शहीद लेफ्टिनेंट हवासिंह ने 1971 के युद्ध में पेश की थी शौर्य की मिसाल: दुष्यंत चौटाला
जागरण संवाददाता हिसार प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि मिर्जापुर में जन्मे
जागरण संवाददाता, हिसार: प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि मिर्जापुर में जन्मे शहीद लेफ्टिनेंट हवासिंह ने सन 1971 में हुए भारत-पाक युद्ध के दौरान शौर्य व बहादुरी की नई मिसाल कायम की थी। शहीद ने दुश्मन से लोहा लेकर सर्वोच्च बलिदान दिया। उनकी बहादुरी ने जिला हिसार ही नहीं, पूरे देश का मान बढ़ाया। दुष्यंत चौटाला विजय दिवस पर मिर्जापुर में शहीद की स्मृति में बनवाए गए खेल स्टेडियम का उद्घाटन करने पहुंचे थे। उन्होंने शहीद स्मारक का उद्घाटन भी किया। उन्होंने शहीद लेफ्टिनेंट हवासिंह वेलफेयर सोसायटी की मांग पर स्टेडियम में इन्डोर हॉल बनवाने की घोषणा की। उप मुख्यमंत्री ने स्टेडियम में कबड्डी प्रतियोगिता का शुभारंभ करवाया। उनके साथ पुरातत्व-संग्रहालय व श्रम-रोजगार राज्यमंत्री अनूप धानक, बरवाला विधायक जोगीराम सिहाग भी मौजूद थे।
उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि शहीद लेफ्टिनेंट हवासिंह के जीवन के बारे में पढ़कर उनकी बहादुरी व शौर्य का आभास होता है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा खेल व खिलाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए सभी सुविधाएं तो मुहैया करवा दी जाएंगी। मगर इसका असली लाभ तभी होगा, जब इस स्टेडियम से राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी निकलें। उन्होंने क्षेत्र के लोगों से खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देने का आह्वान किया। उन्होंने खेल स्टेडियम के लिए आठ एकड़ जमीन देने पर मिर्जापुर की दोनों पंचायतों के सरपंच कृष्ण बूरा व राजबीर पूनिया के प्रयासों की भी सराहना की।
बरवाला विधायक जोगीराम सिहाग ने कहा कि शहीद लेफ्टिनेंट हवासिंह जिला ही नहीं, पूरे देश के हीरो हैं। उन्होंने उपमुख्यमंत्री से हलके के सभी गांवों में विकास कार्य करवाने का अनुरोध किया।
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सेना के पूर्व अधिकारी भी रहे मौजूद
इस कार्यक्रम में ऑफिसर ट्रेनिग एकेडमी में शहीद हवा सिंह के ट्रेनिग मेट रहे कर्नल सिद्धू, उनके सहपाठी रहे रिटायर्ड आइएफएस महेश मथानी, कर्नल डीबी नेहरा ने शहीद हवा सिंह से जुड़ी अपनी यादों को साझा किया। इस अवसर पर जजपा की महिला मोर्चा की प्रदेशाध्यक्ष शीला भ्याण, जिलाध्यक्ष जयपाल बांडाहेड़ी, राजेंद्र लितानी, प्रवक्ता मंदीप बिश्नोई आदि मौजूद थे।
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इस तरह से वीर गति को प्राप्त हुए थे शहीद
सन 1948 में गांव मिर्जापुर में जन्मे हवासिंह ने लेफ्टिनेंट के रूप में 1971 के भारत-पाक युद्ध में दुश्मन की दो चौकियों में घुसपैठ करते हुए पहले बंदूक से दो दुश्मनों को मारते हुए एक बंकर को तबाह कर दिया। इसके बाद उन्होंने दुश्मन के पांच और बंकर तबाह करते हुए अपनी खुखरी से चार दुश्मनों को मौत के घाट उतारा। इसी युद्ध में लड़ते-लड़ते वे मातृभूमि पर शहीद हो गए। 21 नवंबर 1971 की रात को उनके द्वारा दिखाए गए अदम्य साहस, कर्तव्य, निष्ठा व शहादत के सम्मान में भारत के राष्ट्रपति द्वारा उन्हें मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित किया गया।