दुष्कर्म केस में DSP ने हटा दी दो धाराएं, रोहतक कोर्ट ने कहा, जज मत बनो, DSP ही रहो
कोर्ट में जब दुष्कर्म के आरोपी ने जमानत के लिए याचिका लगाई तो कोर्ट ने डीएसपी को कोर्ट में बुलाया और फटकार लगाते हुए कहा कि जब पीडि़ता बयान से नहीं मुकरी तो धाराएं क्यों हटाई।
रोहतक [विनीत तोमर] जज मत बनो, डीएसपी ही रहो। कोर्ट का रोल कैसे अदा कर सकते हो। मामले की कानून के मुताबिक निष्पक्ष तरीके से जांच होनी चाहिए। रोहतक में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरपी गोयल की कोर्ट ने दुष्कर्म के मामले में धाराएं हटाने पर डीएसपी को कड़ी फटकार लगाते हुए यह टिप्पणी की। साथ ही दुष्कर्म के आरोपित की अग्रिम जमानत का फैसला भी नहीं दिया। इसके लिए अगली तारीख दी गई है।
मामले के अनुसार जिले की एक महिला ने युवक पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। पीडि़ता की शिकायत के बाद कलानौर थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया।
जिसमें धारा 376, 377 और 498 लगाई गई। महिला उत्पीडऩ का मामला होने के कारण इसकी जांच डीएसपी को सौंपी गई। डीएसपी ने जांच के दौरान दुष्कर्म की धारा 376 और 377 को हटा दिया। जिसके बाद आरोपित ने अपने वकील के माध्यम से अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरपी गोयल की कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर कर दी। कोर्ट ने अग्रिम जमानत में दिए गए आधार के सभी तथ्य देखे। इसके बाद डीएसपी को नोटिस भेजकर कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया। कोर्ट ने डीएसपी से इन दोनों धाराओं को हटाने की वजह पूछी।
कोर्ट ने यह भी कहा कि जब शिकायतकर्ता अपने बयान से नहीं मुकरी तो किस आधार पर यह धारा हटाई गई है। कोर्ट डीएसपी के जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ और कड़ी फटकार लगाते हुए यह टिप्पणी की। साथ ही शिकायतकर्ता के 164 के बयान दोबारा कराए जाए। इसके अलावा कोर्ट ने आरोपित की अग्रिम जमानत पर फिलहाल कोई भी फैसला नहीं दिया। कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 17 अगस्त की तारीख दी है। जिस पर अग्रिम जमानत को लेकर फैसला होगा।
डीएसपी को दी चेतावनी, दोबारा ऐसा किया तो डीजीपी को लिखा जाएगा
कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए डीएसपी को चेतावनी भी दी है। इसमें कहा कि भविष्य में इस तरह का मामला आया तो इसे डीजीपी हरियाणा के संज्ञान में लाया जाएगा।
कोर्ट ने एसपी को भेजा नोटिस, डीएसपी पर लो एक्शन
दरअसल, पिछली सुनवाई में जब डीएसपी कोर्ट पेश नहीं हुए तब जाकर कोर्ट की तरफ से एसपी को नोटिस भेजा गया। इसमें कहा गया कि नोटिस भेजने के बाद भी डीएसपी कोर्ट में नहीं आ रहे हैं, उन पर कार्रवाई होनी चाहिए। एसपी को नोटिस जाने के बाद अब डीएसपी कोर्ट में पेश हुए।