सिरसा में बेटियों के सपनों को मिलेगी नई उड़ान, ग्रामीणों ने चौपाल में बनाई लाइब्रेरी
डबवाली के गांव अहमदपुर दारेवाला में डॉ. भीमराव आंबेडकर स्पोट्स क्लब ने गांव की चौपाल में खोली लाइब्रेरी। ड्रीम पॉइंट के नाम से खोले गए इस लाइब्रेरी में दो महिला शिक्षकों को किया नियुक्ति। जो छात्राओं को अंग्रेजी तथा गणित पढ़ाएंगी।
जेएनएन, डबवाली (सिरसा)। बेटी-बहू पढऩा चाहती हैं। कुछ कर दिखाने का जुनून सवार है। इसलिए घर का चूल्हा-चौका छोड़कर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने निकली हैं। अव्यवस्थाएं सफलता की सीढ़ी में बाधा बनी हुई हैं। बस सुविधा ना बराबर होने के कारण साढ़े 3 किलोमीटर पैदल चलना पड़ रहा है। घर पहुंचने में कुछ देरी हो जाए तो स्वजनों के माथे पर चिंता की लकीरें नजर आती हैं। यह हिंदी फिल्म की कहानी का कोई हिस्सा नहीं है। बल्कि डबवाली के गांव अहमदपुर दारेवाला की करीब तीन दर्जन बेटियां ऐसी पीड़ा हंसी-हंसी सह रही हैं। इसका कारण है कि उन्होंने आत्मनिर्भरता का सपना देखा है। सपनों को नई उड़ान देने के लिए ग्रामीण आगे आए हैं। डॉ. भीमराव आंबेडकर स्पोट्स क्लब ने गांव की चौपाल में लाइब्रेरी खोल दी है। जिसका नाम रखा है ड्रीम पॉइंट।
निश्शुल्क मिलेगी शिक्षा, व्यवस्था के लिए देना होगा मामूली सा पैसा
ड्रीम प्वाइंट केवल महिलाओं के लिए होगा। इसमें दो महिला शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। जो अंग्रेजी तथा गणित पढ़ाएंगी। इसके अतिरिक्त ढेर सारी किताबें रखी जाएंगी। जो प्रतियोगी परीक्षाओं पर आधारित होंगी। ताकि पढ़ाई में किताबों की कमी बाधा न बने। गांव की बहू या बेटी को घर द्वार पर कोचिंग मिल सकें। इसके अतिरिक्त लाब्रेरी में एक रजिस्टर रखा गया है। पढऩे आने वाली महिला अपना सवाल रजिस्टर में लिख सकेगी। 24 घंटे में सवालों का निपटारा होगा। पाठन संबंधी पूरी सुविधा बिल्कुल निश्शुल्क मिलेगी। हालांकि लाइब्रेरी को संचालित करने के लिए संबंधित को 300 रुपये मासिक अदा करने होंगे।
बेटियां घरों में कैद होकर रह गई
दरअसल, गांव अहमदपुर दारेवाला में महिलाओं का एक समूह कार्यरत है जिसका नाम है प्रगत स्वंय सहायता समूह। इसकी प्रधान हैं सरोज रोलण। उन्होंने दारेवाला से करीब साढ़े 3 किलोमीटर दूर गांव बिज्जूवाली से पैदल घर लौटते गांव की युवतियों को देखा। पता चला कि वे गांव गोरीवाला में कोचिंग लेने जाती हैं। उन्हें बिज्जूवाली तक वाहन सुविधा मिल जाती है। आगे उन्हें पैदल घर लौटना पड़ता है। समूह की सदस्यों से बात की तो पता चला कि असुविधा के कारण कुछ बेटियां तो घर में कैद हो गई हैं। हालांकि वे पढऩा-सीखना चाहती हैं।
ड्रॉप आऊट बेटियों को लाया जाएगा ड्रीम पॉइंट
ग्रामीण रामकुमार जोगपाल, पूर्व सरपंच गोविंद राम कालड़ा, सूरजभान पिलानिया, काका गिल उर्फ चरणजीत गिल ने संयुक्त रूप से ड्रीम पॉइंट का शुभारंभ किया है। इस मौके पर संदीप जोगपाल, अजय रोलण, ओमप्रकाश टेलर, सरोज रोलण, कुसुम तनेजा, बिमला देवी शीला, प्रेम मैनेजर मौजूद थे। लाइब्रेरी का संचालन करने वाले क्लब सदस्यों का कहना है कि 1 अप्रैल से ड्रीम पॉइंट विधिवत तरीके से कार्य शुरू करेगा। तीन माह की अवधि में वे ग्रामीणों के सहयोग से प्रतियोगी बुक्स जुटाएंगे। पढ़ाई से दूर हुई बेटियों को ड्रीम पॉइंट में लाने के लिए अभियान चलाएंगे, ताकि वे सपने साकार कर सकें।