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नशेडि़यों में तेजी से फैल रहा एचआइवी, 40 फीसद से ज्यादा युवा पीडि़त

नए आंकड़ों के मुताबिक इंजेक्शन से नशा करना युवाओं में एचआइवी के फैलने का सबसे बड़ा कारण बन रहा है। नशे की गिरफ्त में आने के बाद एचआइवी से बचने का इन युवाओं को ध्यान ही नहीं रहता।

By manoj kumarEdited By: Published: Mon, 18 Mar 2019 06:07 PM (IST)Updated: Mon, 18 Mar 2019 06:07 PM (IST)
नशेडि़यों में तेजी से फैल रहा एचआइवी, 40 फीसद से ज्यादा युवा पीडि़त
नशेडि़यों में तेजी से फैल रहा एचआइवी, 40 फीसद से ज्यादा युवा पीडि़त

बहादुरगढ़, जेएनएन। जवानी की दहलीज पर कदम रखते ही जो युवक नशे की लत का शिकार हो रहे हैं, उन्हें अब एचआइवी (एड्स का वायरस) का डंक भी लग रहा है। इंजेक्शन से नशा करने वाले युवाओं में 40 फीसद से ज्यादा एचआइवी का शिकार हो चुके हैं। एक तरफ नशा फैल रहा है तो उसके साथ-साथ एचआइवी भी पांव पसार रहा है।

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दरअसल, अब तक तो असुरक्षित यौन संबंध ही एड्स के वायरस एचआइवी के फैलने का कारण बन रहा था, मगर नए आंकड़ों के मुताबिक इंजेक्शन से नशा करना युवाओं में एचआइवी के फैलने का सबसे बड़ा कारण बन रहा है। नशे की गिरफ्त में आने के बाद एचआइवी से बचने का इन युवाओं को ध्यान ही नहीं रहता।

पांच नए केस इसी महीने आए सामने

दरअसल, एचआइवी का संक्रमण अब फैल रहा है। पिछले दो साल से बहादुरगढ़ में एचआइवी के पॉजीटिव मामलों में प्रत्याशित वृद्धि दर्ज की गई है। साल भर में जो पॉजीटिव केस 40 से 45 के बीच मिलते थे, उनकी संख्या अब 60 से ऊपर जा रही है। पिछले साल यह आंकड़ा और बढ़ा है। चिंता का विषय तो यह है कि 50 फीसद मामलों में पति-पत्नी दोनों ही संक्रमित हो रहें हैं और इससे भी आगे अब जो नवयुवक नशे की गिरफ्त में हैं, वे भी एचआइवी संक्रमित हो रहे हैं।

वर्ष 2016 में बहादुरगढ़ के आइसीटीसी में 9 हजार लोगों का एचआइवी टेस्ट हुआ। इनमें से 40 लोग पॉजीटिव पाए गए थे। 2017 में 10 हजार 620 लोगों का टेस्ट हुआ। इनमें से 61 पॉजीटिव मिले थे। वर्ष 2018 में साढ़े 9 हजार से ज्यादा लोगों का टेस्ट हुआ और 60 से ज्यादा पॉजीटिव पाए गए। इस साल में अभी तक 10 केस सामने आ चुके हैं। इनमें से पांच तो एक महीने के अंदर मिले हैं और ये सभी वे नवयुवक हैं, जो इंजेक्शन से नशा करते हैं। कई तो किशोरावस्था में ही नशे के आदि हो चुके हैं।

ऐसे फैल रही यह बीमारी

वैसे तो एचआइवी पॉजीटिव होने और उसके बाद एड्स की जद में आने से आज ज्यादातर लोग वाकिफ ही हैं मगर फिर भी असावधानी बरती जा रही है। अगर एक सामान्य व्यक्ति एचआइवी संक्रमित व्यक्ति के यौन संपर्क में आता है तो उसे एड्स हो सकता है। एचआइवी पॉजीटिव होने के कुछ साल बाद जब संक्रमित व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता क्षीण हो जाती है, तब उसे घातक रोग घेर लेते हैं। उस स्थिति को एड्स कहते हैं।

चार तरीकों से एड्स फैलने का डर

एड्स चार तरीकों से ही होता है। पीडि़त व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंध स्थापित करने से, संक्रमित रक्त से, संक्रमित सुई के उपयोग से, एड्स संक्रमित मां से उसके होने वाली संतान को। फिलहाल एक ही सुईं के बार-बार उपयोग से युवाओं में एचआइवी फैल रहा है। ऐसे युवा नशे की गिरफ्त में हैं और नशे के इंजेक्शन लेते हैं। कहीं भी किसी भी तरह की सीरिंज मिलने पर उसका उपयोग करते हैं। कई युवा एक साथ इंजेक्शन लगाते हैं तो एक ही सुईं का इस्तेमाल करते हैं।

इंजेक्शन से नशा छुड़ाने को चल रहा ओएसटी सेंटर

बहादुरगढ़ के सिविल अस्पताल में ओएसटी सेंटर चल रहा है। यहां इंजेक्शन से नशा करने वालों को इस लत से बाहर निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके दो फायदे हैं। एक तो युवाओं का नशा छुड़ाया जा रहा है, दूसरा यदि नशे के आदि लोग इंजेक्शन से नशा नहीं करेंगे तो एचआइवी को भी फैलने से रोका जा सकेगा।

ये होते हैं एड्स के लक्षण

वजन का काफी हद तक कम हो जाना। लगातार खांसी बने रहना। बार-बार जुकाम का होना। बुखार, सिरदर्द, थकान, शरीर पर लाल निशान बनना, हैजा, भोजन से अरुचि और लसीकाओं में सूजन आ जाता है। हालांकि इनमें से ज्यादातर लक्षण अन्य रोग में भी हो सकते हैं। ऐसे में समय-समय पर एचआइवी टेस्ट भी करवाना जरूरी है।

...सरकार की ओर से लोगों को एचआइवी टेस्ट की सुविधा प्रदान करने के साथ ही इस लाइलाज बीमारी से बचने के लिए भी उपाय सुझाए जा रहें हैं। ऐसे में लोगों को जागरूक होना चाहिए और स्वास्थ्य व परिवार का ध्यान रखते हुए सावधानी बरतनी चाहिए।

--डा. रणबीर खासा, एसएमओ, सिविल अस्पताल


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