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किसान आंदोलन के चलते दिल्ली से नहीं आया माल, झज्जर में 40 फीसद तक बढ़े सब्जियों और फलों के दाम

10 की जगह एक गाड़ी पहुंची सब्जी मंडी। शादी ब्याह के सीजन में बढ़ी दिक्कत। सब्जी मंडी में उपलब्ध सामान के दाम बढ़े ग्राहकों के ऑर्डर नहीं हो पा रहे पूरे। सब्जियां और फ्रूट को लेकर झज्जर का बाजार पूरी तरह से दिल्ली पर निर्भर।

By Umesh KdhyaniEdited By: Published: Fri, 27 Nov 2020 01:52 PM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2020 01:52 PM (IST)
किसान आंदोलन के चलते दिल्ली से नहीं आया माल, झज्जर में 40 फीसद तक बढ़े सब्जियों और फलों के दाम
वीरवार को पुलिस ने गाड़ियां दिल्ली नहीं जाने दीं। इसी कारण दिल्ली के व्यापारियों ने शुक्रवार को माल नहीं भेजा।

हिसार/झज्जर, जेएनएन। झज्जर की सीमा करीब 50 फीसद तक दिल्ली और गुरूग्राम से सटी है। सब्जी मंडी सहित अन्य कारोबार के लिए यहां के व्यापारी सहित जिला के लोग सीधे तौर पर एनसीआर पर निर्भर है। लेकिन, किसानों के आंदोलन की वजह से वीरवार रात से बदले हालात का असर साफ तौर लोगों के जन जीवन पर दिखने लगा है। पहले औसतन जहां दिल्ली की मंडी से करीब 10 गाड़ियां माल लेकर आती थीं। शुक्रवार सुबह सिर्फ एक गाड़ी माल आया है। कारण कि वीरवार को दिल्ली जाने वाली गाड़ियों को पुलिस ने जिला से बाहर नहीं जाने दिया। जबकि, वहां पर पहले से मौजूद एक गाड़ी ही माल लेकर आ पाई है। ऐसी स्थिति में दिल्ली के व्यापारी ने भी झज्जर अपनी गाड़ियां नहीं भेजीं। कुल मिलाकर, शादी ब्याह के इस सीजन में जिस तरह के हालात बने हैं। इसे देखते हुए आमजन की दिक्कत बढ़ती हुई प्रतीत हो रही हैं। 

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सब्जी मंडी में उपलब्ध सामान के दाम बढ़े

मौजूदा समय में हड़ताल का असर उपलब्ध सामान के दाम पर भी देखने को मिला है। 30 से 40 फीसद तक सुबह माल पहले से महंगा बिका। जैसा कि हालात दिख रहे हैं कि शनिवार को भी गाड़ियों से माल आना मुश्किल है। ऐसी स्थिति में सुबह और ज्यादा दाम बढ़ सकते हैं। साथ ही आढ़ती मंडी में पहुंच रहे लोगों के ऑर्डर नहीं पकड़ रहे। जिसकी वजह से लोग खुद दूसरी मंडियों में जाकर घर के लिए एडवांस खरीदारी करके ला रहे हैं। 

सब्जियां और फ्रूट को लेकर झज्जर का बाजार पूरी तरह से दिल्ली पर निर्भर

जिला मुख्यालय स्थित सब्जी मंडी सहित बहादुरगढ़, बेरी, बादली, छुछकवास आदि की मंडी भी दिल्ली पर काफी निर्भर है। प्राय: फ्रूट की सप्लाई गाड़ियों से रोजाना दिल्ली से होती है। कीवी, अमरुद, सेब, संतरा आदि का जो स्टॉक आढ़तियों के पास रखा है, वह उसे ही हिसाब से बेच रहे हैं। क्योंकि, आने की संभावनाओं को लेकर अनिश्चितता है। इसीलिए, हर वर्ग की दिक्कत बढ़ रही है। उधर, दिल्ली के हालात को देखकर गाड़ियों के चालक भी जाने में रूचि नहीं दिखा रहें। उनके मुताबिक जब स्थिति सामान्य होगी वह तभी अपनी गाड़ियां लेकर जाएंगे। किन्हीं परिस्थितियों में अगर गाड़ी फंस गई तो आर्थिक और मानसिक दोनों तरह का नुकसान होगा।


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