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राहुल गांधी कृषि का 'क' भी नहीं जानते, कृषि बिलों में क्‍या है इतना ही बता दें : दुष्‍यंत चौटाला

उपमुख्यमंत्री चौ. दुष्यंत चौटाला ने कहा कि राहुल गांधी पंजाब में कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन करने आ रहे हैं वो इतना बता दें कि इन बिलों में क्या क्या चीजें हैं जो किसान के लिए नुकसानदायक या फायदेमंद है।

By Manoj KumarEdited By: Published: Sun, 04 Oct 2020 02:00 PM (IST)Updated: Sun, 04 Oct 2020 02:00 PM (IST)
राहुल गांधी कृषि का 'क' भी नहीं जानते, कृषि बिलों में क्‍या है इतना ही बता दें : दुष्‍यंत चौटाला
उपमुख्‍यंमंत्री दुष्‍यंत चौटाला ने कृषि बिलों का विरोध करने पर राहुल गांधी पर तंज कसा है

सिरसा, जेएनएन। उपमुख्‍यंमंत्री दुष्‍यंत चौटाला ने कृषि बिलों का विरोध करने पर राहुल गांधी पर तंज कसा है। उपमुख्यमंत्री चौ. दुष्यंत चौटाला ने कहा कि राहुल गांधी वो व्यक्ति हैं जो कृषि के क शब्‍द के बारे में भी नहीं जानते। राहुल गांधी पंजाब में कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन करने आ रहे हैं, वो इतना बता दें कि इन बिलों में क्या क्या चीजें हैं, जो किसान के लिए नुकसानदायक या फायदेमंद है। कांग्रेस की सरकार में पांच मुख्यमंत्रियों की कमेटी ने खुले बाजार में किसानों के उत्पादों को बिकने की मंजूरी दी थी। आज जब वह लागू हो रहा है तो इसका विरोध किया जा रहा है।

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दुष्यंत चौटाला रविवार को सिरसा स्थित आवास पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने बताया कि प्रदेश में फसल खरीद का चौथा दिन है। 26 सितंबर को वे केंद्रीयमंत्री स्मृति इरानी से मिले थे उस समय कपास का भाव 3800 रुपये था जो आज 5200 पर पहुंच चुका है। 1509 का रेट 1750 रुपये प्रति क्विंटल था जो बढ़कर 2100 तक पहुंच गया है। मंडी में आई धान, बाजरा, कपास, नरमा की फसलें एमएसपी पर बिक रही है। मक्का की खरीद के लिए मंडियों में ड्रायर पहुंचा दिये हैं।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आज के दिन मंडियों में जाकर किसान से पूछो फसल बिकी या नहीं। वो कहेंगे कि उन्हें भ्रमित किया जा रहा था। जब तक इस ऑफिस में हूं, किसान की फसल का दाना दाना खरीदा जाएगा। उन्होंने कहा कि फ्री ट्रेड व्यवस्था शुरू होने के बाद किसान अपनी फसल कहीं भी बेच सकता है।

मार्केट फीस में कटौती करके सरकार ने मंडी व्यवस्था को मजबूत करने का काम किया है। बड़ौदा उपचुनाव पर उन्होंने कहा कि भाजपा और जजपा दोनों पार्टियां तैयारी कर रही है। 6 अक्टूबर को सिरसा आवास पर किसानों के प्रस्तावित धरने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि किसानों का घर है, जो आएंगे उनका स्वागत करेंगे।


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