नई बसों के अभाव में हिसार रोडवेज विभाग को 10 साल पुरानी बसों की करवानी पड़ रही पासिंग
डिपो में करीब 30 से 35 बसों की अप्रुवल अतिरिक्त साल के लिए बढ़ी है। रोडवेज बेड़े में बसों की संख्या बढ़ जाती है। साथ ही यात्रियों को भी बसों की सुविधा मिल जाती है। मगर इन बसों की बाडी सही हो जाती है पर प्रदूषण बढ़ जाता है।
जागरण संवाददाता, हिसार। रोडवेज प्रशासन आज भी 10 साल पुरानी रोडवेज बसों को दौड़ा रहा हैं। इस साल में करीब 30 से 35 बसों की अप्रुवल अतिरिक्त साल के लिए बढ़ी है। ऐसे में रोडवेज बेड़े में बसों की संख्या बढ़ जाती है। साथ ही यात्रियों को भी बसों की सुविधा मिल जाती है। मगर इन बसों की बाडी सही हो जाती है, पर प्रदूषण बढ़ जाता है। इसके अलावा अन्य बसों की अप्रुवल बढ़ाने के लिए तैयारी चल रही है। अगले साल में कुछ ओर बसों की अप्रुवल बढ़ेगी।
रोडवेज अधिकारियों के अनुसार जिन बसों की 10 साल की पासिंग पूरी हो जाती है। उन बसों को पहले चेक किया जाता है कि इंजन कैसा है या बाडी कंडम हो चुकी है या सीटों की भी गुणवत्ता देखी जाती है। इन बसों को मैंटेनेस कर ठीक किया जाता है। किसी बस का इंजन खराब है तो बदल दिया जाता है। अगर बस की बाडी खराब है तो उसे ठीक कर दी जाती है। सीटों को भी बदलकर नई कर दी जाती हैं।
इन दस सालों में अधिकांश बसों की बाडी खराब हो जाती है। इन बसों को अधिकतर ग्रामीण क्षेत्रों में रूटाें पर लगाया जाता है। इसको लेकर इसी साल में हरियाणा सरकार के आदेश आए थे कि 10 साल पुरानी बसों को मैंटेनेस कर अगले पांच साल ओर चलाई जाएगी। वरना पहले 10 साल पुरानी बसों की बोली लगाकर बेच दी जाती थी। इनकी जगह नई बसों को रोडवेज बेड़े में शामिल कर दिया जाता।
एक-एक साल की होती है पासिंग
ऐसे में इन बसों की 10 साल की अवधि पहले से ही खत्म हो गई है। इन बसों को पहले बाडी या मरम्मत का काम कर तैयार किया जाता हैं। इसके बाद बसों को पासिंग के लिए लेकर जाया जाता है। उसके बाद बाडी देखकर पासिंग होती है। 10 साल पूरे हो गए है तो एक-एक साल ही पासिंग होती है।
इस साल आठ नई बसें भी हुई शामिल
इस साल हिसार डिपो में आठ नई रोडवेज बसों को शामिल किया है। इसके अलावा कुछ ओर नई बसें मिलने वाली है। उसके बाद ही बसों की संख्या बढ़ पाएगी और यात्रियों को बस की सुविधा मिलेगी। मगर डिपो में स्टाफ की काफी कमी है। ऐसे में स्टाफ की काफी जरूरी है, ताकि सभी बसों का समय से संचालन हो सके।