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हरियाणा में ग्‍लैंडर्स के मिल चुके आठ केस, बहादुरगढ़ में शादी में प्रयोग होने वाली दो घोड़ी मरी, सैंपल लिए

हरियाणा में अब घोड़ियों में ग्लैंडर्स मिल रहा है। इसको लेकर मंगलवार को हिसार के राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र (एनआरसीई) की टीम बहादुरगढ़ पहुंची। यहां पर जो घोड़ी संक्रमित मिली है उसके बाड़े के आसपास के क्षेत्र में पशुओं के सैंपल लिए।

By Vaibhav SharmaEdited By: Manoj KumarPublished: Tue, 27 Sep 2022 04:49 PM (IST)Updated: Tue, 27 Sep 2022 04:49 PM (IST)
हरियाणा में ग्‍लैंडर्स के मिल चुके आठ केस, बहादुरगढ़ में शादी में प्रयोग होने वाली दो घोड़ी मरी, सैंपल लिए
हरियाणा में मिल रहे घोड़ों से मनुष्‍यों में फैलने वाले ग्‍लैंडर्स वायरस ने चिंता बढ़ा दी है

जागरण संवाददाता, हिसार। बहादुरगढ़ में शादी में प्रयोग होने वाली घोड़ियों में ग्लैंडर्स मिल रहा है। इसको लेकर मंगलवार को हिसार के राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र (एनआरसीई) की टीम बहादुरगढ़ पहुंची। यहां पर जो घोड़ी संक्रमित मिली है उसके बाड़े के आसपास के क्षेत्र में पशुओं के सैंपल लिए। इन सैंपलों को हिसार लैब में चैक किया जाएगा। क्योंकि ग्लैंडर्स अश्व प्रजाति में होने वाला संक्रामक रोग है, यह मनुष्‍यों में भी फैल जाता है।

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इसके साथ ही पशुपालन विभाग की टीम भी उनके साथ रही। अधिकारियों को एक दिन पहले ही ग्लैंडर्स संक्रमित घोड़ी की रिपोर्ट भेज दी गई थी। यहां पर विज्ञानियों की टीम सिर्फ सैंपलिंग ही नहीं कर रही बल्कि पशु को कैसे मौत देनी है और कैसे बाड़े को संक्रमण रहित बनाना है इसकी जानकारी भी दी गई।

दो घोड़ी पहले ही मर चुकी हैं

एनआरसीई के वरिष्ठ विज्ञानी डा. हरिशंकर सिंघा ने बताया कि अभी जिस बाड़े में घोड़ी ग्लैंडर्स संक्रमित मिली है। उस पशुपालक की दो घोड़ी पहले ही मर चुकी हैं। जिसमें एक घोड़ी आठ सितंबर और दूसरी घोड़ी 17 सितंबर को बीमार होकर मर गई थी। पशुपालक के पास कुछ तीन घोड़ियां थी। ऐसे में विज्ञानियों को शक है कि पहले दो घोड़ी मरी उनमें भी ग्लैंडर्स के लक्षण थे। ऐसे में उनकी मौत भी ग्लैंडर्स से हुई है। ऐसे में विज्ञानियों की यह भी स्थिति पता लगानी है कि ग्लैंडर्स यहां फैलने का कारण क्या है कहां से घोड़ी में यह वायरस आया।

अभी तक प्रदेश में आठ केस मिले

प्रदेश में इस साल अभी तक ग्लैंडर्स के आठ केस मिल चुके हैं। सर्विलांस के कार्य में यहां ढील बरती जा रही है। यही कारण है कि बहादुरगढ़ से पहले डबवाली में तीन केस मिले थे। इससे पहले रोहतक में केस मिले थे। प्रदेश में कुछ आठ केस में ग्लैंडर्स पाया गया है वहीं चार केस ग्लैंडर्स संभावित मिले थे।


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