जीजेयू में 25 लाख रुपये से अधिक कीमत की मशीनों को सभी विभागों कर सकेंगे शेयर
सुभाष चंद्र हिसार जीजेयू के विभिन्न विभागों में स्थापित 25 लाख रुपये से अधिक कीमत की मशीनों क
सुभाष चंद्र, हिसार
जीजेयू के विभिन्न विभागों में स्थापित 25 लाख रुपये से अधिक कीमत की मशीनों का उपयोग विश्वविद्यालय के सभी विभाग कर सकेंगे। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस बारे में हाल ही में फैसला लिया है। जीजेयू के विभिन्न विभागों में बनी लैब में रखी गई 25 लाख रुपये की कीमत से अधिक जो भी मशीनें आएगी, उनका उपयोग विश्वविद्यालय के सभी विभागों के विद्यार्थी व अध्यापक कर सकेंगे। इसके साथ-साथ बाहरी शिक्षण संस्थानों को भी समय-समय पर इनकी सुविधाएं मुहैया करवाई जा सकेंगी।
प्रिटिग, बायो एंड नैनो व मैकेनिकल इंजीनियरिग विभाग में है अधिक कीमत की मशीनें
जीजेयू में प्रिटिग, बायो एंड नैनो व मैकेनिकल इंजीनियरिंग व कंप्यूटर साइंस विभाग में बनी लैब में आधुनिक मशीनें है, जिनका उपयोग विद्यार्थी रिसर्च कार्यो में करते है। जीजेयू में प्रिटिग विभाग में प्रिटिग की आधुनिक मशीनें उपलब्ध है मैकेनिकल इंजीनियरिग विभाग में भी कई तरह की मशीनें है जिन्हें नए यंत्र बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है। प्रिटिग विभाग में हाईटेक ऑफसेट मशीनें
जीजेयू के प्रिटिग विभाग में हाईटेक सीटीपी प्रिटिग मशीन है जो 2016 में वर्ल्ड बैंक की ओर से दी गई थी है। इस मशीन के इस्तेमाल से हाई क्वालिटी की प्रिटिग की जा सकती है। विभाग की डिजिटल प्रिट एप्लीकेशन लैब में 2 डिजिटल प्रिटिग मशीन, एक ऑटोमैटिक कटिग मशीन और एक मॉडम बाइंडिग मशीन है। इनकी कीमत करीब डेढ़ करोड़ रुपये है। इस मशीन के इस्तेमाल से विद्यार्थियों की ट्रेनिग और रिसर्च को बेहतर किया जा सकता है। वहीं एक अन्य प्रिटिग मशीन भी है जिसकी कीमत 55 लाख रुपये है।
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मैकेनिकल इंजीनियरिग विभाग में है यह मशीनें
मैकेनिकल इंजीनियरिग विभाग में एक करोड़ कीमत की सीएनसी मशीनें है। जिनसे मेटल के विभिन्न भाग बनाए जा सकते है। इन मशीनों की जरूरत विश्वविद्यालय के अन्य विभागों के विद्यार्थियों को भी पड़ती है। वहीं सीएनसी मशीन के अतिरिक्त 90 लाख रुपये कीमत की ट्राइबोलॉजी लैब की मशीनरी भी इस विभाग में मौजूद है। वहीं बायो एंड नैनो विभाग में भी करोड़ों रुपये की आधुनिक मशीनें है। जीजेयू में इन विभागों के विद्यार्थी ले पाएंगे लाभ
- कम्यूनिकेशन एंड मैनेजमेंट विभाग
- इनवायरमेंटल साइंस विभाग
- बायो एंड नैनो टैक विभाग
- फूड टेक्नोलॉजी
- केमेस्ट्री
- मैथेमेटिक्स
- फिजिक्स
- हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस
- फार्मास्यूटिकल साइंस
- अप्लाइड साइकोलॉजी
- फिजियोथेरपी
- कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिग
- इलेक्ट्रोनिक्स एंड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिग
- मैकेनिकल इंजीनियरिग
- प्रिटिग टेक्नोलॉजी
- बायोमेडिकल इंजीनियरिग
- हिदी विभाग
- इकनॉमिक्स विभाग
- अंग्रेजी
- इकनॉमिक्स
- बीटेक सिविल इंजीनियरिग
- इलेक्ट्रिकल विभाग
विश्वविद्यालय में महंगी मशीनों से सभी विद्यार्थी सीख पाए और मशीनों का अधिक से अधिक उपयोग हो, इसलिए यह फैसला लिया गया है। विश्वविद्यालय में रिसर्च क्षेत्र पर काम किया जा रहा है, जिसके लिए विद्यार्थियों को कई तरह की मशीनरी की जरूरत पड़ती है। समय-समय पर नई आधुनिक मशीनें विश्वविद्यालय में मंगवाई जाती है।
- प्रो. टंकेश्वर कुमार, कुलपति, जीजेयू।