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हरियाणा के सरकारी स्‍कूलों में अब जमीन पर बैठ ठंड से नहीं ठिठुरेंगे विद्यार्थी, मिलेंगे ड्यूल डेस्‍क

शिक्षा विभाग ने पहली से बारहवीं कक्षा के सभी विद्यार्थियों की संख्या के हिसाब से ड्यूल डेस्क उपलब्ध करवाने की तैयारियां शुरू कर दी है। एमआइएस पोर्टल पर विद्यार्थियों की संख्या के हिसाब से ड्यूल डेस्क उपलब्ध करवाए जाएंगे।

By Jagran NewsEdited By: Manoj KumarPublished: Tue, 04 Oct 2022 07:19 AM (IST)Updated: Tue, 04 Oct 2022 07:19 AM (IST)
हरियाणा के सरकारी स्‍कूलों में अब जमीन पर बैठ ठंड से नहीं ठिठुरेंगे विद्यार्थी, मिलेंगे ड्यूल डेस्‍क
स्कूलों में पहली से बारहवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को उपलब्ध करवाए जाएंगे ड्यूल डेस्क

महेंद्र सिंह मेहरा, सिरसा। सर्दी के मौसम में स्कूलों के विद्यार्थी ठिठुरते नजर नहीं आएंगे। शिक्षा विभाग ने पहली से बारहवीं कक्षा के सभी विद्यार्थियों की संख्या के हिसाब से ड्यूल डेस्क उपलब्ध करवाने की तैयारियां शुरू कर दी है। एमआइएस पोर्टल पर विद्यार्थियों की संख्या के हिसाब से ड्यूल डेस्क उपलब्ध करवाए जाएंगे। मुख्यमंत्री के निर्देश पर शिक्षा विभाग की ओर से राजकीय स्कूलों को टाट-पट्टी से मुक्त करने की कवायद शुरू होगी।

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खंड स्तर पर ड्यूल डेस्क उपलब्ध

जिलों में सबसे पहले एक खंड में ड्यूल डेस्क उपलब्ध करवाए जाएंगे। खंड के करीब 200 स्कूलों में शुरुआती चरण में ड्यूल डेस्क मिलेंगे। इसके लिए मुख्यालय की ओर विशेष रूप से बजट भी जारी किया गया है। बजट और सैंपल के आधार पर स्थानीय बाजार से स्कूल खुद डेस्क खरीदेंगे। इस कार्य में स्कूल मुखिया का स्कूल प्रबंधन कमेटी (एसएमसी) मदद करेगी। विभाग की ओर से 400 रुपये प्रति बैंच के हिसाब से करीब सवा छह लाख रुपये का बजट जारी किया गया है।

सिरसा में छह हजार ड्यूल डेस्क की जरूरत

सिरसा जिले में 845 सरकारी स्कूल हैं। खंड के कई स्कूल ऐसे हैं, जहां आधे से ज्यादा विद्यार्थी जमीन पर बैठकर कक्षाएं लगाते हैं। अधिकारियों के अनुसार करीब छह हजार बैंच की जरूरत है। कई स्कूल ऐसे हैं जहां 20 से 30 बैंच की जरूरत है। वहीं कई स्कूल ऐसे भी हैं, जहां 200 से ज्यादा बैंच भेजे जाने हैं। ऐसे में फिलहाल छात्र संख्या के हिसाब से जरूरत को देखते हुए स्कूल वाइज रिपोर्ट तैयार की जा रही है। स्कूलों से मिली रिपोर्ट के प्राथमिक आंकड़ों के अनुसार खंड के 200 स्कूलों में दो हजार से ज्यादा बैंच कंडम स्थिति में हैं। जिन्हें कबाड़ या खाली जगह पर रखा गया है। अधिकारियों के अनुसार नए बैंच लाने के साथ-साथ ऐसे बैंचों को भी ठीक किया जाएगा। जो भी हिस्सा खराब होगा, उसे बदलकर बैंच को इस्तेमाल करने लायक बनाया जाएगा।


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