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Dussehra 2021: झज्जर के प्राचीन रामलीला मैदान समेत बेरी और दुजाना में भी हुआ रावण दहन, देखें तस्वीरें

विजय दशमी मेले से पुतले दहन करने के बाद लंबे मुकुट वाले बजरंगी की शोभा यात्रा निकाली गई। इस दौरान बजरंगी बने ये भक्त उन घरों में पहुंचे जहां या तो किसी शिशु ने जन्म लिया हो या फिर उस घर का सुपुत्र वैवाहिक बंधन में बंधा हो।

By Naveen DalalEdited By: Published: Fri, 15 Oct 2021 08:09 PM (IST)Updated: Fri, 15 Oct 2021 08:09 PM (IST)
Dussehra 2021: झज्जर के प्राचीन रामलीला मैदान समेत बेरी और दुजाना में भी हुआ रावण दहन, देखें तस्वीरें
झज्जर के प्राचीन रामलीला मैदान में रावण के पुतले का किया दहन।

जागरण संवाददाता, झज्जर। विजयदशमी का त्योहार जिलेभर में धूम-धाम से मनाया गया। बुराई पर अच्छाई की विजय के रुप में दशानन के पुतले फूंक कर पर्व मनाया गया। जिला मुख्यालय , कस्बा बेरी व दुजाना में पिछले कई दिनों से जारी रामलीला के बाद दशानन व उसके परिवार के पुतले फूंके गये। शहर के दिल्ली गेट स्थित प्राचीन रामलीला कमेटी द्वारा आयोजित दशहरा उत्सव में राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा उपस्थित रहे। जबकि, विशिष्ट अतिथि विधायक गीता भुक्कल मौजूद रही।

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इस मौके पर दशहरे की शुभकामनाएं देते हुए दीपेंद्र ने कहा कि दशहरा बुराई पर अच्छाई की विजय की प्रतीक है और यह लोगों में भाईचारा और समरसता की भावना का संचार करता है। सांसद ने दशहरा उत्सव को परम्परागत उल्लास और उत्साह के साथ मनाने की बात कही और कहा कि इससे शांति, सद्भावना और समृद्धि आये। उन्होंने कहा कि सभी राम राज्य के आकांक्षी अपने हिस्से का रावण दहन कर दे,तभी दशहरा की सार्थकता होगी। उन्होंने कहा कि व्यक्ति और समाज में व्यापक रुप से व्याप्त रावण-वृति के संहारक के प्रतीक्षक ना बन हम स्वयं संहारक बनने का संकल्प ले,तभी राम राज्य और रावण वध संभव है। रावण दहन के मौके पर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता उदयभान पूनिया, वीरेंद्र शर्मा उर्फ बिज्जू, पं. आजाद दीवान, सुभाष दीवान, सुनील जाखड़ सहित अन्य लोगों ने भी शिरकत की।

झूमते गाते बजरंगी ने खूब किया रामभक्ति के साथ शक्ति का प्रदर्शन

लंबे मुकुट वाले हनुमान इस बार फिर दशहरे पर खूब रंग जमाया। झज्जर में बजरंगी हनुमान की इस परंपरा को पिछले कई वर्षों से बखूबी निभाया गया। मंदिर बाबा कांशीगिरि के संयोजन में विजय दशमी से चालीस दिन पहले ये हनुमान भक्त उपवास रखते है और विजय दशमी से तीन दिन पूर्व तक विशेष मुकुट धारण करते हैं। दशहरे पर अपनी शक्ति का प्रदर्शन करने के बाद इन भक्तों का व्रत पूरा हुआ।

विजय दशमी मेले से पुतले दहन करने के बाद लंबे मुकुट वाले बजरंगी की शोभा यात्रा निकाली गई। इस दौरान बजरंगी बने ये भक्त उन घरों में पहुंचे जहां या तो किसी शिशु ने जन्म लिया हो या फिर उस घर का सुपुत्र वैवाहिक बंधन में बंधा हो। बजरंगी की इस यात्रा में इनकी जिम्मेवारी संभालने वाले सुभाष वर्मा, सतीश वर्मा, मंदिर बाबा कांशीगिरि के कार्यकारी प्रधान रुपचंद अरोड़ा, वीके शर्मा सहित बड़ी संख्या में भक्तजन साथ रहे।

सन 1952 से हो रहा मंचन

गांव दुजाना में सन 1952 से श्री राम नवयुवक रामलीला सभा द्वारा रावण दहन किया गया। खास बात यह है कि दशकों से हो रहे मंचन में आज भी यहां पुरानी मान्यताओं के हिसाब से परंपरा का निर्वाह हो रहा है। रामलीला में किसी भी तरह का भोंडापन आदि नहीं होता। बगैर किसी नृत्य के सादगी के साथ भगवान श्री राम के जीवन से जुड़े विषयों को बड़ी श्रद्धा के साथ यहां पर दर्शाया जाता है। आयोजित रामलीला में सीता स्वयंवर के दृश्य का मंचन किया गया। समिति की ओर से संजय सहगल ने बताया कि गांव के सभी लोगों के सहयोग से यह आयोजन होता है।


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