पवन सिरोवा, हिसार
डेयरी शिफ्टिग प्रोजेक्ट में अप्रूव्ड क्षेत्र की शर्त के कारण आई अड़चन दूर हो गई। इस अड़चन के कारण पिछले कई महीनों से यह प्रोजेक्ट रुका हुआ था। अब प्रदेश सरकार से हरी-झंडी मिलने के बाद शहरी स्थानीय निकाय विभाग (यूएलबी) की ओर से डेयरी शिफ्टिग के लिए चिन्हित की गई करीब 50 एकड़ भूमि पर अप्रूव्ड क्षेत्र होने की लगाई गई शर्त को हटा दिया गया है। इसके लिए यूएलबी के प्रधान सचिव की ओर से भी सहमति दी गई है। यूएलबी के एक अक्टूबर 2021 को आदेश मिलने के बाद नगर निगम के एक्सईएन सहित उनकी टीम ने प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के संबंध में कागजी औपचारिकताएं शुरू कर दी हैं। उधर डेयरी शिफ्टिग प्रोजेक्ट अधर में हटा होने के कारण शहर में सीवरेज व ड्रेनेज सिस्टम भी प्रभावित है। इस प्रोजेक्ट के सिरे चढ़ने से शहर की कई बड़ी समस्याओं का समाधान हो पाएगा।
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छह साल नौ महीने पांच दिन में पूरी नहीं हुई सीएम घोषणा
प्रदेश मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 29 दिसंबर 2014 को डेयरी शिफ्टिग प्रोजेक्ट की घोषणा की थी। प्रदेश मुख्यमंत्री की इस घोषणा को छह साल नौ महीने पांच दिन बीत चुके है यह अभी भी कागजों में ही सफर कर रही है। पिछले करीब छह माह से अधिक समय से निगम सीमा के अनुसार अप्रूव्ड क्षेत्र की शर्त के चलते निगम प्रशासन वहां पर कार्य नहीं करवा पा रहा था। क्योंकि यह जमीन निगम सीमा से बाहर होने के कारण अनअपूव्ड क्षेत्र है। ऐसे में अब इस अड़चन के दूर होने से सीएम घोषणा पर काम हो पाएगा।
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ये भी जानें : 500 से अधिक पशु डेयरी शहर से बाहर होंगी शिफ्ट
नगर निगम की ओर से शहर में पांच या इससे अधिक पशुओं की 410 डेयरियां चिन्हित की थी। छोटी डेयरी सहित शहर में अनुमानित 500 से अधिक पशु डेयरियां शहर से बाहर शिफ्ट होगी।
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प्रोजेक्ट सिरे चढ़ने से इन समस्याओं का होगा समाधान
- सीवरेज सिस्टम जाम की समस्या से करीब 60 से 70 फीसद राहत
- ड्रेनेज सिस्टम में भी रुकवटें काफी हद तक होंगी दूर।
- सड़क पर गोबर के कारण फैली गंदगी से निजात मिलेगी।
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21 साल से कागजों में है प्रोजेक्ट, कब-कब किसने की घोषणा
भाजपा : वर्तमान प्रदेश मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 29 दिसंबर 2014 को डेयरी शिफ्टिग प्रोजेक्ट की घोषणा की थी।
कांग्रेस : कांग्रेस सरकार में साल 2004-05 में प्रपोजल फिर शुरु हुआ। साल 2010 में सर्वे के बाद कागजों में ही प्रोजेक्ट सिमट गया।
इनेलो : इंडियन नेशनल लोकदल की सरकार में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला ने साल 2000 में घोषणा की थी।
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संचालकों को प्रोजेक्ट के अंतर्गत ये मिलेंगी सुविधाएं
पार्किंग, तालाब, चारामंडी, गोबर गैस प्लांट, कम्युनिटी सेंटर, कैटल हास्टल, चिलिग प्लांट, आटोमैटिक मिल्किग प्लांट, मिल्क कलेक्शन सेंटर, शॉपिग सेंटर, एक कैफेटेरिया, वैटनरी अस्पताल, एसटीपी प्लांट इत्यादी कई सुविधाएं मिलेंगी।
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वर्जन
प्रोजेक्ट को सिरे चढ़ाने में आई मुख्य अड़चन में से अप्रूव्ड जमीन की शर्त एक अहम बाधा थी। जो दूर हो गई है। यूएलबी ने अप्रूव्ड क्षेत्र की शर्त हटा दी है। इसके अलावा सीएलयू मिलना भी बाकि है। हालांकि यह जमीन सरकारी है इसलिए सीएलयू में अधिक दिक्कत नहीं आएगी। इसका स्टैंडर्ड डिजाइन भी हमने फाइनल होने के लिए मुख्यालय को भेजा हुआ है।
- संदीप सिहाग, एक्सईएन, नगर निगम हिसार।
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