बूंदाबांदी और हवा की गति से छट रहा प्रदूषण, रोहतक में भी एक्यूआइ हुआ बेहतर
रोहतक शहर में वायु प्रदूषण का सबसे बड़ा कारक वाहनों से निकलने वाले धुएं व बड़े निर्माण कार्य हैं। नवंबर माह में एकाएक एक्यूआइ बेहद खराब स्थिति में पहुंच गया था। हवा की गति बढ़ने व बूंदाबांदी से एक बार फिर प्रदूषण छटने लगा है।
रोहतक, जेएनएन। बूंदाबांदी से ठंड बढ़ने के साथ ही प्रदूषण में भी कमी आई है। रोहतक में सोमवार सुबह 11.30 बजे तक एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) 103 माइक्रो क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया। जोकि स्वास्थ्य के लिहाज से संतोषजनक है। शहर में वायु प्रदूषण का सबसे बड़ा कारक वाहनों से निकलने वाले धुएं व बड़े निर्माण कार्य हैं। नवंबर माह में एकाएक एक्यूआइ बेहद खराब स्थिति में पहुंच गया था। हवा की गति बढ़ने व बूंदाबांदी से एक बार फिर प्रदूषण छटने लगा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि मौसम में बदलाव से अक्सर वर्टिकल इनवरशन की स्थति बन जाती है। जोकि, नवंबर-अक्टूबर माह में ज्यादा रहती है। फिलहाल, यह स्थति गुजर गई है, इस स्थति में प्रदूषक हवा में बहुत ही नीचे तैरते रहते हैं, इनके संपर्क में आने से बीमार होने का खतरा बढ़ जाता है। आने वाले दिनों में यदि हवा की गति बढ़ती है या बूंदाबांदी हो जाती है तो एक्यूआइ और अच्छे स्तर तक पहुंच सकता है। जबकि इन दिनों प्रदूषण बढ़ जाता है। इस बार ठंड भी अपना रिकॉर्ड तोड़ती नजर आ रही है। ठंड के कारण दिन में भी शीतलहर चल रही है।
सुबह के समय यह रही प्रदूषकों की स्थिति
प्रदूषक हवा में प्रदूषक की मात्रा
एनोटू 78 97 128
एसओटू 12 22 25
सीओ 18 25 32
पीएम 2.5 18 103 250
(सभी प्रदूषक माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर में हैं)