कोरोना काल का क्या रहा प्रभाव, बच्चों की मानसिक स्थिति जांचेगा शिक्षा विभाग, 27 फरवरी तक चलेगा सर्वे
करीब एक साल बाद बच्चे स्कूल पहुंच रहे हैं। कोरोना काल के बाद अब जब बच्चे स्कूल आ रहे हैं तो उनके मानसिक और सीखने की प्रवृति में कितना बदलाव आया है यह सब जांचा जाएगा। छात्रों का सर्वेक्षण आठ से शुरू करने के बाद अब 13 फरवरी तक चलेगा।
भिवानी [सुरेश मेहरा] शिक्षा विभाग विद्यार्थियों की मानसिक और सीखने की प्रवृति को लेकर सवेक्षण करेगा। यह सब इसलिए किया जा रहा है कि करीब एक साल बाद बच्चे स्कूल पहुंच रहे हैं। ऐसे में कोरोना काल के बाद अब जब बच्चे स्कूल आ रहे हैं तो उनके मानसिक और सीखने की प्रवृति में कितना बदलाव आया है यह सब जांचा जाएगा। छात्रों का सर्वेक्षण आठ से शुरू करने के बाद अब 13 फरवरी तक चलेगा। छात्रों के अवलोकन को व्यवस्थित रूप से 15 से 20 फरवरी तक रिकार्ड किया जाएगा। इसके अलावा स्कूल विजिट के दौरान ली गई जानकारी 15 से 20 फरवरी तक ही रिपोर्टिंग करनी हाेगी।
शिक्षक का अवलाेकन इस प्रकार होगा
* कितने विद्यार्थी आसानी से या बिना किसी झिझक के अपने सहपाठियों, शिक्षकों और स्कूल के अन्य लोगों से बातचीत कर पाते हैं।
* कितने विद्यार्थी अपने सहपाठियों, शिक्षकों या स्कूल के अन्य लोगों के बीच गहरे एवं अच्छे संबंध बना पाते हैं।
* कक्षा में कितने विद्यार्थी थैंक्यू या धन्यवाद शब्द का इस्तेमाल करते हैं जब उन्हें कोई मदद करता है या फिर कुछ सामान देता है।
* किसी काम या स्थिति में अटक जाने पर कक्षा में कितने विद्यार्थी दूसरों की मदद लेने में झिझकते नहीं है या किसी और को मदद देने से पीछे नहीं रहते।
* शिक्षक कक्षा में ब्लैक बोर्ड पर एक इमोशन ट्रैकर बनाएंगे। इसमें वे पांच अलग भावों को पांच खंडों में लिखेंगे जैसे : खुशी, दु:ख, गुस्सा, आश्चर्य और कोई भाव नहीं। बच्चों से उस
भाव में से कैसा एहसास हो रहा है पूछने के बाद उसके नीचे टिक मार्क करेंगे।
* कितने विद्यार्थी अपनी भावनाओं ओर सोच विचार का चिंतन कर पाते हैं।
* गुस्सा आने पर आपकी कक्षा में कितने विद्यार्थी उसके बारे में किसी से बात करते हैं।
* इसके अलावा हिंदी, मैथ, गणित, अंग्रेजी आदि के बारे में भी बचों से जानकारी ली जाएगी।
सर्वे बच्चों के विकास के लिए होगा सार्थक : डीइइओ
बच्चों के आंकलन के लिए शिक्षा विभाग सर्वे करा रहा है। यह बच्चों मानसिक और सीखने की प्रवृत्ति को सामने लाएगा। बच्चों के मानसिक विकास को परखने के बाद यह सर्वे होगा जो बच्चों के लिए लाभदायक होगा। इसके अधार पर बच्चों के टैलेंट को विकसित करने के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे।
रामअवतार शर्मा, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी
भिवानी।