सस्ते के लालच में आकर लोग हो रहे ठगी का शिकार, दोस्त, चाचा, ताऊ बनाकर ठगी कर रहे ठग
मनप्रीत सिंह हांसी ऑनलाइन ठग नायाब तरकीबों से लोगों को झांसे में लेकर ठगी की वारदाता
मनप्रीत सिंह, हांसी: ऑनलाइन ठग नायाब तरकीबों से लोगों को झांसे में लेकर ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। अनेक सोशल मीडिया एप पर ठगों का वर्चस्व कायम है और लोग अपनी नासमझी व लालच के झांसे में आकर ठगों के चंगुल में फंस रहे हैं। यही नहीं शातिर ठग फेसबुक हैक कर दोस्त, भाई, चाचा, ताऊ बनकर पैसे की चपत लगा रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान ऐसे करीब 6 मामले सामने आए हैं। इसके अलावा ओएलएक्स व टेलीग्राम ठगों का नए ठिकाने हैं, जहां से ठग लोगों को सस्ते सामान का लालच देकर अपने झांसे में लेते हैं।
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केस -1
सवा लाख की बाइक 20 हजार में लेने निकले युवक
शहर के एक युवक ने साइबर सेल में शिकायत दी है कि उसने ओएलएक्स पर बीस हजार रुपये में प्लसर-220 बाइक का विज्ञापन देखा। इसके बाद उसने रकम खाते में डलवा दी, लेकिन उसे बाइक विक्रेता ने फिर कहा कि अभी 14 हजार रुपये और डलवाने होंगे। युवक ने 14 हजार रुपये भी खाते में डलवा दिए और फिर शातिर ठगों ने ठगी को अंजाम देकर अपना ओएलएक्स अकाउंट ही बंद कर दिया। पैसे गंवाने के बाद युवक को समझ आया कि उसके साथ ठगी हुई है।
केस-2
ऑनलाइन साड़ी विक्रेता को क्यूआर कोड भेज ठगी
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर साड़ियों का काम करने वाली एक महिला ने अपने सोशल मीडिया पर कई वैरायटी की साड़ियों की पोस्ट की थी। महिला के पास फोन आया कि आपकी सारी साड़ियां हमें पसंद हैं आप इनकी कीमत बताएं। ऑफर सुनते ही महिला की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा कि एक साथ इतनी सारी साड़ियों की बिक्री होगी और उसने 22 हजार 800 रुपये कीमत बता दी। ठग ने महिला ने कहा कि आपको वाट्सएप पर क्यूआर कोड भेजा है, उसे स्कैन कर दें आपके खाते में रकम आ जाएगी। महिला ने जैसे ही कोड स्कैन किया तो उसके खाते से 22 हजार रुपये उड़ गए। फिर मोबाइल नंबर बंद हो गया और लालच में फंसी महिला की आंखें खुलीं, लेकिन तब तक ठग अपना काम कर चुके थे।
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फरेब करने से पहले जीतते हैं विश्वास
पुलिस के पास पहुंचे कई मामलों में सामने आया है कि पहले ठगों ने विश्वास जीतने के लिए सामने वाले के खाते में कुछ रुपये डलवाए ताकि उसे पूरा भरोसा हो जाए और फिर तसल्ली से ठगी को अंजाम दिया जा सके। पैसे भेजने के बाद ठग सामने वाले को क्यूआर कोड स्कैन करने का लिक पर क्लिक करने के लिए कहते हैं और स्कैन या क्लिक करते ही खाता साफ हो जाता है।
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सस्ते के लालच में ना फंसे
जिला पुलिस अधीक्षक के निर्देशों पर साइबर टीम लगातार लोगों को जागरूक करने का काम कर रही है। लोगों से अपील है कि किसी भी संदेहास्पद लिक व क्यूआर कोड पर क्लिक ना करें। सस्ते के चक्कर में कतई ना आएं और फोन पर अपने बैंक, एटीएम आदि कोई भी निजी जानकारी किसी को ना दें। एटीएम कार्ड किसी को ना दें और अंतराल पर कोड बदलते रहें।
- विपिन कुमार, इंचार्ज, साइबर सेल।