Dussehra 2021: 69 साल के इतिहास में पहली बार किया जाएगा केवल रावण का दहन, जानें वजह
रावण का पुतला 60 फीट का बनाया गया है। जिसे रोहतक के गौकर्ण तालाब परिसर में खड़ा कर दिया गया है। हालांकि इस बार केवल एक ही पुतले को खड़ा देख आसपास के लोग सवाल भी कर रहे हैं लेकिन उनको बताया जा रहा है कि
जागरण संवाददाता, रोहतक। दशहरे पर हर साल तीन पुतलों का दहन करने वाले श्री सनातन धर्म पंजाबी रामलीला क्लब की ओर से इस बार सिर्फ एक ही पुतले का दहन होगा। क्लब के 69 साल के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है, जब केवल एक पुतले का दहन होगा। हालांकि लोगों को यह अटपटा लग रहा है लेकिन क्लब के पदाधिकारियों का कहना है कि परंपरा निभाने के नाम पर्यावरण प्रदूषण को बढ़ाना भी सही नहीं है। इसी कारण इस बार केवल एक और वह भी रावण का ही पुतला जलाने का निर्णय लिया गया।
श्री सनातन धर्म पंजाबी रामलीला क्लब के प्रधान मदन गुलाटी व महासचिव अशोक गुलाटी ने बताया कि क्लब की ओर से 1952 से रामलीला का मंचन हर साल किया जाता है। यहां तक कि कोरोना महामारी के बीच पिछले साल भी क्लब की ओर से रावण, मेघनाद व कुंभकर्ण के पुतलों का दहन किया गया था। लेकिन इस बार परंपरा में कुछ बदलाव किया गया है। क्लब की ओर से इस बार केवल एक ही पुतले का दहन दशहरे पर किया जाएगा। केवल एक पुतले का दहन करने के पीछे उनका मकसद इतना है कि धर्म के प्रचार की यह परंपरा भी बने रहे और पर्यावरण प्रदूषण भी कम से कम हो। इसी के मद्देनजर इस बार रावण के ही पुतले का दहन किया जाएगा। उसमें भी पटाखों की संख्या को कम से कम रखा गया है। पुतले में नाम मात्र के ही पटाखे लगाए गए हैं।
60 फीट का है रावण का पुतला
रावण का पुतला 60 फीट का बनाया गया है। जिसे रोहतक के गौकर्ण तालाब परिसर में खड़ा कर दिया गया है। हालांकि इस बार केवल एक ही पुतले को खड़ा देख आसपास के लोग सवाल भी कर रहे हैं लेकिन उनको बताया जा रहा है कि धार्मिक परंपरा निभाने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण करना भी हम सभी का दायित्व है। लिहाजा एक पुतला ही दहन किया जाएगा। वहीं, अगली बार इससे भी कम प्रदूषण कैसे हो, इसको लेकर विचार-विमर्श कर ठाेस निर्णय लिया जाएगा।
दोपहर निकलेगी विजय यात्रा
उधर, रामलीला क्लब से दाेपहर बाद श्रीराम की विजय यात्रा भी निकाली जाएगी। यह विजय यात्रा क्लब कार्यालय परिसर से शुरू होगी और गौकर्ण डेरा परिसर में पहुंचेगी। जहां पर शाम को 5:50 बजे रावण के पुतले का दहन कर परंपरा निभाई जाएगी। बहरहाल, गौकर्ण तालाब परिसर में रावण का पुतला विधिवत रूप से खड़ा कर दिया गया है। जहां पर अनेक लोग उनकी पूजा करने भी पहुंच रहे हैं।