बड़वा के दुर्गा मंदिर में भक्तों की है बड़ी आस्था
संवाद सहयोगी, सिवानी : गांव बड़वा में एक पुरानी मढ़ी पर बनाया गया मां दुर्गा प्राचीन मंदिर है जहां पर
संवाद सहयोगी, सिवानी : गांव बड़वा में एक पुरानी मढ़ी पर बनाया गया मां दुर्गा प्राचीन मंदिर है जहां पर पिछले 40 सालों से मां दुर्गा की पूजा अर्चना की जा रही है। मां दुर्गा के इस मन्दिर में नवरात्रों के मौके पर विशाल मेले का आयोजन किया जाता है जिसमें हजारों की संख्या में धर्म प्रेमी भाग लेते है।
इतिहास
श्री दुर्गा मंदिर काफी प्राचीन है लेकिन इस मंदिर का नव निर्माण करीब 40 साल पहले बनाया गया था। 1979 में फूल चंद भीमसानिया इस मंदिर का निर्माण करवाया था जब वो बड़वा से दिल्ली होकर सिक्किम जा रहे थे कि दिल्ली स्टेशन पर विश्राम के दौरान ही मां दुर्गा ने उनको ²ष्टांत दिया कि वो वापस गांव लौटे और जहां मां दुर्गा की मढ़ी थी वहां मां दुर्गा के मन्दिर का निर्माण करवाया। फूल चंद भीमसानिया ने गांव में बनाए गए इस मन्दिर की पूजा अर्चना करने की कमान गांव में भट्ट बिरादरी के पांच भाइयों को सौंपी जिसमें गंगाधर, त्रिलोक चंद, जगदीश प्रसाद, नवरंग व राम कुमार शामिल थे। अब इन सभी पुजारियों का स्वर्ग वास हो जाने के बाद इनके परिजनों के लोग बारी-बारी से एक-एक साल के लिए मन्दिर में पुजारी के रूप में सेवा करते हैं। वर्तमान में सदानन्द भट्ट मंदिर के पुजारी हैं।
विशेषता:
श्री दुर्गा मन्दिर वास्तुकला के अनुसार बनाया गया है। मां दुर्गा के सिर पर एक बड़ा गुंबद बनाया गया। इसके अलावा मां के प्रांगण में दूसरे देवी देवताओं के भी छोटे मंदिर बनाए गए है। मन्दिर का मुख्य द्वारा पूर्व दिशा में सूर्य देवता के सामने पड़ता है।
चेत्र व आसोज के नवरात्रों के मौके पर श्री दुर्गा मन्दिर में विशेष आयोजन व विशेष पूजा अर्चना होती है। वैसे तो मां की ज्योति हमेशा से ही 24 घंटों जलती है लेकिन नवरात्रों के दौरान 21 ज्योत से मां की विशेष पूजा अर्चना की जाती है और इस दौरान मांगी गई सभी मन्नतें मां दुर्गा पूरी करती है।
- सदानंद भट्ट पुजारी
श्री दुर्गा मन्दिर बड़वा में साल में चेत्र और आसोज में दो बड़े आयोजन होते है जिसमें मां की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। दोनों ही नवरात्रों के दौरान लगातार भंडारा चलता है जिसमें हजारों की संख्या में लोग प्रसाद ग्रहण करते है। नवरात्रों में दुर्गा मन्दिर को बेहद सुन्दर ढंग से सजाया जाता है।
- कैलास गोयल संचालक कमेटी