हिसार में बिक रहा था मिलावटी देसी घी, पकड़े जाने तक बेच दिया 27050 लीटर घी
10 सैंपल में से खुले घी और पैक्ड घी के 8 सैंपल फेल। 16 मार्च को फूड सेफ्टी ऑफिसर और पुलिस ने छापा मारकर घी दूध मक्खन दही के भरे थे 10 सैंपल फैक्टरी सील कर लाइसेंस रद कर दिया
हिसार, जेएनएन। सिरसा रोड स्थित तनेजा मिल्क एंड फूड प्रोडक्टस प्राइवेट लिमिटेड में बीते 16 मार्च को भरे गए घी के 10 सैंपल में से से आठ सैंपल फेल पाए गए। गोल्डन होटल के पीछे स्थित इस फैक्टरी में फूड सेफ्टी ऑफिसर अरविंद्रजीत सिंह ने एएसपी विक्रांत भूषण की उपस्थिति में छापा मारकर फेक्टरी की प्रोडक्शन यूनिट और स्टोरेज यूनिट को सील कर दिया। साथ ही एक महीने तक लाइसेंस रद कर दिया गया है।
इस फैक्टरी पर 16 मार्च को छापा मारा गया था उस समय वहां से 5 हजार किलोग्राम दूध, 28 हजार लीटर घी, 200 किलोग्राम मक्खन, 1100 लीटर पैक्ड घी से कुल मिलाकर 10 सैंपल लिए गए थे। वहीं गुरुवार को मारे गए छापे में 28 हजार लीटर घी में से सिर्फ 2030 लीटर घी मिला है। जबकि 25950 लीटर घी सहित उपरोक्त सारा सामान बेचा जा चुका है। यानि 16 मार्च से अब तक यानि 23 दिनों में इस फेक्टरी से उपरोक्त मिलावटी घी बेच दिया गया।
छापेमारी में मिला यह सामान
16 मार्च को मारे गए छापे में घी के 2 पैकिट थे जिनमें में 915 लीटर और दूसरे में 195 लीटर घी था। तीसरे ड्रम में 7 हजार लीटर घी था। वहीं मक्खन 800 किलो, पैक्ड घी 54 लीटर, दही 250 किलो, दूध 5200 लीटर, एक अन्य ड्रम में घी 6500 लीटर था। वहीं एक ड्रम में 7200 लीटर था। जिसमें से गुरुवार को छापे के दौरान 30 लीटर घी मिला है। वहीं दूसरे ड्रम में 8 हजार में से सिर्फ 2 हजार लीटर घी मिला है। इसके अलावा दूध, मक्खन, दही सहित वहां कुछ नहीं मिला।
फेक्टरी संचालक को एक महीने तक अपील का समय
फेक्टरी संचालक को एक महीने तक अपील करने का समय दिया गया है। एक महीने तक फेक्टरी संचालक विभाग से सैंपल लेकर गाजियाबाद स्थित लैब में रीएलानाइज करवा सकता है। घी में मिलावट करके बेचा जा रहा था। फेट के कंटेट कम पाए गए है। लाइट डालकर पता लगा जाता है इससे टेस्ट हो जाता है। दूध और दही को छोड़कर सभी बंद
दो और सैंपल भरे
वहीं गुरुवार को घी के दो नए सैंपल भी लिए गए हैं। जिन्हें जांच के लिए करनाल स्थित लैब में भेजा जाएगा। अरङ्क्षवद्रजीत ङ्क्षसह ने बताया कि उन्हें 16 मार्च को भरे गए सैंपल के रिजल्ट ईमेल से सैंपल फेल होने की जानकारी मिली तो वह एएसपी विक्रांत और पुलिसकर्मियों के साथ सुबह 11 बजे फेक्टरी पहुंचे। वहां शाम 4.30 बजे तक फेक्टरी के स्टोरेज सामान और प्रोडक्टशन यूनिट में सामान की डिटेल लेकर उसे सील किया। अरङ्क्षवद्रजीत ङ्क्षसह ने बताया कि फेक्टरी संचालक के खिलाफ सैंपल फेल होने के पहले भी सात केस चल रहे हैं। आठ सैंपल और नहीं भेजे गए। इसलिए विभाग की ओर से फेक्टरी का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। स्टोर में काफी सामान पड़ा हुआ था। 8 सैंपल फेल में दूध, दही पास है। घी के चार सैंपल, दो पैक्ड घी के सैंपल फेल हुए हैं।
सब स्टेंडर्ड और अनसेफ कैटेगरी में पाए गए सैंपल
एक पैक्ड घी अनसेफ कैटेगरी में है तो दूसरा पैक्ड घी सब स्टेंडर्ड आया है। वहीं दूसरे कैटेगरी में खुले घी में से बटर सब स्टेंडर्ड पाया गया है। आठ में से तीन अनसेफ और पांच सब स्टेंडर्ड पाए गए है। इनकी बिक्री बंद करने की बात भी जांच रिपोर्ट में लिखी गई है।
10 साल से चल रही है फैक्ट्री
इस फेक्ट्री को चलते हुए 10 साल से अधिक का समय हो गया है। गुरुवर को छापेमारी में बहुत सा सामान कोल्ड स्टोरज में रखा हुआ था। यह फेक्टरी करीब आधा एकड़ में बनी हुई है और यहां पर करीब 15 लोग काम करते है। दूध, घी लाने ले जाने के लिए फेक्टरी संचालक पर पांच से छह गाडिय़ा है।
सैंपल के अनसेफ और सब स्टेंडर्ड कैटेगरी में पाए जाने सजा और जुर्मान का प्रावधान है -
अनसेफ कैटेगरी - क्रिमिनल केस बनता है चीफ ज्यूडिशियल कोर्ट में मामला चलता है जिसमें सजा का प्रावधान है।
सब स्टेंडर्ड कैटेगरी - यह मामला एडीसी कोर्ट में चलता है, इसमें पांच लाख रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है।