रेलवे विभाग के अधिकारियों ने कमियों को दूर करने की रिपोर्ट तैयार कर सुरक्षा आयुक्त को भेज दी है। इससे अब जल्द ही इलेक्ट्रिक ट्रेन चलाने की अनुमति मिल जाएगी। इसके बाद दिल्ली से सिरसा के बीच इलेक्ट्रिक ट्रेन चलनी शुरू हो जाएगी। युद्ध स्तर पर चल रहा है सिरसा से ब¨ठडा के बीच कार्य
रेलवे विभाग के कर्मचारी सिरसा से हिसार के बीच इलेक्ट्रिक तार बिछाने का कार्य युद्ध स्तर पर कर रहे हैं। विभाग सिरसा से ब¨ठडा तक 70 किलोमीटर की दूरी तक इलेक्ट्रिक तार बिछाने का कार्य अक्टूबर माह तक पूरा कर लिया जाएगा। इससे दिल्ली के बीच सीधे तौर पर इलेक्ट्रिक ट्रेन चलना शुरू हो जाएगी। सिरसा से बंठिडा के बीच इलेक्ट्रिक ट्रेन चलाने के लिए 70 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाएगी। हिसार से रेवाड़ी तक पहले ही तैयार है इलेक्ट्रिक लाइन ट्रैक
बता दें कि हिसार से रेवाड़ी तक पहले ही इलेक्ट्रिक लाइन ट्रैक तैयार हो चुका है। जिस पर ट्रेनें सरपट दौड़ रही हैं। अब सिरसा तक इलेक्ट्रिक ट्रैक तैयार होने के बाद लंबी दूरी की ट्रेनें कम समय में दूरी तय करेंगी। विशेषज्ञों ने अनुसार बिजली से ट्रेन चलने के कारण इंजन की पॉवर सही रहती है। दूसरा पांच से दस मिनट का समय भी बचता है। इतना ही नहीं इलेक्ट्रिक ट्रेनें चलने से सबसे ज्यादा फायदा तो प्रकृति को होता है। हजारों लीटर डीजल की बचत तो होती ही है साथ ही प्रदूषण नहीं होता है। इंजन में खराबी आने की चांस कम रहते हैं और अन्य तरह की खराबियों को भी जल्दी ही दुरुस्त कर लिया जाता है।
:::::सिरसा से हिसार के बीच इलेक्ट्रिक ट्रेन चलाने के लिए जो भी कमी थी। उनको पूरा कर लिया। अब अनुमति मिलते ही इलेक्ट्रिक ट्रेन चला दी जाएगी।
राजकुमार, कार्यकारी अभियंता, रेलवे विभाग