उन्नाव जेल में कारसेवकों को सड़ी रोटियां दी तो उनकी माला बना जेलर के गले में डाल दी
राम लला हम आएंगे मंदिर वहीं बनाएंगे के उदघोषों के बीच अयोध्या में रामलला के मंदिर के निर्माण के लिए कार सेवा का जुनून बरवाला के श्रीराम भक्तों में भी छाया था। यहां से कार सेवकों का एक जत्था अयोध्या के लिए रवाना हुआ। इस जत्थे को अयोध्या पहुंचने से पहले ही लखनऊ में गिरफ्तार कर लिया गया और 1
राजेश चुघ, बरवाला
राम लला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे के उदघोषों के बीच अयोध्या में रामलला के मंदिर के निर्माण के लिए कार सेवा का जुनून बरवाला के श्रीराम भक्तों में भी छाया था। यहां से कार सेवकों का एक जत्था अयोध्या के लिए रवाना हुआ। इस जत्थे को अयोध्या पहुंचने से पहले ही लखनऊ में गिरफ्तार कर लिया गया और 18 दिन तक उन्नाव जेल में रखा गया।
कारसेवकों के जत्थे में बरवाला से मुख्य रूप से वीरेंद्र गुप्ता, अर्श्वनी शर्मा, जगदीश रहेजा, कामरेड हरिचंद् सरदाना, विजय गक्खड़, विजय सहगल, सुंदर सैनी, पृथ्वी सैनी, राकेश खटीक, रोहतास गोयल उर्फ घोटू, सुंदर गोयल, रोशन शर्मा बालक और सुभाष चंद्र शामिल थे।
128 कारसेवकों का जत्था 128 त्रिशूलों के साथ गया था अयोध्या कारसेवक अश्वनी शर्मा ने बताया कि ऑल इंडिया साधु समाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महंत श्रीकृष्ण गिरी महाराज के साथ बालक गांव से 128 कारसेवकों का जत्था 128 त्रिशूलों के साथ पहले हिसार पहुंचा। यहां से वह दिल्ली गए और वहां से ट्रेन पकड़ी। रास्ते में उनके पीछे सीआइडी लग गई। जब उनसे पूछताछ हुई तो उन्होंने कहा कि वह तो हवन यज्ञ करने के लिए साधु समाज के साथ जा रहे हैं। लखनऊ रेलवे स्टेशन पर उतरने के बाद चार-चार की टोली में कारसेवक चलने लगे। इसी दौरान एक कारसेवक ने श्रीराम का उद्घोष लगाया तो सीआइडी ने उन्हें पकड़ लिया और हुसैनगंज चौकी ले आए। यहां तत्कालीन एसडीएम के साथ अर्श्वनी शर्मा की बहस हुई तो वह बोले कि तुम लोगों को ऐसी जेल में भेजूंगा कि हमेशा याद रखोगे। इसके बाद उन्हें उन्नाव जेल भेज दिया गया। खूंखार कैदियों के माध्यम से महाराष्ट्र की महिलाओं के कानों से बालियां उतारीं
अश्वनी शर्मा ने बताया कि उन्नाव जेल उन्हें सड़ी हुई रोटियां दी गई। इस पर उन्होंने इन रोटियों की माला बनाकर जेलर के गले में डाल दी। जिस पर खूब हंगामा किया। इतना ही नहीं जेलर और स्टाफ ने खूंखार कैदियों के माध्यम से महाराष्ट्र की महिलाओं के कानों से बालियां उतरवाई। जेल से मिला मेहनताना डबल कर दे दिया था मंदिर निर्माण के लिए
18 दिन वह सभी कारसेवक उन्नाव जेल में रहे। जब उन सभी को रिहा किया गया तो उन्हें मेहनताना भी मिला था। जितना मेहनताना मिला था उसमें उतनी ही राशि और मिलाकर ऑल इंडिया साधु समाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महंत कृष्ण गिरी ने अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए महाराज रामचंद्र को दे दी।